Ricky

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I am an amateur poem, story shayari writer and a good singer

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मजदूर आखिर क्या है इनके मौत कि किमत बस पांच लाख, आज सौ मरेंगे, कल हजार पैदा हो जाऐंगे! कुछ दिन रोएंगे चिल्लाएंगे फिर चुप हो जाऐंगे! कुछ दिन अनसन पर बैठेंगे फिर भूखमरी से खुद काम पर लग जाऐंगे! अगर कुछ दिन भूखे सो गये तो क्या मर तो नहीं गये! इनके बच्चों को पढकर करना हि क्या है ,आखिर मजदूर ही तो बनना है! महल बना दिये तो क्या पैसे भी तो लिऐ थे, अब रोड पर रहे या झोपड़ी में ! कपड़े पहन कर क्या करेंगे जिस्म तो जला ही है! खेत में अन्न उगा दिये तो क्या गरीबों को पकवान खाने का कोई हक नहीं है! अरे मैं तो कहती हूँ,हमारे सुंदर वस्त्र पर पैबंद है ये, हां एक वक्त है जब इनकी बड़ी आवभगत होती है, चुनाव के वक्त! कुछ सवाल सीधा दिल पर लगता है... है ना

 मजदूर आखिर क्या है इनके मौत कि किमत बस पांच लाख,
आज सौ मरेंगे, कल हजार पैदा हो जाऐंगे! 
 कुछ दिन रोएंगे चिल्लाएंगे फिर चुप
 हो जाऐंगे! 
कुछ दिन अनसन पर बैठेंगे फिर  भूखमरी से खुद काम पर लग जाऐंगे! 
अगर कुछ दिन भूखे सो गये तो क्या मर तो नहीं गये! 
इनके बच्चों को पढकर करना हि क्या है ,आखिर मजदूर ही तो बनना है! 
महल बना दिये तो क्या पैसे भी तो लिऐ थे, अब रोड पर रहे या झोपड़ी में ! 
कपड़े पहन कर क्या करेंगे जिस्म तो जला ही है! 
खेत में अन्न उगा दिये तो क्या गरीबों को पकवान खाने का कोई हक नहीं है! 
अरे मैं तो कहती हूँ,हमारे सुंदर वस्त्र पर पैबंद है ये, 
हां एक वक्त है जब इनकी बड़ी आवभगत होती है, चुनाव के वक्त! 

कुछ सवाल सीधा दिल पर लगता है... है ना

मजदूर

13 Love

"नहीं जाएगी मेरी दीदी उन लोभियों के यहाँ" "कौन रखेगा ब्याहता लड़की को, समाज क्या कहेगा" "समाज दीदी के शरीर के नीले निशान नहीं देख रही है ना" "मै मै रखूंगा दीदी को, ये घर दीदी का भी उतना है जितना मेरा" दीदी छलछलाए आखों से बोली,"लल्ला तू बड़ा हो गया रे"

 "नहीं जाएगी मेरी दीदी उन लोभियों के यहाँ"

"कौन रखेगा ब्याहता लड़की को, समाज क्या कहेगा"

"समाज दीदी के शरीर के नीले निशान नहीं देख रही है ना" 

"मै मै रखूंगा दीदी को, ये घर दीदी का भी उतना है जितना मेरा"

दीदी छलछलाए आखों से बोली,"लल्ला तू बड़ा हो गया रे"

# दहेज

17 Love

माँ कि ममता है जैसे सुराही का जल... खुद तो तपती है भरी दुपहरी में पसीने में लथपथ.. पर हमको निर्मम दुनिया से बचा कर वैसे ही निश्चल और मनोरम बना देती है, जैसे गर्म जल सुराही में जा कर शीतल हो राहगिरो का हृदय तृप्त करने वाली हो जाती है! आज जब जीवन से जुझता हूँ, माँ तेरी बहुत याद आती है! मेरे पास आ के फिर से सब कुछ तू ठीक कर दे माँ!

