Indu Prabha

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I do not always want to be a leader, but I can not stand getting behind someone who is sloppy and inefficient.

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#lovebeat

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#तुमभीतोहाथआगेबढ़ाओ #बात

खुल के कह दूं कोई बात, तो बुरी हूं कुछ ना बोलूं, तो घमंडी हूं बिना कुछ कहे सिर्फ़ सुनती जाऊं, तो संस्कारी हूं कभी बयां कर दूं दिली ख़्वाहिश, तो उदंड हूं सीख रही हूं मैं अब नाप तोल कर बोलना पर क्या करूं आख़िर में मैं भी तो इंसान ही हूं। -induprabha

#बात  खुल के कह दूं कोई बात, तो बुरी हूं
कुछ ना बोलूं, तो घमंडी हूं
बिना कुछ कहे सिर्फ़ सुनती जाऊं, तो संस्कारी हूं
कभी बयां कर दूं दिली ख़्वाहिश, तो उदंड हूं
सीख रही हूं मैं अब
नाप तोल कर बोलना
पर क्या करूं
आख़िर में मैं भी तो 
इंसान ही हूं।

                            -induprabha

🙂

9 Love

कहानी तो सबकी ही होती है, फ़र्क तो बस अंदाज़-ए-बयां का है, साइकिल चलाना सीखने के लिए ना जाने कितने बार गिरे हैं ये तो फ़िर भी ज़िंदगी है, जब तक हार शामिल ना हो, सीखने का मतलब ही कहां है। -induprabha

#बात  कहानी तो सबकी ही होती है,
फ़र्क तो बस अंदाज़-ए-बयां का है,
साइकिल चलाना सीखने के लिए
ना जाने कितने बार गिरे हैं
ये तो फ़िर भी ज़िंदगी है,
जब तक हार शामिल ना हो,
सीखने का मतलब ही कहां है।

                                     -induprabha

🙂🙂🙂✌️

10 Love

कैसे कह दूं वो सब आज अचानक से मैं काफ़ी अरसे से जो दफ़न है सीने में मेरे, सिर्फ़ वक़्त ही नहीं ख़ुद पर भी दांव खेला है मैंनें, कुछ हाथ लगा या नहीं ये तो बाद की बात है, लेकिन जो सीख मिली वो किसी उपहार से कम नहीं। *"ज़रूरत से ज़्यादा वक़्त, प्यार और इज्ज़त, सबको हज़म नहीं होता" -induprabha

#बात  कैसे कह दूं वो सब
आज अचानक से मैं
काफ़ी अरसे से जो दफ़न है सीने में मेरे,
सिर्फ़ वक़्त ही नहीं
ख़ुद पर भी दांव खेला है मैंनें,
कुछ हाथ लगा या नहीं
ये तो बाद की बात है,
लेकिन जो सीख मिली 
वो किसी उपहार से कम नहीं।

*"ज़रूरत से ज़्यादा वक़्त, प्यार और इज्ज़त, सबको हज़म नहीं होता"
 
                       -induprabha

🙂🙂🙏

9 Love

चाहा तो यही था मैंने, कि रोक़ लूं मैं सदा के लिए अपने पास ही उसे, लेकिन यही तो ख़ास बात है ज़िंदगी की, कि सिर्फ़ एक जगह ये किसी को रूकने नहीं देती। वक़्त बदला, हालात बदले, कुछ ज़रूरतें, तो कुछ ख़यालात बदले, आज वापस मुड़ के देखती हूं तो महसूस होता है, कि अच्छा हुआ जो परिस्थितियों के साथ, थोड़ा-सा हम भी बदले। -induprabha

#थोड़ा #बात  चाहा तो यही था मैंने,
कि रोक़ लूं मैं सदा के लिए
अपने पास ही उसे,
लेकिन यही तो ख़ास बात है ज़िंदगी की,
कि सिर्फ़ एक जगह 
ये किसी को रूकने नहीं देती।
वक़्त बदला, हालात बदले,
कुछ ज़रूरतें, तो कुछ ख़यालात बदले,
आज वापस मुड़ के देखती हूं
तो महसूस होता है,
कि अच्छा हुआ
जो परिस्थितियों के साथ,
थोड़ा-सा हम भी बदले।

                            -induprabha

#थोड़ा बदलना तो लाज़मी है

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