Kirtish Shrotriya

Kirtish Shrotriya Lives in Pune, Maharashtra, India

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हाथो में सेनेटाइजर, मुंह पर मास्क अब आम हो गए, चाय की चौपालो पर कोरोना के किस्से तमाम हो गए, ना जाने कैसा खौफ दिया है इस रोग ने सबको, बंद पड़ गई दुनिया सारी, ठप सारे काम हो गए ।।

#coronavirusindia #KirtishDilSe #coronavirus #covid19  हाथो में सेनेटाइजर, मुंह पर मास्क अब आम हो गए,
चाय की चौपालो पर कोरोना के किस्से तमाम हो गए,
ना जाने कैसा खौफ दिया है इस रोग ने सबको, 
बंद पड़ गई दुनिया सारी, ठप सारे काम हो गए ।।

जिंदगी से क्या शिकवा, और क्या गिला करना, वो अगर मिल जाए, तो शुक्र-ए-खुदा अदा करना, और अगर ना मिले, तो उसके खुश रहने की दुआ करना ।।

#जिंदगी #शिकवा #nojotohindi #HindiQuote #nojotoPune  जिंदगी से क्या शिकवा,
और क्या गिला करना,
वो अगर मिल जाए,
तो शुक्र-ए-खुदा अदा करना,
और अगर ना मिले,
तो उसके खुश रहने की दुआ करना ।।

वो बचपन के दिन भी कितने सुहाने थे, जहां वो हमारे मिट्टी के आशियाने थे, खेल और खिलौनों की दुनिया बड़ी प्यारी थी, दादी का प्यार और नानी की कहानी थी, ना gf कि चिंता, ना फ्यूचर के ठिकाने थे, वो बचपन के दिन भी कितने सुहाने थे,   पैसे थोड़े कम, पर पक्की अपनी यारी थी, २-२ रुपए में भी हमको तो पार्टी माननी थी, जहां स्कूल की मस्ती और दोस्तों के ताने थे, वो बचपन के दिन भी कितने सुहाने थे,   बस हम ही हम थे सच्चे, और झूठी दुनियादारी थी, बस चार दोस्तों में बसती, अपनी दुनिया सारी थी, छोटी आंखो में बसते, वो सपने कितने सुहाने थे, वो बचपन के दिन भी कितने सुहाने थे, क्या ख़ूबसूरत थे दिन, क्या ख़ूबसूरत जमाने थे, वो बचपन के दिन भी कितने सुहाने थे ।।

#बालदिवस #childhoodmemories #बचपन #ChildrensDay #Childhood  वो बचपन के दिन भी कितने सुहाने थे,
जहां वो हमारे मिट्टी के आशियाने थे,

खेल और खिलौनों की दुनिया बड़ी प्यारी थी,
दादी का प्यार और नानी की कहानी थी,
ना gf कि चिंता, ना फ्यूचर के ठिकाने थे,
वो बचपन के दिन भी कितने सुहाने थे,
 
पैसे थोड़े कम, पर पक्की अपनी यारी थी,
२-२ रुपए में भी हमको तो पार्टी माननी थी,
जहां स्कूल की मस्ती और दोस्तों के ताने थे,
वो बचपन के दिन भी कितने सुहाने थे,
 
बस हम ही हम थे सच्चे, और झूठी दुनियादारी थी,
बस चार दोस्तों में बसती, अपनी दुनिया सारी थी,
छोटी आंखो में बसते, वो सपने कितने सुहाने थे,
वो बचपन के दिन भी कितने सुहाने थे,

क्या ख़ूबसूरत थे दिन, क्या ख़ूबसूरत जमाने थे,
वो बचपन के दिन भी कितने सुहाने थे ।।

मन में बस रहे दशानन इनके, तन से राम दिखाएंगे । रावण को मारने देखो आज, खुद रावण चल कर जायेंगे ।।

#विजयदमी #दशहरा #Vijayadashami #KirtishDilSe #nojotohindi  मन में बस रहे दशानन इनके, 
तन से राम दिखाएंगे ।
रावण को मारने देखो आज, 
खुद रावण चल कर जायेंगे ।।
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