Theek hai boss

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कोई खुशनुमां सा मौसम हो तुम, दिल के पतझड़ का सावन हो तुम। रहते हो यूँ ही मेरे दिल के आस पास, दिल में दिल की खुशी का कारण हो तुम। महक तुम्हारी बिखरी है हवाओं में, मुझे भी महका कर बहका रहे हो तुम। फूल सा कोमल है मेरा दिल-ए-नादान, दिल की सरहद के निगहबान हो तुम। अक्स तुम्हारा समाया है मुझमे इस कदर, आईना भी देखती हूँ तो नज़र आते हो तुम। ना जाने कौनसा रिश्ता है तेरे मेरे बीच, मुझे पूरा करके मुझमे हम हो गए हो तुम। रात सी फैली हैं खामोशियाँ मेरे दिल पर, मेरी हर तन्हाई की महफ़िल हो तुम। तुमसे ही बना है मेरी मोहब्बत का वजूद, जो भूल कर भी न भूली जाए वो दास्ताँ हो तुम।

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मुस्कुराते रहोगे तो दुनिया आपके क़दमों में होगी, 
वरना आँसुओं को तो आँखें भी पनाह नहीं देती। 
ज़िन्दगी ने सबकुछ लेकर एक यही बात सिखाई है, 
खाली जेबों में अक्सर हौसले खनकते हैं। 
मंज़िलों के ग़म में रोने से मंज़िलें नहीं मिलती,
हौंसले भी टूट जाते हैं अक्सर उदास रहने से। 
उसी को हम जहाँ में रहरवे-कामिल समझते हैं, जो हस्ती को सफर और कब्र को मंजिल समझते हैं।

मुस्कुराते रहोगे तो दुनिया आपके क़दमों में होगी, वरना आँसुओं को तो आँखें भी पनाह नहीं देती। ज़िन्दगी ने सबकुछ लेकर एक यही बात सिखाई है, खाली जेबों में अक्सर हौसले खनकते हैं। मंज़िलों के ग़म में रोने से मंज़िलें नहीं मिलती, हौंसले भी टूट जाते हैं अक्सर उदास रहने से। उसी को हम जहाँ में रहरवे-कामिल समझते हैं, जो हस्ती को सफर और कब्र को मंजिल समझते हैं।

Thursday, 2 May | 01:17 am

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