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Student
White उसने मुझे इतना रुला दिया प्यार व्यार से भरोसा उठा दिया जिसे हमने बयां कर दिए थे सारे राज अपने, उसने घर में घुस कर पीठ मे छुरा चला दिया वो कल तक कहते थे नहीं फर्क पड़ता लोगों से उन्हें, आज उन्होंने लोगों के लिए मुझसे पीछा छुड़ा लिया न जाने क्यों मुझे अक्सर लोग आजमाते है, जिसे आगे बढ़ाया उसी ने मुझे पीछे हटा दिया खता इसमे उसकी कुछ नहीं ये मेरी बदकिस्मती है, सहारा जिसको भी दिया उसने ही नीचे गिरा दिया जो कहते थे डर लगता है खो न दे कंही हमको, करवा चौथ करने वालों ने ही मेरे मरने का पत्रा निकलवा दिया. ✒️नीलेश सिंह ©Nilesh
Nilesh
14 Love
Men walking on dark street एक ख्वाहिश है की.................. उसके कंधे पर सिर रख कर जी भरकर रो लू, और मेरे आंसू खतम हो जाए, ताकि जीवन में कोई भी परिस्थिति मुझे रुला न पाए और फिर मैं दूर बहुत दूर चला जाऊँ............. ©Nilesh
रंग छूने से हम डरते है क्योंकि रंग बदलने वाले हमे मिलते है रिश्ता बनाने वाले बहुत मिलते है लेकिन रिश्ता जो निभा सके वैसे लोग नहीं मिलते है रंग लगाने वाले बहुत मिलते है लेकिन जीवन में रंग भरने वाले नहीं मिलते है ✒️नीलेश सिंह ©Nilesh
15 Love
मातृभूमि का एहसान है मुझ पर रोम रोम कर्जदारी हूं सीता जिसकी जनक दुलारी राम जी का ससुरारी हूं हाँ मैं बिहारी हूँ ✒️नीलेश सिंह पटना ©Nilesh
13 Love
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World Poetry Day 21 March रोता रहा, कहता रहा,आंसुओ को रोक नहीं पाया सोचा था जिसे हमने,हकीकत में बदल नहीं पाया अधूरे रह गए किस्से,कहानी बन न पाए वो, कभी मैं कह नहीं पाया,कभी वो सुन नहीं पाया ✒️नीलेश सिंह पटना विश्वविद्यालय ©Nilesh
10 Love
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