Praveen Jain

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कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ,  किसी की इक तरन्नुम में तराने भूल आया हूँ,  मेरी अब राह मत तकना कभी ऐ आसमां वालों,  मैं इक चिड़िया की आँखों में उड़ाने भूल आया हूँ;  #KumarVishwas #KVpoetry

कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ,  किसी की इक तरन्नुम में तराने भूल आया हूँ,  मेरी अब राह मत तकना कभी ऐ आसमां वालों,  मैं इक चिड़िया की आँखों में उड़ाने भूल आया हूँ;  #KumarVishwas #KVpoetry

13 Love

मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा  जागती रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा  हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा  ख़ाक में मिल के भी मैं खुश्बू बचा ले जाऊँगा  कौन सी शै मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तक  ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगा  कोशिशें मुझको मिटाने की भले हों कामयाब  मिटते-मिटते भी मैं मिटने का मजा ले जाऊँगा 

मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा  जागती रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा  हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा  ख़ाक में मिल के भी मैं खुश्बू बचा ले जाऊँगा  कौन सी शै मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तक  ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगा  कोशिशें मुझको मिटाने की भले हों कामयाब  मिटते-मिटते भी मैं मिटने का मजा ले जाऊँगा 

10 Love

एक मैं हूं यहाँ, एक तू है,  सिर्फ साँसों की ही गुफ्तगू है;  शाम के साज पर रोशनी,   गीत गाते हुए आ रही है;  तेरी जुल्फों से छनकर वो देखो, चाँदनी नूर बरसा रही है; वक्त यूं ही ठहर जाए हमदम, दिल को इतनी सी इक आरजू है,

एक मैं हूं यहाँ, एक तू है,  सिर्फ साँसों की ही गुफ्तगू है;  शाम के साज पर रोशनी,   गीत गाते हुए आ रही है;  तेरी जुल्फों से छनकर वो देखो, चाँदनी नूर बरसा रही है; वक्त यूं ही ठहर जाए हमदम, दिल को इतनी सी इक आरजू है,

13 Love

सब तमन्नाएँ हों पूरी, कोई ख्वाहिश भी रहे चाहता वो है मुहब्बत में नुमाइश भी रहे आसमाँ चूमे मेरे पँख तेरी रहमत से और किसी पेड की डाली पर रिहाइश भी रहे उसने सौंपा नही मुझे मेरे हिस्से का वजूद उसकी कोशिश है की मुझसे मेरी रंजिश भी रहे

सब तमन्नाएँ हों पूरी, कोई ख्वाहिश भी रहे चाहता वो है मुहब्बत में नुमाइश भी रहे आसमाँ चूमे मेरे पँख तेरी रहमत से और किसी पेड की डाली पर रिहाइश भी रहे उसने सौंपा नही मुझे मेरे हिस्से का वजूद उसकी कोशिश है की मुझसे मेरी रंजिश भी रहे

13 Love

यूँ हमारा हृदय तोड़ कर क्या मिला , यूँ अकेला हमें छोड़ कर क्या मिला , और भी तो कई रूप थे घात के , प्रीत का नाम यूँ ओढ़ कर क्या मिला ; #KumarVishwas #KVpoetry

यूँ हमारा हृदय तोड़ कर क्या मिला , यूँ अकेला हमें छोड़ कर क्या मिला , और भी तो कई रूप थे घात के , प्रीत का नाम यूँ ओढ़ कर क्या मिला ; #KumarVishwas #KVpoetry

12 Love

हर एक कपड़े का टुकड़ा माँ का आँचल हो नहीं सकता,  जिसे दुनिया को पाना हो वो पागल हो नहीं सकता, जफाओं की कहनी जब तलक इसमें न शामिल हो, वफाओं का कोई किस्सा मुकम्मल हो नहीं सकता; #KumarVishwas #KVpoetry

हर एक कपड़े का टुकड़ा माँ का आँचल हो नहीं सकता,  जिसे दुनिया को पाना हो वो पागल हो नहीं सकता, जफाओं की कहनी जब तलक इसमें न शामिल हो, वफाओं का कोई किस्सा मुकम्मल हो नहीं सकता; #KumarVishwas #KVpoetry

17 Love

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