Babu lal mehra

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I'm Motivational speaker and story writer business advisor so please Like share and comment thank you

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#कॉमेडी #कुछ_पल
#कुछ_यादें #ज़िन्दगी

लॉकडाउन है मेरी भाभी को हल्का सा बुकार आया तो हम डॉक्टर के पास ले गए 1 मई की बात है डॉक्टर साहब ने देखने से मना कर दिया हम कई सारे हॉस्पिटल ले गए किसी ने नही देखा फिर एक प्राईवेट अस्पताल ले गए मे नाम नही लुंगा पर हा वहा एडमिट कर दिया सारे टेस्ट हुए 3तीसरे दिन रिपोर्ट आई कोरोना पोजिटिव 8 दिन के बाद फिर निगेटिव रिपोर्ट आई 12 दिन मे 2 लाख 70 हजार का बिल हुआ हमने दिया जेसे ही पूरे पैसे सुबह 11 बजे जमा किया तो शाम 7 बजे हमे डॉक्टर ने कहा शी इज डेड वो मर चुकी है हमने पूछा कब तो जवाब मिला 5 बजे तो बताया क्यू नही 1 हफ्ते से हमे मिलने भी नही दिया गया वेंटीलेटर का बहाना बना कर मिलने नही देते घर से बाहर निकले तो लॉकडाउन है जब भाभी का अंतिम संस्कार किया तो उसके परिवार से कोई नही आया महज हम घर के 10 लोग थे जहा देखो लूट मारी चल रही है इंसानो की कोई कीमत नही सबको पैसे चाहिए इंसानियत तो मर चुकी है क्यू की लॉकडाउन है कहानी अच्छी लगे तो लाइक और शेयर करे ©Babu lal mehra

#ज़िन्दगी #lockdown2021  लॉकडाउन है 
मेरी भाभी को हल्का सा बुकार आया तो हम डॉक्टर के पास ले गए 1 मई की बात है डॉक्टर साहब ने देखने से मना कर दिया हम कई सारे हॉस्पिटल ले गए किसी ने नही देखा फिर एक प्राईवेट अस्पताल ले गए मे नाम नही लुंगा पर हा वहा एडमिट कर दिया सारे टेस्ट हुए 3तीसरे दिन रिपोर्ट आई कोरोना पोजिटिव 8 दिन के बाद फिर निगेटिव रिपोर्ट आई 12 दिन मे 2 लाख 70 हजार का बिल हुआ हमने दिया जेसे ही पूरे पैसे सुबह 11 बजे जमा किया तो शाम 7 बजे हमे डॉक्टर ने कहा शी इज डेड वो मर चुकी है हमने पूछा कब तो जवाब मिला 5 बजे तो बताया क्यू नही 1 हफ्ते से हमे मिलने भी नही दिया गया वेंटीलेटर का बहाना बना कर मिलने नही देते घर से बाहर निकले तो लॉकडाउन है जब भाभी का अंतिम संस्कार किया तो उसके परिवार से कोई नही आया महज हम घर के 10 लोग थे जहा देखो लूट मारी चल रही है इंसानो की कोई कीमत नही सबको पैसे चाहिए इंसानियत तो मर चुकी है क्यू की लॉकडाउन है कहानी अच्छी लगे तो लाइक और शेयर करे

