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जिनके बातों से हमे फर्क़ पड़ता था हमने उनकी अहमियत कम कर दी अपनी जिंदगी में अब कोई फर्क़ नहिं पड़ता .
White राह चलते हर मुसाफिर से दिल नहीं लगाते दिल लग भी जाए तो कोई तस्वीर नहीं बनाते l और फिर भी अगर बन जाए तस्वीर कोई तो उसे फाड़ो मियाँ ,आगे बढ़ो.. कि हर मुसाफिर के बिछुड़ने के दुःख नहीं मनाते l ©Roshani Thakur
Roshani Thakur
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वो आँखों में सब्र समेट कर निकली है तेरे महफिल से l दुआ कर कि उससे फिर मुलाकात न हो अब वो वफा नहीं जला देगी तुमको l ©Roshani Thakur
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White माँ तुमसे बिना माँगे मेरी पसंद की चीजे तुम्हारी थाली से ले लेती थी और अपने बच्चों को बिना उनके माँगे अपनी थाली से उनकी पसंद की चीजे दे देती हूँ l अब ये मैं कैसे हो गयी तुम्हीं बताओं माँ l ©Roshani Thakur
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White इतनी गहराई है तुझमें कि समुंदर समा जाए l फिर कुछ शब्दों में क्या कहूँ ,तेरे लिएl कि तुझसे ही मैं और मुझमें तू ही तू फिर तेरे लिए मैं क्या लिखू "माँ" ©Roshani Thakur
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