Kumar Alok

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Motivational speaker, Kavi, Banker

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कहानी लिख दूं....

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#Motivational

जीवन में खुशहाल कैसे रहें। कुमार आलोक।

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मुझे चाहने वाले बहुत थे संसार में उनके प्यार को कमाया था मैने व्यवहार में किया था मदद जब वो लाचार थे चलते हमारे लाखों के व्यापार थे समय ने मारी पलटी सब बदल गया आज मेरी ही दुकान है,जहां कल तक लगते बाजार थे।। ©Poet Kumar Alok

#पौराणिककथा #shaadi  मुझे चाहने वाले बहुत थे संसार में
उनके प्यार को कमाया था मैने व्यवहार में
किया था मदद जब वो लाचार थे
चलते हमारे लाखों के व्यापार थे
समय ने मारी पलटी सब बदल गया
आज मेरी ही दुकान है,जहां कल तक लगते बाजार थे।।

©Poet Kumar Alok

#shaadi

6 Love

प्रेमी मै तेरा हूं,तुम मेरी हो कहने में अचरज क्यों लगती है कहता लाख तुमसे हूं,लगता है तुम न सुनती हो।। तेरी नजरों में फेर है,या नजर फेरने के लिए चश्मा लगाती हो मै फिरा बैठा हूं तेरी नज़र में,फिर देखकर नजरे क्यों झुकाती हो तुम्हारे शर्माने की अदा है कोई,या सच में देखकर शर्माती हो क्या वजह है बातो को खत्म कर देती हो शुरू करने से पहले,प्यार ही क्यों करती हो जब इतना लजाती हो।। शर्म भी शरमा जाती है,लज्जा खुद लजा जाती है जब जुल्फे झटकते ही इतना इतराती हो।। प्रेमिका तुम छोड़ न दो कहीं बीच राह में,बस यही बात खटकती है कहना तो मैं भी बहुत कुछ चाहती,इसी डर से हर बात अटकती है। लज्जा और शर्म आभूषण हैं मेरे,इसलिए मेरे पास फटकती है देखते है टूटते वादें और कसमें,बस यही बात मेरे मन में मचलती है। कोई ला दो दवा या करा दो इलाज,मिलने से पहले छूटने की बात खटकती है।। ©Poet Kumar Alok

#कामुकता #SunSet  प्रेमी
मै तेरा हूं,तुम मेरी हो कहने में अचरज क्यों लगती है
कहता लाख तुमसे हूं,लगता है तुम न सुनती हो।।
तेरी नजरों में फेर है,या नजर फेरने के लिए चश्मा लगाती हो
मै फिरा बैठा हूं तेरी नज़र में,फिर देखकर नजरे क्यों झुकाती हो
तुम्हारे शर्माने की अदा है कोई,या सच में देखकर शर्माती हो
क्या वजह है बातो को खत्म कर देती हो शुरू करने से पहले,प्यार ही क्यों करती हो जब इतना लजाती हो।।
शर्म भी शरमा जाती है,लज्जा खुद लजा जाती है
जब जुल्फे झटकते ही इतना इतराती हो।।

प्रेमिका
तुम छोड़ न दो कहीं बीच राह में,बस यही बात खटकती है
कहना तो मैं भी बहुत कुछ चाहती,इसी डर से हर बात अटकती है।
लज्जा और शर्म आभूषण हैं मेरे,इसलिए मेरे पास फटकती है
देखते है टूटते वादें और कसमें,बस यही बात मेरे मन में मचलती है।
कोई ला दो दवा या करा दो इलाज,मिलने से पहले छूटने की बात खटकती है।।

©Poet Kumar Alok

premi aur premika ka वार्तालाप #SunSet

2 Love

#ज़िन्दगी #kavita

#kavita

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