#अनुभव  माँ कि ममता है जैसे सुराही का जल... खुद तो तपती है भरी दुपहरी में पसीने में लथपथ.. पर हमको निर्मम दुनिया से बचा कर वैसे ही निश्चल और मनोरम बना देती है, जैसे गर्म जल सुराही में जा कर शीतल हो राहगिरो का हृदय तृप्त करने वाली हो जाती है!
 आज जब जीवन से जुझता हूँ, माँ तेरी बहुत याद आती है! मेरे पास आ के फिर से सब कुछ तू ठीक कर दे माँ!

माँ कि ममता है जैसे सुराही का जल... खुद तो तपती है भरी दुपहरी में पसीने में लथपथ.. पर हमको निर्मम दुनिया से बचा कर वैसे ही निश्चल और मनोरम बना देती है, जैसे गर्म जल सुराही में जा कर शीतल हो राहगिरो का हृदय तृप्त करने वाली हो जाती है! आज जब जीवन से जुझता हूँ, माँ तेरी बहुत याद आती है! मेरे पास आ के फिर से सब कुछ तू ठीक कर दे माँ!

12 Love

खुद को बहुत अकेला पाया, दर्दे बयां को जब कलम उठाया!

#अनुभव #emptiness  खुद को बहुत अकेला पाया,
दर्दे बयां को जब कलम उठाया!

#emptiness

13 Love

आज के युवा वर्ग का बस इतना मातृ प्यार... फेसबुक व्हाट्स अप पे प्यार की बोछार ! सोशल मीडिया की बस्ती मे मातृ दिवस पे फोटो डालो! जवानी भर माँ मे कमिया ढूँडो और बुढ़ापे मे वृधाश्रम छोर के संपति पा लो ! माँ तो कभी भी प्रेम का प्रदर्शन नही करती! सच्चे प्यार को दिखावे की जरूरत नही पड़ती! माँ ही हमारी पहली मोहब्बत होती है!बिना माँ वालो से पूछ के देखो बिना माँ के ना कोई जिंदगी होती है! उसने हमे तबसे प्यार किया जबसे देखा भी ना था, क्युकी उसके मन मे हमारे जैसा छलावा ना था! बचपन में कहते थे मेरी माँ मेरी माँ, जवानी में बोले तेरी माँ तेरी माँ! माँ बाप में भी बंटवारा कर दिया, माँ का कर्ज बिन चुकाऐ छुटकारा कर लिया! पहले थे माँ के सारे दिन, अब बस साल के एक दिन से निपटारा कर लिया!

#Mother  आज के युवा वर्ग का बस इतना मातृ प्यार... फेसबुक व्हाट्स अप पे प्यार की बोछार !

सोशल मीडिया की बस्ती मे मातृ दिवस पे फोटो डालो! जवानी भर माँ मे कमिया ढूँडो और बुढ़ापे मे वृधाश्रम छोर के संपति पा लो ! 

माँ तो कभी भी प्रेम का प्रदर्शन नही करती! सच्चे प्यार को दिखावे की जरूरत नही पड़ती! 

 माँ ही हमारी पहली मोहब्बत होती है!बिना माँ वालो से पूछ के देखो बिना माँ के ना कोई जिंदगी  होती है! 

उसने हमे तबसे प्यार किया जबसे देखा भी ना था, क्युकी उसके मन मे हमारे जैसा छलावा ना था!
बचपन में कहते थे मेरी माँ मेरी माँ, जवानी में बोले तेरी माँ तेरी माँ!
 
माँ बाप में भी बंटवारा कर दिया, माँ का कर्ज बिन चुकाऐ छुटकारा कर लिया! 

पहले थे माँ के सारे दिन, अब बस साल के एक दिन से निपटारा कर लिया!

#Mother day यज्ञेश्वर वत्स khûshßú अल्फ़ाज़ vijay chaudhari Nitin Nitish

18 Love

#PoetryOnline #SuperMom

#SuperMom khûshßú अल्फ़ाज़ vijay chaudhari Nitin Nitish neel pooja yadav Endless Knots Shaantanu Khandekar "श्रीमंत" Ashok Anand Manish sinha Satyam Tyagi Taransh अंकित कुमार ✍️ Jeetendra Sharma Khushboo Kumari GAUTAM SHAKUNTALA GOSAI sk. manjur Mr. urvil Dhananjay Kumar vardha chaudhary @Suhani Tiwari @SwaTripathi @Sumit alone @Durgesh Kasaudhan Gaurav Sharma

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