#love_shayari जिंदगी का तजुर्बा है जिंदगी कुछ भी नहीं अगर है तो मौत है और मौत भी and नहींहै
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बोलना एक अहम इन्सानी सिफ्त है, लेकिन क्या बोलना है और कैसे बोलना है यह सबसे अहम है! गुफ्तगू इन्सानी शख़्सीयत का आईना होती है लिहाज़ा हमें बोलने मे एतिदाल बरतना चाहिये!
मुनासिब अल्फाज़ का चुनाव, धीमा लहजा और शाइस्तगी भरा अन्दाज़!
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