उड रहे है आपके चारो ओर जो सप्तरंग, सतरंगी सा आपका भी आज कुछ मिजाज लगता है
जाने कोन सी मिट्टी से गढी है ये कोमल काया ,इस चारू चेहरे पर तो क्यूट सा हर लिबाज लगता है
ना है कजरे की धार, ना ही कोइ साज श्रृंगार ना ही मोतियो के हार की जरूरत है इस अप्सरा को
सादगी, आंखों की शरारत और लवो की मोहक मुस्कान से ही हर एक मन मोह लेती हो,आपका बेहद खास हमे ये अंदाज लगता है
HAPPY HOLI
©Monu Saini
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