Anamika Tripathi

Anamika Tripathi Lives in Delhi, Delhi, India

Teacher, Writer, Artist and PSYCHOLOGIST

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देख आसमान लोगो का काला रंग। आज वो भी रो पड़ा। क्या वो भी आज उदासियों से घिर गया? रोता वो भी अपने चमकने से रोना का ईशारा सा दे गया। देख आसमान लोगो का बदलता रंग आज वो भी रो पड़ा। ©Anamika Tripathi

#rainfall #poem  देख आसमान 
लोगो का काला रंग। 

आज वो भी रो पड़ा। 

क्या वो भी आज उदासियों से घिर गया? 

रोता वो भी अपने चमकने से
रोना का ईशारा सा दे गया। 

देख आसमान
लोगो का बदलता रंग

आज वो भी रो पड़ा।

©Anamika Tripathi

#rainfall

13 Love

पायल जोरों से शोर करती इतराती, इठलाती,बलखाती। मेरे कदमों को खूबसूरत अंदाज देती। पास बुलाती उन्हें। छनछन करते हुए। मेरे सवालों का जवाब देती हुई। अपने शोर से पूरे शहर को जगाती। पायल, खूबसूरत शोर मचाती। -- अनामिका त्रिपाठी ©अनामिका त्रिपाठी

 पायल जोरों से शोर करती
 इतराती, इठलाती,बलखाती। 
 
 मेरे कदमों को खूबसूरत अंदाज देती। 
 पास बुलाती उन्हें। 

छनछन करते हुए। 
मेरे सवालों का जवाब देती हुई। 

अपने शोर से पूरे शहर को जगाती। 
पायल, खूबसूरत शोर मचाती। 

-- अनामिका त्रिपाठी

©अनामिका त्रिपाठी

पायल जोरों से शोर करती इतराती, इठलाती,बलखाती। मेरे कदमों को खूबसूरत अंदाज देती। पास बुलाती उन्हें। छनछन करते हुए। मेरे सवालों का जवाब देती हुई।

12 Love

#poem #ownvoice #Love #self_written #selflove #Love_a_mental_disease

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असल में जो मर रहा है वो ही जीना सिखा रहा है, और जो जी रहा है वो ही नाटक मचाए बैठा है। अनामिका..

#flyhigh  असल में जो मर रहा है
वो ही जीना सिखा रहा है,
और जो जी रहा है
वो ही नाटक मचाए बैठा है।



              अनामिका..

#flyhigh

14 Love

ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं।वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है।

#Life_experience #mentalHealth  ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं।वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है।

ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं।वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है।

#Life_experience #mentalHealth  ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं।वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है।
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