Motivational writer

Motivational writer Lives in Ghaziabad, Uttar Pradesh, India

अहम की अकड़ जितनी ढ़ीली रखोगे, इज्जत की पकड़ उतनी मजबूत होगी..।। @शंकरदास #motivational_writter79

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#जानकारी #motivationalwriter79 #Motivational #hindiwriting #nojohindi #writer  परिचित हूँ मैं स्वयं से, आओ! आपसे परिचय  कराता हूँ।
संध्या की पावन बेला में, मैं मधुर गीत जीवन का गाता हूँ।

राग-द्वेष-बैर-भाव से दूर हो, मैं स्वयं में, मै नहीं रखता हूँ।
है जीवन गंगा की धारा सा, शीतल हो मैं इसमे  बहता हूँ।

आओ अब तुम्हें इस दुर्लभ, मानव जीवन की यात्रा कराता हूँ।
पथ अत्यंत कष्टकारी हैं इसके, इन्हें सुलभ करना सिखाता हूँ।

अहम का काँटा ना चुभने पाए कभी, इसका सरल उपचार बताता हूँ।
यदि क्रोध की अग्नि भड़क जाए कभी, तो दीप शांति  का जलाता हूँ।

मन आँगन के प्रेमद्वारा में, मैं नित  सुमन-परोपकार के  चढ़ाता  हूँ।
भेदते है मानवों के शब्दों के तीर कभी-कभी, मेरे कर्णोद्वार को  भी,
परंतु मैं इनके आघात से, तनिक भी विचलित हो नहीं ड़गमगाता हूँ। 

विपरित परिस्थितियों में भी मैं स्वयं का,संयम नहीं  भुलाता हूँ।
हो चाहे मेघ आपत्तियों के घनेरे, मैं आनंद की वर्षा में नहाता हूँ।

परिचित हूँ मैं स्वयं से, आओ! आपसे परिचय  कराता हूँ।
संध्या की पावन बेला में, मैं मधुर गीत जीवन का गाता हूँ।

©Motivational writter

जीवन बहुत अनमोल है...इसे यूं ही मत खोना...❤️🌹🌹❤️✌️🙏 #hindiwriting #nojohindi #Motivational #writer #motivationalwriter79

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दिल की किताब.. आज खोली दिल की किताब तो, कुछ पन्ने अतीत के पलटे मैंने, खिलते अरमानों के मुर्झाये ख्वाब, घुट-घुट कर दम तोड़ते देखे मैंने, धुंधली-धुंधली सी हो गयी थी जो यादें, जाकर उन लम्हों में, धुंध हटायी मैनें, सिकुड़ से गये थे कुछ पन्ने जो जिंदगी के, करके समतल उनको नयी जिंदगी की, नयी उम्मीद, जगाई मैंने..।। शंकरदास ©Motivational writter

#ज़िन्दगी #शंकरदास #किताब #Motivation #दिल  दिल की किताब..

आज खोली दिल की किताब तो,
कुछ पन्ने अतीत के पलटे मैंने,

खिलते अरमानों के मुर्झाये ख्वाब,
घुट-घुट कर दम तोड़ते देखे मैंने,

धुंधली-धुंधली सी हो गयी थी जो यादें,
जाकर उन लम्हों में, धुंध हटायी मैनें,

सिकुड़ से गये थे कुछ पन्ने जो जिंदगी के,
करके समतल उनको
 नयी जिंदगी की, नयी उम्मीद, जगाई मैंने..।।

शंकरदास

©Motivational writter

#दिल #किताब दिल की किताब.. आज खोली दिल की किताब तो, कुछ पन्ने अतीत के पलटे मैंने, खिलते अरमानों के मुर्झाये ख्वाब,

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#दिल्लगी #शंकरदास #bestyqhindiquotes #लव #Heart  ये चाँद, ये तारे, ये टिमटिमाते जुगनुओं की सरगोशी,
ये घटा, ये बारिश, ये लहराती हवाओं की खामोशी,

ये जुल्फें, ये आँखे, ये सूरख होठों की मदहोशी,
ये भीगा तन, ये बदन, ये कमर में बाहों की डोरी,

ये अदा, ये शर्म, ये हया की अनोखी हमजोली,
ये प्यार, ये इकरार, ये इश़्क के अरमानों की ड़ोली,

ये रेत, ये साहिल, ये सन्नाटा पसर रहा लहर में भी,
ये सादगी, ये ताजगी, ये दिल्लगी है अब समझो भी..।।

©Motivational writter

#दिल्लगी ये चाँद, ये तारे, ये टिमटिमाते जुगनुओं की सरगोशी, ये घटा, ये बारिश, ये लहराती हवाओं की खामोशी, ये जुल्फें, ये आँखे, ये सूरख होठों की मदहोशी, ये भीगा तन, ये बदन, ये कमर में बाहों की डोरी, ये अदा, ये शर्म, ये हया की अनोखी हमजोली,

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#सस्पेंस #शंकरदास #Motivation #भीड़ #Bheed  भीड़ बहुत है दुनिया में, कहीं! आँखो से ओझल ना हो जाऊं,
पकड़ कर चलना हाथ मेरा, कहीं! भीड़ में जुदा ना हो जाऊं,

भरोसा-यकिन-बनाए रखना, कहीं! अजनबी ना हो जाऊं,
पसंद हूँ मैं अपनों की, कहीं! भीड़ में नापसंद ना हो जाऊं,

होड़ लगी है यहाँ, अपनो से अपनों को जुदा करने की,
कुचलकर आगे वाले को, चढ़कर उसमें आगे बड़ने की,

