शहर मेरा तू बस हमेशा ही आबाद रहना
जुबा पे तेरा नाम हो और हमेशा सलामत रहना
मै रहू कही भी मगर याद तेरी मेरे साथ रहे
मेरा बचपन और वो सारे अपने मेरे
दिल मै रहते वो सारे यही पास मेरे
मै दिल से जुड़ा हूँ मेरी मिट्टी से यही
आशिक को दुआ मे याद करे बस यही
रिश्ते बदले नाते बदले,ये बदली दुनिया सारी
बचपन की ना यारी बदली,कहती दुनिया सारी
भाई से बढ़कर दोस्त है मेरे, ये दोस्ती है कुछ ऐसी
हर सुख-दुख मै ये काम आये चाहे कितनी हो कठिनाई
मै दूर रहूँ या पास रहूँ वो रहते दिल मै पास मेरे
झगड़ा हो जाने पर वो रहते पीछे खड़े तैयार मेरे!!!
Aasik Khan Raslana
शहर की भीड़ आज हम भी शहर की भीड़ की कतार मै लगे है
हमे भी कतार से निकल कर बनना है कुछ नायाब हीरा ऐसा
क्योकी मुझे भीड़ मै नही भीड़ मेरे लिए हो कुछ बनना है ऐसा
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here