अच्छा सुनो.. सही थे तुम
सिमटा एक आवाज, जो था दिल में,
भूल कर सब, आज मैं सुना रहा हूँ।
सही थे तुम, मैं बदलता जा रहा हूँ।।
खुद ही खुदसे जो हूँ, नाराज आज मैं,
अपने को, मुखच्छद से छुपा राहा हूँ।
सही थे तुम, मैं बदलता जा रहा हूँ।।
देर जरूर हुई है, पर अब तोह हूँ न मैं,
सालों बाद, दर्पण में, मैं दिख रहा हूँ।
सही थे तुम, मैं बदलता जा रहा हूँ।।
हमेसा याद आयी आपकी , नही था जब की मर्जी
सो, कल चाँद को देखा और कर दी एक अर्जी
आपकी मुस्कान की वजह हमे एक बार बनने दो
हमे आपको समझना है , समय भले ही आप न दो
दो ही पल साथ हो , पर कल वो हमारी याद हो
जिंदगी भर नही , पर कुछ तो वक्त हो आपके संग
जिंदगी भर नही , पर कुछ तो वक्त हो आपके संग
ओर कुछ भी नही बस दे दो जिंदगी को यही रंग
.....यही रंग
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