अनुभूति अनिता पाठक

अनुभूति अनिता पाठक Lives in Bhopal, Madhya Pradesh, India

लेखन मेरा प्रेम है लेखन मेरा जीवन है मेरे भाव मेरे शब्द यही तो मेरा दर्पण है

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वो रात भी बरसात की थी जब हम एक - दूजे से खफा हो गए थे अश्क आंखों में लिए हम एक - दूजे से अलविदा कह गए थे वो लाल गुलाब आज भी उसी मोड़ पर पड़ा है जिस मोड़ से हम दोनों सदा के लिए जुदा हो गए थे खुशबू उस प्यार की आज भी सांसों में महसूस होती है जाने क्या बात हुई जाने क्यों हम एक - दूजे से बेवफ़ा हो गए थे ©अनुभूति अनिता पाठक

#कविता #OneSeason  वो रात भी बरसात की थी
जब हम  एक - दूजे से खफा हो गए थे
अश्क आंखों में लिए हम
एक - दूजे से अलविदा कह गए थे
वो लाल गुलाब 
आज भी उसी मोड़ पर पड़ा है
जिस मोड़ से हम दोनों
सदा के लिए जुदा हो गए थे
खुशबू उस प्यार की 
आज भी सांसों में महसूस होती है
जाने क्या बात हुई 
जाने क्यों हम 
एक - दूजे से बेवफ़ा हो गए थे

©अनुभूति अनिता पाठक

#OneSeason

9 Love

जब हम छोटे बच्चे थे बड़ी शरारत करते थे बारिश की बूंदों से हम मोती बनाया करते थे कागज़ की वो नाव हमारी हरकतें हमारी प्यारी - प्यारी बैठ कर उस नाव पर हम सपनों के देश में घुमा करते थे वो दिन बड़े ही अच्छे थे जब हम छोटे बच्चे थे ©अनुभूति अनिता पाठक

#कविता #OneSeason  जब हम छोटे बच्चे थे
बड़ी शरारत करते थे
बारिश की बूंदों से हम
मोती बनाया करते थे
कागज़ की वो नाव हमारी
हरकतें हमारी प्यारी - प्यारी
बैठ कर उस नाव पर हम
सपनों के देश में घुमा करते थे
वो दिन बड़े ही अच्छे थे
जब हम छोटे बच्चे थे

©अनुभूति अनिता पाठक

#OneSeason

9 Love

क्या बात है आज तो कयामत ही हो गई तेरे दूर जाते ही ये बरसात हो गई कोई पूछ ना ले हमसे रोने का सबब कुदरत भी इस गम में आज मेरे साथ हो गई ©अनुभूति अनिता पाठक

#कविता #OneSeason  क्या बात है आज तो
कयामत ही हो गई
तेरे दूर जाते ही
ये बरसात हो गई
कोई पूछ ना ले
हमसे रोने का सबब
कुदरत भी इस गम में
आज मेरे साथ हो गई

©अनुभूति अनिता पाठक

#OneSeason

8 Love

#हिंदी_कविता #कविताएं #अनुभूति #कविता #hindilovepoem #hindipoetry

https://youtu.be/0D37aZgxG5k 👆👆 अनुभूति अनिता पाठक on you tube एक प्रेम कविता जो आपके दिल को जरूर छू जायेगी। एक बार जरूर सुनें #hindilovepoem #lovepoetry #lovepoetry #hindipoetry #hindi_poem #हिंदी_कविता #कविताएं #अनुभूति

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रात - दिन का होश अब किसे है यहां ज़िंदगी रोज़ एक जंग लड़ रही है जहां हर एक जाती सांस नया डर जगाती है फिर दुबारा वापस ये आए न आए यहां खौफ का मंज़र है ये चारों तरफ अपने जाने कई रूप में मौत मंडरा रही है यहां जिन होठों पर कभी मुस्कान सजा करती थी गम का राग उमड़ आया है वहां ©अनुभूति अनिता पाठक

#शायरी #Twowords  रात - दिन का होश अब किसे है यहां
ज़िंदगी रोज़ एक जंग लड़ रही है जहां
हर एक जाती सांस नया डर जगाती है
फिर दुबारा वापस ये आए न आए यहां
खौफ का मंज़र है ये चारों तरफ अपने
जाने कई रूप में मौत मंडरा रही है यहां
जिन होठों पर कभी मुस्कान सजा करती थी
गम का राग उमड़ आया है वहां

©अनुभूति अनिता पाठक

#Twowords

13 Love

रात - दिन अब तुम्हारी याद नहीं आती यादें भी बेअसर हो जाती हैं एक मुद्दत के बाद ©अनुभूति अनिता पाठक

#Twowords  रात - दिन अब तुम्हारी याद नहीं आती
यादें भी बेअसर हो जाती हैं एक मुद्दत के बाद

©अनुभूति अनिता पाठक

#Twowords

16 Love

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