Abdur Rahman Sajid

Abdur Rahman Sajid

Insta: awara_shayer_ , mai koi shayer nhi bs jazbat likh jaata hoon , log use shayeri bna dete hai .

https://youtu.be/wCpCHQ9cgbk

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کیسے سنبھالو اس دل کو، یہ دل تیرا طلبگار ہو گیا۔ تیری یادوں کے سہارے جینے کا خمار ہوگیا، تری بے رخی سے بھی سے پیار ہوگیا۔ تیری جھیل سے گہری آنکھوں میں، ڈوبنے کا یہ حقدار ہوگیا۔ کیسے سنبھالو اس دل کو، یہ دل تیرا طلبگار ہو گیا۔ گلاب کی پنکھڑیوں سے تیرے ہونٹوں سے، ایک جام کا دیدار ہو گیا۔ تجھے چاہنے کی یہ کیسی ضد ہے، تیری چاہت کو بے قرار ہو گیا۔ کیسے سنبھالو اس دل کو، یہ دل تیرا طلبگار ہو گیا۔ بے وفائی کرنے کی تیری وہ عادت، تیری بے وفائی سے بھی اسے پیار ہوگیا۔ تیرے سینے میں دل ہے، یہ دل اس کا ہم خیال ہو گیا۔ کیسے سنبھالو اس دل کو، یہ دل تیرا طلبگار ہو گیا۔ وہ تیرے آنکھوکی خاموش جادوگری، تیرا حسن ہے یا قدرت کی کوئی کاریگری۔ تیرا چہرہ ہے یا کوئی کونل، یہ کسی شاعر کی ہو تم ایک غزل۔ کیسے سنبھالو اس دل کو، یہ دل تیرا طلبگار ہوگیا۔ "اوارا شاعر"

#Heart  کیسے سنبھالو اس دل کو،
 یہ دل تیرا طلبگار ہو گیا۔
 
 تیری یادوں کے سہارے جینے کا خمار ہوگیا،
تری بے رخی سے بھی سے پیار ہوگیا۔
تیری جھیل سے گہری آنکھوں میں،
ڈوبنے کا یہ حقدار ہوگیا۔

کیسے سنبھالو اس دل کو،
یہ دل تیرا طلبگار ہو گیا۔

گلاب کی پنکھڑیوں سے تیرے ہونٹوں سے،
ایک جام کا دیدار ہو گیا۔
تجھے چاہنے کی یہ کیسی ضد ہے،
تیری چاہت کو بے قرار ہو گیا۔

کیسے سنبھالو اس دل کو،
یہ دل تیرا طلبگار ہو گیا۔

بے وفائی کرنے کی تیری وہ عادت،
تیری بے وفائی سے بھی اسے پیار ہوگیا۔
تیرے سینے میں دل ہے،
یہ دل اس کا ہم خیال ہو گیا۔

کیسے سنبھالو اس دل کو،
یہ دل تیرا طلبگار ہو گیا۔

وہ تیرے آنکھوکی خاموش جادوگری،
تیرا حسن ہے یا قدرت کی کوئی کاریگری۔
تیرا چہرہ ہے یا کوئی کونل،
یہ کسی شاعر کی ہو تم ایک غزل۔

کیسے سنبھالو اس دل کو،
یہ دل تیرا طلبگار ہوگیا۔

"اوارا شاعر"

#Heart

4 Love

कैसे संभालु इस दिल को, ये दिल तेरा तलबगार हो गया। तेरी यादों के सहारे जीने का खुमार हो गया, तेरी बेरुखी से भी इसे प्यार हो गया। तेरी झील सी गहरी आंखों में, डूबने का ये हकदार हो गया। कैसे संभालूं इस दिल को, ये दिल तेरा तलबगार हो गया। गुलाब की पंखुड़ियों से तेरे होंों से, एक जाम का दीदार हो गया। तुझे चाहने की ये कैसी जिद है, तेरी चाहत को बेकरार हो गया। कैसे संभालूं इस दिल को, ये दिल तेरा तलबगार हो गया। बेवफ़ाई करने की तेरी आदत , तेरी बेवफाई से भी इसे प्यार हो गया। तेरी सीने में जो दिल है, ये दिल उसका हमख्याल हो गया। कैसे संभालूं इस दिल को, ये दिल तेरा तलबगार हो गया। @awara_shayer_ वो तेरी आंखो की खामोश जादूगरी, तेरा हुस्न है या कुदरत की कोई कारीगरी। तेरा चेहरा है या कोई कंवल, या किसी शायर की हो तुम एक ग़ज़ल। कैसे संभालूं इस दिल को, ये दिल तेरा तलबगार हो गया।

#loV€fOR€v€R #Bewafai #Ishq❤ #Beauty #Heart  कैसे संभालु इस दिल को,
ये दिल तेरा तलबगार हो गया।

तेरी यादों के सहारे जीने का खुमार हो गया,
तेरी बेरुखी से भी इसे प्यार हो गया।
तेरी झील सी गहरी आंखों में,
डूबने का ये हकदार हो गया।

कैसे संभालूं इस दिल को,
ये दिल तेरा तलबगार हो गया।

गुलाब की पंखुड़ियों से तेरे होंों से,
एक जाम का  दीदार हो गया।
तुझे चाहने की ये कैसी जिद है,
तेरी चाहत को बेकरार हो गया।

