begani kalam

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यह ठहरी "कलम" अक्सर करती है अपने आप से कई सारे सवाल शायद जिनके जवाब की खोज में ही ये "बेगानी" बन अक्सर चलती रहती है।।

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साल तो हर साल बदलते है तुम ना बदलना इन साल की तरह बेशक नए साल में, नए लोगों के साथ नई यादें सँजोना तुम पर, पुरानी यादों को तुम बहा ना देना, पानी की तरह ।। बेगानी कलम✍️ ©begani kalam

#HappyNewYear #newyear #thought #Quotes  साल तो हर साल बदलते है
तुम ना बदलना इन साल की तरह
बेशक नए साल में, नए लोगों के साथ
नई यादें सँजोना तुम
पर, पुरानी यादों को तुम
बहा ना देना, पानी की तरह ।।
बेगानी कलम✍️

©begani kalam

Happy New year 💝 #HappyNewYear #thought #Life #Love #newyear

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बदनाम है वो तो बस मुंहफट के लिए दुनियां ने अभी उसे कहां पहचाना है।। ©begani kalam

#Nojoto2liner #sagarkinare #beganikalam #MyThoughts #Attitude  बदनाम है वो तो बस मुंहफट के लिए
दुनियां ने अभी उसे कहां पहचाना है।।

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गांवों में जन्म लेती संवेदना अक्सर शहरों में दम तोड़ देती है।। ©begani kalam

#thought_of_the_day #hindi_poetry #beganikalam #village #thought  गांवों में जन्म लेती संवेदना
 अक्सर शहरों में दम तोड़ देती है।।

©begani kalam

साँझ शाम का रंग जरा देखो तो... चारदीवारी में सिमटे कमरे की घुटन से बाहर निकलकर जरा तुम खुले आसमां में खुलकर श्वास लेकर तो देखो ढलते सूरज की लालिमा में दिवाकर का यूं गुम हो जाना तो देखो भोर के कलरव को सांझ ढले अपने ठिकाने की ओर जाते तो देखो वृक्षों, टहनियों और पत्तियों का यूं हिल-हिल कर तुम्हे बुलाना तो देखो ये रंग-रंगीली, साज - सजीली शाम इठलाती हुई आयी है तुमसे मिलने को, तुम जरा बाहर आकर इस शाम का रंग तो देखो।। ©begani kalam

#beganikalam #Quotes #saanjh  साँझ  शाम का रंग जरा देखो तो...
चारदीवारी में सिमटे कमरे की घुटन से बाहर निकलकर जरा 
तुम खुले आसमां में खुलकर श्वास लेकर तो देखो

ढलते सूरज की लालिमा में दिवाकर का यूं गुम हो जाना तो देखो

भोर के कलरव को सांझ ढले अपने ठिकाने की ओर जाते तो देखो

वृक्षों, टहनियों और पत्तियों का यूं हिल-हिल कर तुम्हे बुलाना तो देखो

ये रंग-रंगीली, साज - सजीली 
शाम इठलाती हुई आयी है तुमसे मिलने को,

तुम जरा बाहर आकर 
इस शाम का रंग तो देखो।।

©begani kalam

शाम का रंग जरा देखो तो..... #saanjh #beganikalam

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पूरी रात जो लट्ठू ख़ुद को उजालों का सरताज समझता रहा अगली भोर की पहली किरण के साथ सारा भ्रम चकनानूर हो गया।। ©begani kalam

#thought_of_the_day #beganikalam #MyThoughts #myquotes #Quotes  पूरी रात जो लट्ठू ख़ुद को 
उजालों का सरताज समझता रहा
अगली भोर की पहली किरण के साथ 
सारा भ्रम चकनानूर हो गया।।

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दिल मोहलत तो नही देता तुझसे बात करने की लेकिन चाह तो आज भी है तेरा दर्द बांटने की ।। ©begani kalam

#शायरी #WritingForYou #beganikalam  दिल मोहलत तो नही देता तुझसे बात करने की
लेकिन चाह तो आज भी है तेरा दर्द बांटने की ।।

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दिल मोहलत तो नही देता तुझसे बात करने की लेकिन चाह तो आज भी है तेरा दर्द बांटने की ।। #beganikalam #WritingForYou

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