Kunal Rajput (नज़र نظر)

Kunal Rajput (नज़र نظر)

अजीब तौर से आगे बढ़ा हूँ ज़िन्दगी में मैं नीचे आ रहा हूँ और सीढ़ी चढ़ रहा हूँ عجیب طور سے آگے بڑھا ہوں زندگی میں میں نیچے آ رہا ہوں اور سیدھی چڑھ رہا ہوں — नज़र نظر

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#ghazal अपने ही ज़हन का मारा हुआ मैं अपने ही जिस्म से हारा हुआ मैं اپنے ہی ذہن کا مارا ہوا میں اپنے ہی جسم سے ہارا ہوا میں जुगनू से ज्यूँ ही सितारा हुआ मैं वैसे ही सबको गवारा हुआ मैं جگنو سے جیوں ہی ستارہ ہوا میں ویسے ہی سبکو گوارا ہوا میں बारहा वो मुझे याद आता है जिस्म से मेरे उतारा हुआ मैं بارہا وو مجھے یاد آتا ہے جسم سے میرے اُتارا ہوا میں जाने किस सिम्त में गुम हो गया है वो जो था एक सँवारा हुआ मैं جانے کس سمت میں گم ہو گیا ہے وو جو تھا ایک سنوارا ہوا میں हर दफ़ा हारा वो मुझसे लेकिन भीड़ के आगे नकारा हुआ मैं ہر دفعہ ہارا وو مجھسے لیکن بھیڑ کے آگے نکارا ہوا میں मारा था ख़ुद को मशक़्क़त से 'नज़र' हाय पर ख़ुद को दुबारा हुआ मैं مارا تھا خد کو مشقت سے ' نظر ' ہای پر خد کو دوبارہ ہوا میں — नज़र نظر गवारा - Acceptable बारहा - Again and Again , बार - बार #एक_ख़याल ©Kunal Rajput (नज़र نظر)

#एक_ख़याल #Quotes #ghazal #Lumi  #ghazal 

अपने ही ज़हन का मारा हुआ मैं
अपने ही जिस्म से हारा हुआ मैं
اپنے ہی ذہن کا مارا ہوا میں
اپنے ہی جسم سے ہارا ہوا میں
जुगनू से ज्यूँ ही सितारा हुआ मैं
वैसे ही सबको गवारा हुआ मैं 
جگنو سے جیوں ہی ستارہ ہوا میں
ویسے ہی سبکو گوارا ہوا میں

बारहा वो मुझे याद आता है
जिस्म से मेरे उतारा हुआ मैं
بارہا وو مجھے یاد آتا ہے
جسم سے میرے اُتارا ہوا میں
जाने किस सिम्त में गुम हो गया है
वो जो था एक सँवारा हुआ मैं
جانے کس سمت میں گم ہو گیا ہے
وو جو تھا ایک سنوارا ہوا میں
हर दफ़ा हारा वो मुझसे लेकिन
भीड़ के आगे नकारा हुआ मैं
ہر دفعہ ہارا وو مجھسے لیکن
بھیڑ کے آگے نکارا ہوا میں
मारा था ख़ुद को मशक़्क़त से 'नज़र'
हाय पर ख़ुद को दुबारा हुआ मैं
مارا تھا خد کو مشقت سے ' نظر '
ہای پر خد کو دوبارہ ہوا میں

— नज़र نظر

गवारा - Acceptable
बारहा - Again and Again , बार - बार

#एक_ख़याल

©Kunal Rajput (नज़र نظر)

#Lumi

12 Love

#एक_ख़याल #admiration #ghazal  नहीं आती ( ग़ज़ल )

#ghazal तुम्हें जिस तौर लगता है मुझे वैसी नहीं आती ग़ज़ल लिखनी तो आती है मगर कहनी नहीं आती تمہیں جس طور لگتا ہے مجھے ویسی نہیں آتی غزل لکھنی تو آتی ہے مگر کھنی نہیں آتی ज़ियादा ऊँचे सपने हों तो फिर परवाज़ भी रख तेज़

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#saleemkausar #Recital #ghazal #breeze  कोई और है (ग़ज़ल)
 सलीम कौसर
#SorrowFeelings #AhmadSalman #Recital #ghazal  लोग समझे ( ग़ज़ल ) 
अहमद सलमान
#एक_ख़याल #krishna_flute #ghazal  होती नहीं ( ग़ज़ल )

आठवाँ शे'र Cigarette और Cigarette पीने वालों को समर्पित 😀 #ghazal कुछ शौक़ ऐसे होते हैं जिनसे गुज़र होती नहीं फिर जिनसे होती है गुज़र कार-ए-अमर होती नहीं کچھ شوق ایسے ہوتے ہیں جنسے گزر ہوتی نہیں پھر جنسے ہوتی ہے گزر کارِ عمر ہوتی نہیں

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#एक_ख़याल #ILoveCricket #ghazal  करके ( ग़ज़ल )

#ghazal इक तवाज़ुन सा रख बना करके ख़ुशी में ग़म ज़रा मिला करके اِک توازن سا رکھ بنا کرکے خشی میں غم ذرا ملا کرکے ख़ुदा से आपकी दुआ करके रखें'गे आपको ख़ुदा करके

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