©Babu lal mehra

लॉकडॉउन है #lockdown2021

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रात के 12 बजे ये कोई कहानी नही है हकीकत है जो मेरे साथ बीती हे जब मे दिल्ली के आजाद नगर मे काम करता था मे एक वेल्डिग की दुकान पर काम करता था हम तीन लोग थे हमारा रहना खाना सब दुकान मे ही था दो दिन बीत गए तीसरे दिन रात मे अचानक मेरा पेट गडबड हो गया था समय था रात के 12.15 बजे मे उठा बाथरुम गया जैसे ही वापस सोने लगा तो मुझे कुछ आवाजे सुनाई दी जो सामने के घर से आ रही थी मेने अपने साथी को उठाया और कहा कुछ आवाजे आ रही है तो उसने कहा सोजा कुछ नही है वो सो गया पर मुझे निंद नही आई सुबह जब सेठ आया तो मेने सब बात बताई तो सेठ ने कहा उस घर की तरफ तुम ध्यान मत दो तो मेने कहा मे रात भर सो नही पाया बर्तन की आवाजे आ रही थी जो सुबह 5 बजे बन्द हुई तब सेठ ने कहा तुम सुन सकते हो तो सुनो जिसे तुम घर कह रहे हो दरासल वो एक बेकरी थी ब्रेड बनती थी उस मे आज से 2 साल पहले नाईट शिफ्ट मे करीब 12.15 बजे उस मे आग लग गई 45 लोग काम कर रहे थे उस मे से 16 लोग जल कर मर गए तब से ये बेकरी बन्द पड़ी है रात के 12 से 5 बजे तक आवाजे आती है तब मुझे यकीन नही हुआ तो शाम को मे सोया नही 12 बजे आवाजे आनी शुरू हो गई तो मे दुकान के छत पर गया ये देखने की आवाजे कोनसे मंजिल से आ रही है बेकरी 4 मंजिल थी तो मेने देखा व्हाइट कपडे पहने मुहू ढका मात्र आंखे दिख रही थी लाइट के उजाले मे सब कुछ साफ दिख रहा था वो सब काम कर रहे थे मेरे रोम रोम काफने लगा मे भाग कर निचे आया चुपचाप सो गया दूसरे दिन काम को किया अलविदा उस कॉलोनी ही छोड दिया अगर मेरी पोस्ट अच्छी लगी तो लाइक शेयर करना ©Babu lal

#Rose  रात के 12 बजे
ये कोई कहानी नही है हकीकत है जो मेरे साथ बीती हे जब मे दिल्ली के आजाद नगर मे काम करता था मे एक वेल्डिग की दुकान पर काम करता था हम तीन लोग थे हमारा रहना खाना सब दुकान मे ही था दो दिन बीत गए तीसरे दिन रात मे अचानक मेरा पेट गडबड हो गया था समय था रात के 12.15 बजे मे उठा बाथरुम गया जैसे ही वापस सोने लगा तो मुझे कुछ आवाजे सुनाई दी जो सामने के घर से आ रही थी मेने अपने साथी को उठाया और कहा कुछ आवाजे आ रही है तो उसने कहा सोजा कुछ नही है वो सो गया पर मुझे निंद नही आई सुबह जब सेठ आया तो मेने सब बात बताई तो सेठ ने कहा उस घर की तरफ तुम ध्यान मत दो तो मेने कहा मे रात भर सो नही पाया बर्तन की आवाजे आ रही थी जो सुबह 5 बजे बन्द हुई तब सेठ ने कहा तुम सुन सकते हो तो सुनो जिसे तुम घर कह रहे हो दरासल वो एक बेकरी थी ब्रेड बनती थी उस मे आज से 2 साल पहले नाईट शिफ्ट मे करीब 12.15 बजे उस मे आग लग गई 45 लोग काम कर रहे थे उस मे से 16 लोग जल कर मर गए तब से ये बेकरी बन्द पड़ी है रात के 12 से 5 बजे तक आवाजे आती है तब मुझे यकीन नही हुआ तो शाम को मे सोया नही 12 बजे आवाजे आनी शुरू हो गई तो मे दुकान के छत पर गया ये देखने की आवाजे कोनसे मंजिल से आ रही है बेकरी 4 मंजिल थी तो मेने देखा व्हाइट कपडे पहने मुहू ढका मात्र आंखे दिख रही थी लाइट के उजाले मे सब कुछ साफ दिख रहा था वो सब काम कर रहे थे मेरे रोम रोम काफने लगा मे भाग कर निचे आया चुपचाप सो गया दूसरे दिन काम को किया अलविदा उस कॉलोनी ही छोड दिया 
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रात 12 बजे की शिफ्ट #Rose

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