Adbhut Alfaz

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ज़िन्दगी समझ आ गई तो अकेले में भी मेला, नहीं आई ना दोस्त तो इंसान मेले में भी अकेला।।

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#लव #ishq

कैसे बताऊं मैं तुम्हें मेरे लिए तुम कौन हो कैसे बताऊं कैसे बताऊं मैं तुम धड़कनों का गीत हो जीवन का तुम संगीत हो तुम ज़िंदगी तुम बंदगी तुम रोशनी तुम ताज़गी तुम हर खुशी तुम प्यार हो तुम प्रीत हो मनमीत हो आँखों में तुम यादों में तुम साँसों में तुम आहों में तुम नींदों में तुम ख्वाबों में तुम तुम हो मेरी हर बात में तुम हो मेरे दिन रात में तुम सुबह में तुम शाम में तुम सोच में तुम काम में मेरे लिए पाना भी तुम मेरे लिए खोना भी तुम मेरे लिए हँसना भी तुम मेरे लिए रोना भी तुम और जागना सोना भी तुम जाऊं कहीं

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प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम। भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।। प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम। तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।। लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च। सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।। नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम। एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।। द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:। न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।। विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्। पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।। जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्। संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।। अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत। तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।। ॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥ ©Adbhut Alfaz

#पौराणिककथा #GaneshChaturthi #ganesha  प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।

भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।

तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।।

लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।

सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।।

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम।

एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।।

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।

न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।

पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।।

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्।

संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।। 

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।

तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।। 

॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

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#पौराणिककथा  बंसी सब सुर त्यागे है, 
एक ही सुर में बाजे है
हाल न पूछो मोहन का, 
सब कुछ राधे राधे है

- Zubair Ali Tabish

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बंसी सब सुर त्यागे है, एक ही सुर में बाजे है हाल न पूछो मोहन का, सब कुछ राधे राधे है - Zubair Ali Tabish ©Adbhut Alfaz

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पढ़ाई चल रही है जिंदगी की, अभी उतरा नहीं बस्ता हमारा.. - शारीक़ कैफ़ी ✍️ ©Adbhut Alfaz

#जानकारी #Teachersday #reading  पढ़ाई चल रही है जिंदगी की, 
अभी उतरा नहीं बस्ता हमारा.. 
- शारीक़ कैफ़ी ✍️

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किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा मुनव्वर राना✍️ ©Adbhut Alfaz

 किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा 

अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा 

मुनव्वर राना✍️

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#rakshabandhan

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गैर हुए जो पल भर में उन अपनों के पीछे भागे दूर तलक हम जाने कितने रिश्तों के पीछे भागे हमने ख़ुद ही आंँखों के इस ख़ालीपन को भरा नहीं जाने कितने ख़्वाब हमारी आंँखों के पीछे भागे ~ मोहन मुंतज़िर ©Adbhut Alfaz

#शायरी #Raat  गैर हुए जो पल भर में उन अपनों के पीछे भागे 

दूर तलक हम जाने कितने रिश्तों के पीछे भागे 

हमने ख़ुद ही आंँखों के इस ख़ालीपन को भरा नहीं

जाने कितने ख़्वाब हमारी आंँखों के पीछे भागे

~ मोहन मुंतज़िर

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