कैसे संभालूं इस दिल को,
ये दिल तेरा तलबगार हो गया।

बेवफ़ाई करने की तेरी आदत ,
तेरी बेवफाई से भी इसे प्यार हो गया।
तेरी सीने में जो दिल है,
ये दिल उसका हमख्याल हो गया।

कैसे संभालूं इस दिल को,
ये दिल तेरा तलबगार हो गया।

@awara_shayer_

वो तेरी आंखो की खामोश जादूगरी,
तेरा हुस्न है या कुदरत की कोई कारीगरी।
तेरा चेहरा है या कोई कंवल,
या किसी शायर की हो तुम एक ग़ज़ल।

कैसे संभालूं इस दिल को,
ये दिल तेरा तलबगार हो गया।
#Muhabbat #faasla #Door #poem

वो दरवाजे पर खड़ी थी,,, मैं खिड़की के पास खड़ा था.. फासले कम थे खिड़की _दरवाजे के,, मगर दिल भी अपनी ज़िद अरा था... @awara_shayer_ निगाहें मिल रही थी दोनों कि,,, दिलों के मिलने में फासला बड़ा था... फिर हुआ यूं कुछ के,वक़्त गुजरता गया, फासला बढ़ता गया... वो दरवाजे पर खड़ी रही, मैं खिड़की पर खड़ा रहा... बात पहले कौन करें, यही सोचकर खड़ा रहा.... वो शर्माती रही , मै डरता रहा,, वो दरवाजे पर खड़ी रही , मै खिड़की पर खड़ा रहा..... मै इज़हार करने से डरता रहा, वो भी इकरार से डरती रही.... मुहब्बत ऑर भी बढ़ती रही,, वो दरवाजे पर खड़ी रही , मै खिड़की पर खड़ा रहा.... दिलों में उनके खुमार बढ़ता रहा, दरमियान उनके इंतजार बढ़ता रहा.... सिलसिला यूंही चलता रहा,,, वो दरवाजे पर खड़ी रही, मै खिड़की पर खड़ा रहा....

#फासला #love😍 #Morning  वो दरवाजे पर खड़ी थी,,,
मैं खिड़की के पास खड़ा था..
 फासले कम थे खिड़की _दरवाजे के,,
मगर दिल भी अपनी ज़िद अरा था...

@awara_shayer_

निगाहें मिल रही थी दोनों कि,,,
दिलों के मिलने में फासला बड़ा था...
फिर हुआ यूं कुछ के,वक़्त गुजरता गया, 
फासला बढ़ता गया...
वो दरवाजे पर खड़ी रही, मैं खिड़की पर खड़ा रहा...

बात पहले कौन करें,
यही सोचकर खड़ा रहा....
वो शर्माती रही , मै डरता रहा,,
वो दरवाजे पर खड़ी रही , मै खिड़की पर खड़ा रहा.....

मै इज़हार करने से डरता रहा, 
वो भी इकरार से डरती रही....
मुहब्बत ऑर भी बढ़ती रही,,
वो दरवाजे पर खड़ी रही , मै खिड़की पर खड़ा रहा....


दिलों में उनके खुमार बढ़ता रहा,
दरमियान उनके इंतजार बढ़ता रहा....
सिलसिला यूंही चलता रहा,,,
वो दरवाजे पर खड़ी रही, मै खिड़की पर खड़ा रहा....

#Morning #love😍 #emotions💔 #फासला

5 Love

कैसे सह जाते हैं लोग❓ बिन अल्फ़ाज़ कैसे रह जाते हैं लोग... कसमें, वादे सब तोड़ जाते हैं लोग.... खुद में रह जाते है लोग.... ये दुनियां है साहब,,,, मुहब्बत❤️ में अक्सर लोग.... खुदी को बेच कर ,,,, बेखुदी में डूब जाते है लोग......❓ @awara_shayer_ کیسے سہ جاتے ہیں لوگ۔۔❓ بن الفاظ کیسے رہ جاتے ہیں لوگ۔۔۔ قسمیں وعدے سب توڑ جاتے ہیں لوگ۔۔۔ خود میں رہ جاتے ہیں لوگ۔۔ یہ دنیا ہے صاحب،،، محبت کیسے کر جاتے ہیں لوگ۔۔۔❓ خودی کو بیچ کر،،، بےخودی میں ڈوب جاتے ہیں لوگ۔۔۔

#Ishq❤ #bekhudi #Bewafa #Dhoka #khudi  कैसे सह जाते हैं लोग❓
बिन अल्फ़ाज़ कैसे रह जाते हैं लोग...
कसमें, वादे सब तोड़ जाते हैं लोग....
खुद में रह जाते है लोग....

ये दुनियां है साहब,,,,
मुहब्बत❤️ में अक्सर लोग....
खुदी को बेच कर ,,,,
बेखुदी में डूब जाते है लोग......❓

@awara_shayer_

کیسے سہ جاتے ہیں لوگ۔۔❓
بن الفاظ کیسے رہ جاتے ہیں لوگ۔۔۔
قسمیں وعدے سب توڑ جاتے ہیں لوگ۔۔۔
خود میں رہ جاتے ہیں لوگ۔۔

یہ دنیا ہے صاحب،،،
محبت کیسے کر جاتے ہیں لوگ۔۔۔❓
خودی کو بیچ کر،،،
بےخودی میں ڈوب جاتے ہیں لوگ۔۔۔

Pen, paper and poetry have healed me much better than any doctor ever could. @awara_shayer_

#L♥️ve #Life❤  Pen, paper and poetry have healed me much better than any doctor ever could.
 @awara_shayer_
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