Mukesh Bisht

Mukesh Bisht Lives in Delhi, Delhi, India

मैं प्रकृति और कविता

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धूल भरी किताबों के बीच मुड़े हुए पन्नों को ढूंढता हूं मैं औरों को मनाते-मनाते अकसर खुद से रुठता हूं मैं कभी खुद से ही बनता हूं तो कभी खुद में ही टूटता हूं मैं सफर में यूं ही चलते चलते रास्तों से रास्ता पूछता हूं मैं कभी बादलों के पीछे छिपे आसमान को ढूंढता हूं मैं कभी इंसान में ही कही इंसान को ढूंढता हूं मैं !!

#जिंदगी #कविता #mukeshbishtpoem #hindiwriting #hindi_poetry  धूल भरी किताबों के बीच
मुड़े हुए पन्नों को ढूंढता हूं मैं
औरों को मनाते-मनाते
अकसर खुद से रुठता हूं मैं
कभी खुद से ही बनता हूं तो
कभी खुद में ही टूटता हूं मैं
सफर में यूं ही चलते चलते 
रास्तों से रास्ता पूछता हूं मैं
कभी बादलों के पीछे छिपे
आसमान को ढूंढता हूं मैं
कभी इंसान में ही कही
इंसान को ढूंढता हूं मैं !!

खुद में ही कहीं खुद को ढूंढता हूं मैं a poetry by Mukesh bisht #hindi_poetry #khoj #mukeshbisht #hindiwriting #खोज #जिंदगी #mukeshbishtpoem #darkness

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कहीं कातिल साबित ना कर दे दुनिया मुझे मैं ख्वाबों को दफन करने लगा हूं !!

#RaysOfHope  कहीं कातिल साबित ना कर दे दुनिया मुझे
मैं ख्वाबों को दफन करने लगा हूं !!
#विचार #Nojotoonline #Inspiration #mukeshbisht
#विचार #enviromentday #5thjune #Dreams  "Pain of the Earth"😥

हर मर्ज की दवा है उसके पास मेरे हर मुश्किल का जवाब है वो क्या लिखूं "ईजा" के बारे में खुद में पूरी किताब है वो !!

#HappyMothersDay #Mothers❤ #बात #Trending #Mother  हर मर्ज की दवा है उसके पास 
मेरे हर मुश्किल का जवाब है वो
क्या लिखूं "ईजा" के बारे में 
खुद में पूरी किताब है वो !!

घायल कर के मुझे उसने पूछा, करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे, लहू-लहू था दिल मेरा मगर होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।

#hindishayri #Trending #lockdown #Broken #Hindi  घायल कर के मुझे उसने पूछा,
करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,
लहू-लहू था दिल मेरा मगर
होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।
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