hameri kalam se

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हम दीवानों की क्या हस्ती, है आज यहां कल वहां चले। मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहां चले

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#development #Geetkaar #follow #Heart  परिवर्तन

गुन गुनाता हैं मन
अरे ये कैसा परिवर्तन
अपने बैठे हैं मौन
न जाने किस बात से है अनबन
भाई भाई के लिए विष हो गया।
अर्थ में इस तरह लिप्त हो गया।।
अपने सुख से कोई खुश नहीं।
दूसरे के सुख पर दुखी सभी।।
धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा है।।
उपभोग-भोग में  सुख डून रहा है।।
आदमी इतना क्रूर हो गया है।
अपनों के साथ शतरंज खेल रहा है।।
अनचाहे शब्दों का विकास हो गया है।
सामंजस्य के संवाद पर ग्रहण लग गया
घंटी बजाते दुआ करते फिरते।
देखो घर में देवता भूखे मरते ।। 
हम उतावले समय में जी रहे हैं।
प्रेम सौंदर्य खरीदने में लगे हैं।
गुन गुनाता है मन
ये कैसा परिवर्तन
#MusicalMemories #simple #Like  देर से दिखे हो पर ,दुरुस्त देखें हो।
 अंबर के घटते दौर में, तुम पूर्ण देखे हो।।
 ना जाने हम कहां- कहां भटक रहे थे ।
तुम तो हमारे घर के समीप दिखे हो।।

वो कहती है ऐसे ना छुओ की दाग लग जाए। तो कैसे छू कि तू मेरी हो जाए।। ©hameri kalam se

#Relationship #Happiness #lovetaj #Friend  वो कहती  है ऐसे ना छुओ की दाग लग जाए।
तो कैसे छू कि तू मेरी हो जाए।।

©hameri kalam se

अर्थ में लिप्त है प्रेम यहां। भावनाओं की कद्र इस दौर में कहां।। सरल सहज स्थिर अब प्रेम कहां। बदन का सहारा बना अब प्रेम यहां।। ©hameri kalam se

#Believe  #beautifu #Si  अर्थ में लिप्त है प्रेम यहां।
भावनाओं की कद्र इस दौर में कहां।।
सरल सहज स्थिर अब प्रेम कहां। 
बदन का सहारा बना अब प्रेम यहां।।

©hameri kalam se

#Love #believe #Life #beautifu #Si

11 Love

#Feeling #pottery #Beauty #Nature
#Motivational #Morning #natural #Beauty #Nature
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