।।दिल की कलम से।।

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Life Like जिंदगी की तरह उम्मीदें मुझे रूलाती रही, खुशियों की जो दरख्वास्त थी मुझे, खुशियाँ वही मुझे बस सताती ही रही। न जिंदगी सुलझी, न उम्मीदें ही पूरी हुई, गमें-दर्द मिलते ही रहे मुझको, जिंदगी भी हर मोड़ पर रूलाती ही रही। कल था अधूरा आज भी हश्र वही है, मुझे मेरी किस्मत की लकीरों पर, उम्मीदों सा कोई भरोसा नही है। ©।।दिल की कलम से।।

#कविता #Lifelike  Life Like जिंदगी की तरह उम्मीदें मुझे रूलाती रही,
खुशियों की जो दरख्वास्त थी मुझे,
खुशियाँ वही मुझे बस सताती ही रही।
न जिंदगी सुलझी, न उम्मीदें ही पूरी हुई,
गमें-दर्द मिलते ही रहे मुझको,
जिंदगी भी हर मोड़ पर रूलाती ही रही।
कल था अधूरा आज भी हश्र वही है,
मुझे मेरी किस्मत की लकीरों पर,
उम्मीदों सा कोई भरोसा नही है।

©।।दिल की कलम से।।

#Lifelike

16 Love

Life Like उम्मीदें मेरी हर बार टूट कर बिखर जाती है, बहुत तड़पाती है, मुझे बहुत रूलाती है। टूट कर आईने सी चुभन भर जाती है, ज़ख्म हर बार मुझे गहरे दे जाती है। उम्मीदें हर बार जाने कयूँ जुड़ जाती है, हर बार दिल को ज़ख्में-दर्द दे जाती है। करूँ कया मैं अपनी ऐसी उम्मीदों का, संग जिंदगी मे हर बार अधूरी रह जाती है। उम्मीदें मेरी हर बार टूट कर बिखर जाती है...... ©।।दिल की कलम से।।

#कविता #Lifelike  Life Like उम्मीदें मेरी हर बार टूट कर बिखर जाती है,
बहुत तड़पाती है, मुझे बहुत रूलाती है।
टूट कर आईने सी चुभन भर जाती है,
ज़ख्म हर बार मुझे गहरे दे जाती है।
उम्मीदें हर बार जाने कयूँ जुड़ जाती है,
हर बार दिल को ज़ख्में-दर्द दे जाती है।
करूँ कया मैं अपनी ऐसी उम्मीदों का,
संग जिंदगी मे हर बार अधूरी रह जाती है।
उम्मीदें मेरी हर बार टूट कर बिखर जाती है......

©।।दिल की कलम से।।

#Lifelike

12 Love

ग़र शिद्द्त से चाहो किसी को, सारी का़यनात मिल जाती है, कोशिशें उनकी बहुत होती है, और मुलाकात हो ही जाती है। यादें चाहतों की ठहर जाती है, सारी का़यनात जुड़ जाती है। नामुमकिन मुमकिन हो जाता है, मुहब्बत जब सामने होती है। ©।।दिल की कलम से।।

#relaxation #लव  ग़र शिद्द्त से चाहो किसी को, 
सारी का़यनात मिल जाती है,
कोशिशें उनकी बहुत होती है, 
और मुलाकात हो ही जाती है।
यादें चाहतों की ठहर जाती है, 
सारी का़यनात जुड़ जाती है।
नामुमकिन मुमकिन हो जाता है, 
मुहब्बत जब सामने होती है।

©।।दिल की कलम से।।

#relaxation

14 Love

#विचार #SunSet  शाम आज कुछ सूनी है,
आसमां भी सूना है।
तंहा सा समां है शाम का,
ज्यों इंतजार मे थमा है।
आसमां आज केसरिया है,
शामे-अंदाज भी जुदा है।
इंतज़ार मे वक्त ठहरा है,
या शाम पर पहरा है।
शाम आज कुछ सूनी है,
आसमां भी सूना है।

©।।दिल की कलम से।।

#SunSet

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उड़ता था कभी स्वछंद नील गगन मे, न कोई बंधन था इस जीवन मे। बंधी है जबसे किसी की प्रीति संग मे, उड़ना भूल गया मैं नील गगन मे। थम सी गई जैसे इस जीवन की राहें, मंजिल मिली बस प्रीत मिलन मे। कैद हो गई खुशियाँ अब तो मेरी, बंधा रहा मैं प्रीति मगन मे। ©।।दिल की कलम से।।

#विचार #thepredator  उड़ता था कभी स्वछंद नील गगन मे,
न कोई बंधन था इस जीवन मे।
बंधी है जबसे किसी की प्रीति संग मे,
उड़ना भूल गया मैं नील गगन मे।
थम सी गई जैसे इस जीवन की राहें,
मंजिल मिली बस प्रीत मिलन मे।
कैद हो गई खुशियाँ अब तो मेरी,
बंधा रहा मैं प्रीति मगन मे।

©।।दिल की कलम से।।

#thepredator

8 Love

रोशनी अक्सर झरोखों से देखती है, मेरी तंहाईयां मुझको समेटती है। रोशनी से अब दूरियां बहुत रहती है, मेरी तंहाईयां मुझे लपेटे रहती है। अंधेरों से रिश्ता अब बंध सा गया है, अपनों ने रिश्तों मे जब से तंहा किया है। रोशनी अब मुझे सुहाती कहाँ है, सहारा अंधेरों का जबसे हासिल हुआ है। ©।।दिल की कलम से।।

#शायरी  रोशनी अक्सर झरोखों से देखती है,
मेरी तंहाईयां मुझको समेटती है।
रोशनी से अब दूरियां बहुत रहती है,
मेरी तंहाईयां मुझे लपेटे रहती है।
अंधेरों से रिश्ता अब बंध सा गया है,
अपनों ने रिश्तों मे जब से तंहा किया है।
रोशनी अब मुझे सुहाती कहाँ है,
सहारा अंधेरों का जबसे हासिल हुआ है।

©।।दिल की कलम से।।

रोशनी

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