aditya kumar

aditya kumar Lives in Muzaffarpur, Bihar, India

दिल से हिंदुस्तानी...❤️❤️

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सौ सुइयों सी चुभन अंदर ही अंदर चुभो रहा है विष सा बन गया हू खुद या आज अपनी परछाई से रु-ब-रु हुआ हूं अंधेरा सा कुछ जलजला सा जाने क्या सीने में उफन रहा है अनंत प्रश्न है खुद से अनंत शिकायतें भी है खुद से... ©aditya kumar

#rayofhope  सौ सुइयों सी चुभन अंदर ही अंदर चुभो रहा है
विष सा बन गया हू खुद या
आज अपनी परछाई से रु-ब-रु हुआ हूं
अंधेरा सा कुछ जलजला सा
जाने क्या सीने में उफन रहा है
अनंत प्रश्न है खुद से 
अनंत शिकायतें भी है खुद से...

©aditya kumar

#rayofhope

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वो चैन से सो रहे हैं शहर बेचकर, कोई सुहाग बचा रहा जेवर बेचकर, बाप ने उमर गुजार दी घरोंदे बनाने में, बेटा उसकी सांसे खरीद रहा घर बेचकर, बर्बाद हो गये कई घर दवा खरीदने में, कुछ लोगों की तिज़ोरी भर गई जहर बेचकर !! ©aditya kumar

#COVID  वो चैन से सो रहे हैं शहर बेचकर,
कोई सुहाग बचा रहा जेवर बेचकर,
बाप ने उमर गुजार दी घरोंदे बनाने में,
बेटा उसकी सांसे खरीद रहा घर बेचकर,
बर्बाद हो गये कई घर दवा खरीदने में,
कुछ लोगों की तिज़ोरी भर गई जहर बेचकर !!

©aditya kumar

#COVID

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हर सांस गिरवीं है यहां क्या राजा-क्या रंक सब परेशान है यहां हे प्रभु!!! सुन लो विनती हमारी... दूर कर दो जग का ये अंधेरा क्या बुढ़े-क्या बच्चे क्या नर-क्या नारी लौटा दो चेहरों की मुश्कान हमारी चहका दो खुशियों से ये जग हे प्रभु!!! सुन लो विनती हमारी... हर तरफ चीख है अपनो की आंखे नम है पास होकर भी सब दूर है डर के खौफ से है ये जहां जवान हे प्रभु!!! सुन लो विनती हमारी... माफ करो हमारे बुरे कर्मो को आप ही एक आस है आपसे ही विश्वास है आप ही सब मे है आप ही कण-कण में है हे प्रभु!!! सुन लो विनती हमारी... हे प्रभु!!! सुन लो विनती हमारी... ©aditya kumar

#Nodiscrimination  हर सांस गिरवीं है यहां
क्या राजा-क्या रंक
सब परेशान है यहां
हे प्रभु!!!
सुन लो विनती हमारी...
दूर कर दो जग का ये अंधेरा
क्या बुढ़े-क्या बच्चे
क्या नर-क्या नारी
लौटा दो चेहरों की मुश्कान हमारी
चहका दो खुशियों से ये जग
हे प्रभु!!!
सुन लो विनती हमारी...
हर तरफ चीख है
अपनो की आंखे नम है
पास होकर भी सब दूर है
डर के खौफ से है ये जहां जवान 
हे प्रभु!!!
सुन लो विनती हमारी...
माफ करो हमारे बुरे कर्मो को
आप ही एक आस है
आपसे ही विश्वास है
आप ही सब मे है
आप ही कण-कण में है
हे प्रभु!!!
सुन लो विनती हमारी...
हे प्रभु!!!
सुन लो विनती हमारी...

©aditya kumar

नव-नव दिन में नव-नव पहल हो कठिन-कठिन सी ज़िन्दगी अब सरल हो नव-नव उमंगे, नव-नव चेतनाएं नव-नव अभिलाषाएं,नव-नव आशाएं नव-नव हौसले,नव-नव सपने नव-नव जोश और नव-नव उड़ान नव-नव चाह, नव-नव राह हो जीवन मे नव-नव प्रवाह नव-नव उमंग,नव-नव तरंग ही जीवन मे नव-नव प्रसंग ©aditya kumar

 नव-नव दिन में नव-नव पहल हो
कठिन-कठिन सी ज़िन्दगी अब सरल हो

नव-नव उमंगे, नव-नव चेतनाएं
नव-नव अभिलाषाएं,नव-नव आशाएं

नव-नव हौसले,नव-नव सपने
नव-नव जोश और नव-नव उड़ान

नव-नव चाह, नव-नव राह
हो जीवन मे नव-नव प्रवाह

नव-नव उमंग,नव-नव तरंग
ही जीवन मे नव-नव  प्रसंग

©aditya kumar

#2021

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अनंत उलझने और ज्वलंत आशाएं लुप्त सुलझने और ढेरों बाधाएं कठपुतली सा जीवन और ख़ामोश सी राहे गिरवी ये साँसे और गिरवी ये जीवन अनंत बंदिशे और कैदी सा ये मन फिर भी ज़िन्दगी ये गुलज़ार है ~~

#peace  अनंत उलझने और ज्वलंत आशाएं
लुप्त सुलझने और ढेरों बाधाएं
कठपुतली सा जीवन और ख़ामोश सी राहे
गिरवी ये साँसे और गिरवी ये जीवन
अनंत बंदिशे और कैदी सा ये मन
फिर भी ज़िन्दगी ये गुलज़ार है

~~

#peace

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चित्त ये व्याकुल, व्याकुल ये हृदय कसमकश ये डगर,पर हृदय है सदय कैसा ये भूचाल और कैसा ये प्रलय चित्त है प्रज्वालित जाने कब होगा उदय ज़िन्दगी और ज़माने मैं है संघर्ष अनन्य संघर्षो को लाँघ,पाऊँ मैं अंतर्मन पर विजय कैसा ये संशय और कैसा ये आशय त्याग हर इक्षाओं को विचरू मैं तन्मय चित्त ये व्याकुल, व्याकुल ये हृदय कसमकश ये डगर पर हृदय है सदय

#MoonHiding  चित्त ये व्याकुल, व्याकुल ये हृदय
कसमकश ये डगर,पर हृदय है सदय

कैसा ये भूचाल और कैसा ये प्रलय
चित्त है प्रज्वालित जाने कब होगा उदय

ज़िन्दगी और ज़माने मैं है संघर्ष अनन्य
संघर्षो को लाँघ,पाऊँ मैं अंतर्मन पर विजय

कैसा ये संशय और कैसा ये आशय
त्याग हर इक्षाओं को विचरू मैं तन्मय

चित्त ये व्याकुल, व्याकुल ये हृदय
कसमकश ये डगर पर हृदय है सदय

#MoonHiding

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