Swati Mishra

Swati Mishra

An amateur writer who writes the poetry she wants to live

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एक बार ही सही पर हटाओ वह मुखौटा, जो तुमने पहना नहीं, तुम्हें पहनाया गया है- कभी समाज की अस्वीकृति तो कभी उसके ताने, जिनसे तुम्हें शुरुआत से ही डराया गया है। हटाओ मुखौटा कि एक बार पूर्णतया सांस तो आए, पिटारे में बंद दिल अब भी है जीवित, यह एहसास तो आए। हटाओ मुखौटा कि इस मुर्झाए से मुख पर मुस्कान तो आए, अपने इन हाथों में अपने ही जीवन की कमान तो आए। हटाओ मुखौटा कि जिन्हें भीतर छिपे हृदय से है प्रेम, उन सब के भी हृदयों को करार तो आए। और जिन्हें लगता है कि तुम झुककर टूटकर बिखर चुके हो, उनकी इस सोच में ज़रा सी दरार तो आए। इक बार ही सही पर हटाओ यह मुखौटा, कि खुद से द्वेष भावना की कमी तो आए। किसी और को नहीं तो न सही मेरे दोस्त, पर खुद तुम्हें खुद पर यकीन तो आए

#InspireThroughWriting  एक बार ही सही पर हटाओ वह मुखौटा,
जो तुमने पहना नहीं, तुम्हें पहनाया गया है-
कभी समाज की अस्वीकृति तो कभी उसके ताने,
जिनसे तुम्हें शुरुआत से ही डराया गया है।

हटाओ मुखौटा कि एक बार पूर्णतया सांस तो आए,
पिटारे में बंद दिल अब भी है जीवित, यह एहसास तो आए।
हटाओ मुखौटा कि इस मुर्झाए से मुख पर मुस्कान तो आए,
अपने इन हाथों में अपने ही जीवन की कमान तो आए।

हटाओ मुखौटा कि जिन्हें भीतर छिपे हृदय से है प्रेम,
उन सब के भी हृदयों को करार तो आए।
और जिन्हें लगता है कि तुम झुककर टूटकर बिखर चुके हो,
उनकी इस सोच में ज़रा सी दरार तो आए।

इक बार ही सही पर हटाओ यह मुखौटा,
कि खुद से द्वेष भावना की कमी तो आए।
किसी और को नहीं तो न सही मेरे दोस्त,
पर खुद तुम्हें खुद पर यकीन तो आए

QUARANTINE MUSINGS What should I feel for these quarantine days Which bring a hault to my restless race? And provide me the opportunity to live And ample time for my loved ones to give! The window which I open seldom Invites me now to welcome the rising sun And my living room that was unlived for years, Now vibrates daily with funny talks and cheers! ~Swaति🖊️~

#InspireThroughWriting #poetry_addicts #quarantinelife #livinglife #poetclub  QUARANTINE MUSINGS

What should I feel for these quarantine days
Which bring a hault to my restless race?
And provide me the opportunity to live
And ample time for my loved ones to give!

The window which I open seldom
Invites me now to welcome the rising sun 
And my living room that was unlived for years,
Now vibrates daily with funny talks and cheers!

~Swaति🖊️~
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