धकेल कर सबको आगे जाना है, आखिरी ऐसा क्या पाना है,
हर चेहरा नया नया सा है यहां, क्या? कोई जाना-पहचाना है,

समझाऊं तो किस-किस को, कहीं! मैं नासमझ ना हो जाऊं,
अरे! कुचलना-धकेलना आता है मुझको भी,
ड़र है मैं इंसान हूँ, कहीं! जानवर ना हो जाऊं..।।

©Motivational writter

#भीड़ भीड़ बहुत है दुनिया में, कहीं! आँखो से ओझल ना हो जाऊं, पकड़ कर चलना हाथ मेरा, कहीं! भीड़ में जुदा ना हो जाऊं, भरोसा-यकिन-बनाए रखना, कहीं! अजनबी ना हो जाऊं, पसंद हूँ मैं अपनों की, कहीं! भीड़ में नापसंद ना हो जाऊं, होड़ लगी है यहाँ, अपनो से अपनों को जुदा करने की,

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भीड़ बहुत है दुनिया में, कहीं! आँखो से ओझल ना हो जाऊं, पकड़ कर चलना हाथ मेरा, कहीं! भीड़ में जुदा ना हो जाऊं, भरोसा-यकिन-बनाए रखना, कहीं! अजनबी ना हो जाऊं, पसंद हूँ मैं अपनों की, कहीं! भीड़ में नापसंद ना हो जाऊं, होड़ लगी है यहाँ, अपनो से अपनों को जुदा करने की, कुचलकर आगे वाले को, चढ़कर उसमें आगे बड़ने की, धकेल कर सबको आगे जाना है, आखिरी ऐसा क्या पाना है, हर चेहरा नया नया सा है यहां, क्या? कोई जाना-पहचाना है, समझाऊं तो किस-किस को, कहीं! मैं नासमझ ना हो जाऊं, अरे! कुचलना-धकेलना आता है मुझको भी, ड़र है मैं इंसान हूँ, कहीं! जानवर ना हो जाऊं..।। ©Motivational writter

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पकड़ कर चलना हाथ मेरा, कहीं! भीड़ में जुदा ना हो जाऊं,

भरोसा-यकिन-बनाए रखना, कहीं! अजनबी ना हो जाऊं,
पसंद हूँ मैं अपनों की, कहीं! भीड़ में नापसंद ना हो जाऊं,

होड़ लगी है यहाँ, अपनो से अपनों को जुदा करने की,
कुचलकर आगे वाले को, चढ़कर उसमें आगे बड़ने की,

धकेल कर सबको आगे जाना है, आखिरी ऐसा क्या पाना है,
हर चेहरा नया नया सा है यहां, क्या? कोई जाना-पहचाना है,

समझाऊं तो किस-किस को, कहीं! मैं नासमझ ना हो जाऊं,
अरे! कुचलना-धकेलना आता है मुझको भी,
ड़र है मैं इंसान हूँ, कहीं! जानवर ना हो जाऊं..।।

©Motivational writter

#भीड़ भीड़ बहुत है दुनिया में, कहीं! आँखो से ओझल ना हो जाऊं, पकड़ कर चलना हाथ मेरा, कहीं! भीड़ में जुदा ना हो जाऊं, भरोसा-यकिन-बनाए रखना, कहीं! अजनबी ना हो जाऊं, पसंद हूँ मैं अपनों की, कहीं! भीड़ में नापसंद ना हो जाऊं,

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अकेला आया हूँ, अकेला सफ़र करूंगा, चलती राहों में भी, सबकी कदर करूंगा..।। अगर हो भी गया मायुस, तो सब्र करूंगा, थोड़ा रूकूंगा, फिर चलना शुरू करूंगा..।। मुश्किलें हजार होंगी, सबको हसकर पार करूंगा, ठोकरें लगेंगी जमाने की, गिरकर भी उठता रहूंगा..।। हाँ अमावस की रात को, मैं पूनम हरबार करूंगा, जीवन के पतझड़ को, मैं बसंत बहार करूंगा..।। लाख करें कोई धोखा भले, मैं न फरेब करूंगा, इंसान हूँ, इंसानियत निभा, इंसान बना रहूंगा..।। ©शंकर दास

#शंकरदास #Life_experience #shankar_dass79 #समाज #nojatohindi  अकेला आया हूँ, अकेला सफ़र  करूंगा,
चलती राहों में भी, सबकी कदर करूंगा..।।

अगर हो भी गया  मायुस, तो सब्र करूंगा,
थोड़ा रूकूंगा, फिर  चलना  शुरू  करूंगा..।।

मुश्किलें हजार होंगी, सबको हसकर पार करूंगा,
ठोकरें लगेंगी जमाने की, गिरकर भी उठता रहूंगा..।।


हाँ अमावस की रात को, मैं पूनम हरबार करूंगा,
जीवन  के  पतझड़  को, मैं बसंत  बहार  करूंगा..।।

लाख करें कोई धोखा भले, मैं न फरेब करूंगा,
इंसान हूँ, इंसानियत निभा, इंसान  बना  रहूंगा..।।

©शंकर दास

#Life_experience #शंकरदास अकेला आया हूँ, अकेला सफ़र करूंगा, चलती राहों में भी, सबकी कदर करूंगा..।। अगर हो भी गया मायुस, तो सब्र करूंगा, थोड़ा रूकूंगा, फिर चलना शुरू करूंगा..।। मुश्किलें हजार होंगी, सबको हसकर पार करूंगा,

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