हिंदीवाले

हिंदीवाले Lives in Dehradun, Uttarakhand, India

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मनुष्य घुसपैठिया और बर्बर है हर उस उजड़ते जंगल सूखती नदियों ढहते पहाड़ों के नजर में ~हिंदीवालें ©हिंदीवाले

#कविता  मनुष्य घुसपैठिया और बर्बर है
हर उस उजड़ते जंगल 
सूखती नदियों 
ढहते पहाड़ों के नजर में
~हिंदीवालें

©हिंदीवाले

मनुष्य घुसपैठिया और बर्बर है हर उस उजड़ते जंगल सूखती नदियों ढहते पहाड़ों के नजर में ~हिंदीवालें

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जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई ~शकील बदायुनी ©हिंदीवाले

#शायरी  जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई
~शकील बदायुनी

©हिंदीवाले

जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई ~शकील बदायुनी ©हिंदीवाले

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कविताएं ही आने वाले वक्त में इंकलाब लाएंगी. कविताएं ही एक दिन कामयाब होंगी नफरती आवाजों को दफ्न करने में. आखिर कब तक हम संवेदनाओं से भरे हृदय को, नफरतों से भरते रहेंगे. आखिर में कविताएं हर हृदय के हिस्से का प्रेम,उन तक पहुचाएंगी. ~हिंदीवालें ©हिंदीवाले

#कविता  कविताएं ही आने वाले वक्त में इंकलाब लाएंगी.
कविताएं ही एक दिन कामयाब होंगी
नफरती आवाजों को दफ्न
करने में.
आखिर कब तक हम
संवेदनाओं से भरे हृदय को,
नफरतों से भरते रहेंगे.
आखिर में कविताएं
हर हृदय के हिस्से 
का प्रेम,उन तक पहुचाएंगी.
~हिंदीवालें

©हिंदीवाले

कविताएं ही आने वाले वक्त में इंकलाब लाएंगी. कविताएं ही एक दिन कामयाब होंगी नफरती आवाजों को दफ्न करने में. आखिर कब तक हम संवेदनाओं से भरे हृदय को, नफरतों से भरते रहेंगे. आखिर में कविताएं

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कैसा क्रूर भाग्य का चक्कर कैसा विकट समय का फेर कहलाते हम- बीकानेरी कभी न देखा- बीकानेर जन्मे ‘बीकानेर’ गाँव में है जो रेवाड़ी के पास पर हरियाणा के यारों ने कभी न हमको डाली घास हास्य-व्यंग्य के कवियों में लासानी समझे जाते हैं हरियाणवी पूत हैं- राजस्थानी समझे जाते हैं ~अल्हड़ बीकानेरी ©हिंदीवाले

#कविता  कैसा क्रूर भाग्य का चक्कर
कैसा विकट समय का फेर
कहलाते हम- बीकानेरी
कभी न देखा- बीकानेर

जन्मे ‘बीकानेर’ गाँव में
है जो रेवाड़ी के पास
पर हरियाणा के यारों ने
कभी न हमको डाली घास

हास्य-व्यंग्य के कवियों में
लासानी समझे जाते हैं
हरियाणवी पूत हैं-
राजस्थानी समझे जाते हैं
~अल्हड़ बीकानेरी

©हिंदीवाले

कैसा क्रूर भाग्य का चक्कर कैसा विकट समय का फेर कहलाते हम- बीकानेरी कभी न देखा- बीकानेर जन्मे ‘बीकानेर’ गाँव में है जो रेवाड़ी के पास पर हरियाणा के यारों ने

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तुम्हे ग़ैरों से कब फ़ुर्सत हम अपने ग़म से कम ख़ाली चलो बस हो चुका मिलना न तुम ख़ाली न हम ख़ाली ~जाफर अली हसरत ©हिंदीवाले

#शायरी  तुम्हे ग़ैरों से कब फ़ुर्सत हम अपने ग़म से कम ख़ाली
चलो बस हो चुका मिलना न तुम ख़ाली न हम ख़ाली
~जाफर अली हसरत

©हिंदीवाले

तुम्हे ग़ैरों से कब फ़ुर्सत हम अपने ग़म से कम ख़ाली चलो बस हो चुका मिलना न तुम ख़ाली न हम ख़ाली ~जाफर अली हसरत

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नीद के हिस्से की रातें हम जागने में खर्च कर रहे है ~हिंदीवालें ©हिंदीवाले

#शायरी  नीद के हिस्से की रातें
हम जागने में खर्च कर 
रहे है
~हिंदीवालें

©हिंदीवाले

नीद के हिस्से की रातें हम जागने में खर्च कर रहे है ~हिंदीवालें

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