ShayarPraveen

ShayarPraveen Lives in Kanpur, Uttar Pradesh, India

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तू रब कि दुआँ है, तू है खुदा कि इबादत ऐ मेरे दोस्त बस तू यूँ हि मुस्कराता रहे चाहे क्यूँ ना हो कीमत, मेरी शहादत ।

#iitkavyanjali #shayarpraveen  तू रब कि दुआँ है,
तू है खुदा कि इबादत
ऐ मेरे दोस्त बस तू यूँ हि मुस्कराता रहे
चाहे क्यूँ ना हो कीमत, मेरी शहादत ।

जलते रावण, जलाते राम कलयुग में ये कैसा काम। राम तो एकदम चुप हैं, भीड़ में रावण गुम हैं। सच्चे हों रहें बदनाम, अत्याचारियों का हैं नाम ।

#happyvijaydashmi #iitkavyanjali #shayarpraveen  जलते रावण, जलाते राम
कलयुग में ये कैसा काम।
राम तो एकदम चुप हैं,
भीड़ में रावण गुम हैं।
सच्चे हों रहें बदनाम,
अत्याचारियों का हैं नाम ।

जब मेरी आँखें ख़्वाब देखती हैं , तो रातें दिन का हिसाब देखती हैं। मंझिल पाने कि चाहत में मेरी आँखें, आफ़ताब को भी महताब देखती हैं ।

#iitkavyanjali #shayarpraveen  जब मेरी आँखें ख़्वाब देखती हैं ,
तो रातें दिन का हिसाब देखती हैं।
मंझिल पाने कि चाहत में मेरी आँखें,
आफ़ताब को भी महताब देखती हैं ।

झुकीं निगाहें जैसे कि शर्मा गई हो, किसी के छूने से जैसे कि घबरा गई हो। देखकर मुझे वो कुछ इस तरह मुस्कराई , लगा कि जैसे वो मेरे दिल में आ गई हो । जरा धीरे से पास जाकर थामा हाँथ उनका, वो मचली इस कदर जैसे लहरें करवटे बदल रही हो । मास सावन का हैं, गरजते बादलों संग बिजली तड़पी, वो चिपकी मुझसे कुछ इस तरह कि कोई नदियाँ समन्दर में समा गई हो। मैं उड़ता बादल सा मड़रा रहा था, वो प्यासी धरती सी सूख रही थी । मैंने कि प्रेमवर्षा, वो झूमि कुछ इस तरह कि जैसे कोई मोर नृत्य कर रहा हो। मैंने पूंछा कि तुम मेरी बनोगी, वो हँस के बोली, मैं तो कब का हो चुकी हूँ । मैंने चूमे होंठ उनके, वो भागी दूर मुझसे जैसे कि एक दफा फिर शर्मा गई हो, मेरे छूने से घबरा गई हो ।।

#shayarpraveen #IITKAVYAJALI  झुकीं निगाहें जैसे कि शर्मा गई हो,
किसी के छूने से जैसे कि घबरा गई हो।
देखकर मुझे वो कुछ इस तरह मुस्कराई ,
लगा कि जैसे वो मेरे दिल में आ गई हो ।
जरा धीरे से पास जाकर थामा हाँथ उनका,
वो मचली इस कदर जैसे लहरें करवटे बदल रही हो ।
मास सावन का हैं, गरजते बादलों संग बिजली तड़पी,
वो चिपकी मुझसे कुछ इस तरह
कि कोई नदियाँ समन्दर में समा गई हो।
मैं उड़ता बादल सा मड़रा रहा था,
वो प्यासी धरती सी सूख रही थी ।
मैंने कि प्रेमवर्षा, वो झूमि कुछ इस तरह कि
जैसे कोई मोर नृत्य कर रहा हो।
मैंने पूंछा कि तुम मेरी बनोगी,
वो हँस के बोली, मैं तो कब का  हो चुकी हूँ ।
मैंने चूमे होंठ उनके, वो भागी दूर मुझसे
जैसे कि एक दफा फिर शर्मा गई हो,
मेरे छूने से घबरा गई हो ।।

हवा ने रुख अपना कुछ इस कदर बदल लिया हैं, जलते हुए चिरागों को एक झोंके में बुझा दिया हैं । खोजते फिरते हो जो इलाज हक़ीमो के पास एक ख़ुशबू लाई थीं वो और मर्ज मिटा दिया हैं ।

#iitkavyanjali  हवा ने रुख अपना कुछ इस कदर बदल लिया हैं,
जलते हुए चिरागों को एक झोंके में बुझा दिया हैं ।
खोजते फिरते हो जो इलाज हक़ीमो के पास
एक ख़ुशबू लाई थीं वो और मर्ज मिटा दिया हैं ।

#nojoto #iitkavyanjali

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कुछ दर्द है ,कुछ गम है , कुछ दुखों की बरसात है । अब थम गए है ये आंसू , ये पूर्णिमा भी मेरे लिए अमावस की काली रात है।

#शायरी #shayarpraveen #iitkavyanjali  कुछ दर्द है ,कुछ गम है ,
कुछ दुखों की बरसात है ।
अब थम गए है ये आंसू ,
ये पूर्णिमा भी मेरे लिए 
अमावस की काली रात है।
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