TIGER D RAJ

TIGER D RAJ Lives in Chandigarh, Chandigarh, India

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Shayari Ke Rang

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सीमा पर "फौजी" तनख्वाह के लिए नहीं, हमारे "तिरंगे" के लिए खड़े हैं। जिसे हम देश कहते हैं, वो उसे अपना घर मानते हैं।। हमारी सुरक्षा की ख़ातिर रोज "वो" अपना घर उजाड़ते हैं। वो देश की मिट्टी को अपनी "माँ" मानते हैं, और हम उन्हें क्या… देश के रखवाले से ज्यादा "सीमा सुरक्षा सैनिक" अधिक मानते हैं।। #फौजी ©TIGER D RAJ

#नोजोटो #फौजी #nojotohindi #tiger_d_raj #IndianArmy  सीमा पर "फौजी" तनख्वाह के लिए नहीं,
हमारे "तिरंगे" के लिए खड़े हैं।

जिसे हम देश कहते हैं,
वो उसे अपना घर मानते हैं।।

हमारी सुरक्षा की ख़ातिर
रोज "वो" अपना घर उजाड़ते हैं।

वो देश की मिट्टी को अपनी "माँ" मानते हैं,
और हम उन्हें क्या…
 देश के रखवाले से ज्यादा
"सीमा सुरक्षा सैनिक" अधिक मानते हैं।।

#फौजी

©TIGER D RAJ

"जिंदगी" वैसे "जिंदगी" बहुत छोटी हैं, पर जीने के लिए खूब हैं। "जिंदगी" और "मौत" में दूरी तो होती हैं, पर इतनी भी नहीं कि "जिंदगी" को "मौत" नसीब ना हो। जी रहे हैं,वो "जिंदगी" हैं, पर "मौत" वो हैं,जो कभी भी आ सकती हैं और वो भी हमारी इजाजत के बग़ैर। इसीलिए जब तक "जिंदगी" हैं, तब तक "मौत" तक संघर्ष करो, क्या पता "मौत" के बाद आपकी "जिंदगी" जारी रहे लोगों के दिलो में।। ©TIGER D RAJ

#poetryunplugged #nojotohindi #tiger_d_raj #writer  "जिंदगी"
वैसे "जिंदगी" बहुत छोटी हैं,
पर जीने के लिए खूब हैं।
"जिंदगी" और "मौत" में दूरी तो होती हैं,
पर इतनी भी नहीं कि "जिंदगी" को "मौत" नसीब ना हो।

जी रहे हैं,वो "जिंदगी" हैं,
पर "मौत" वो हैं,जो कभी भी आ सकती हैं
और वो भी हमारी इजाजत के बग़ैर।

इसीलिए जब तक "जिंदगी" हैं, 
तब तक "मौत" तक संघर्ष करो,
क्या पता "मौत" के बाद 
आपकी "जिंदगी" जारी रहे लोगों के दिलो में।।

©TIGER D RAJ

साहब, आपको "किसान" एक मामूली इंसान लगता हैं, ना पर हकीकत तो यह हैं कि यह इंसान "जिंदगीभर" अपनी "जमीं" और "जमीर" को बंजर नहीं होने देता। ©TIGER D RAJ

#poetryunplugged #nojotohindi #tiger_d_raj #writer #Hindi  साहब,

आपको "किसान" 

एक मामूली इंसान लगता हैं, ना

पर हकीकत तो यह हैं कि

यह इंसान "जिंदगीभर" 

अपनी "जमीं" और "जमीर" 

को बंजर नहीं होने देता।

©TIGER D RAJ

साहब, आपको "किसान" एक मामूली इंसान लगता हैं, ना पर हकीकत तो यह हैं कि यह इंसान "जिंदगीभर" अपनी "जमीं" और "जमीर" को बंजर नहीं होने देता। #poetryunplugged #farmersprotest #tiger_d_raj #Nojoto #nojotohindi #Hindi #poem #writer

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माना "सोच" सबकी अलग-अलग होती हैं, लेकिन "इंसानियत" के खिलाफ तो नहीं होनी चाहिए। ©TIGER D RAJ

#विचार #nojotohindi #tiger_d_raj #writer #Hindi  माना "सोच" सबकी 

अलग-अलग होती हैं,

लेकिन "इंसानियत" के खिलाफ

तो नहीं होनी चाहिए।

©TIGER D RAJ
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