vivek sonakiya

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agriculture Student writer

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वो जो भी है, जैसा भी है, जहां भी है, मुझे स्वीकार है। ©vivek sonakiya

#ज़िन्दगी #jail  वो जो भी है,
                   जैसा भी है, 
                                      जहां भी है,
                                                                      मुझे स्वीकार है।

©vivek sonakiya

#jail

7 Love

मुस्कुराना भी जरूरी है गम छुपाना भी जरूरी है अगर हो कोई तुमसा तो मिलना जुलना भी जरूरी है एहसास जरूरी है अंदाज जरूरी है अगर मिले कोई तुमसा तो सबसे पहले इकरार जरूरी है आवाज जरूरी है अल्फाज जरूरी है अगर हो कोई तुमसा तो सिर्फ आंख जरूरी है ©vivek sonakiya

 मुस्कुराना भी जरूरी है 
गम छुपाना भी जरूरी है 
अगर हो कोई तुमसा 
तो मिलना जुलना भी जरूरी है

एहसास जरूरी है 
अंदाज जरूरी है 
अगर मिले कोई तुमसा 
तो सबसे पहले इकरार जरूरी है

आवाज जरूरी है 
अल्फाज जरूरी है
अगर हो कोई तुमसा
तो सिर्फ आंख जरूरी है

©vivek sonakiya

मुस्कुराना भी जरूरी है गम छुपाना भी जरूरी है अगर हो कोई तुमसा तो मिलना जुलना जरूरी है एहसास जरूरी है अंदाज जरूरी है अगर मिले कोई तुमसा

5 Love

मुझे असहाय करता है कर्तव्य मेरा, मुझे सहारा देता है व्यवहार मेरा। मैं टूट जाता हूं जब कोई दिल तोड़े मेरा, फिर भी अंश बचता है मुझेमें एक और उम्मीद का। मुझे तोड़ देती है मेरे जीवन की कठिनाई, मैं जुड़ता हूं कठिनाइयों से लड़ कर। मैं अकुलाता हूं जब नीड़ मेरा एक झोंके से टूटे, मैं चिल्लाता हूं जब असहाय महसूस करता हूं में। मेरी व्याकुलता बढ़ती है उस छड़, जब छुपाए कोई बात मुझसे। घबराता हूं जब देखूं विपत्ति में, उम्मीद लगाता हूं किसी सहारे की। अपमानित करें जब कोई मुझे , आक्रोश दिल में होता है। जब कोई छल करे मेरे समक्ष, रोस दिल में होता है।। ©vivek sonakiya

 मुझे असहाय करता है कर्तव्य मेरा,
मुझे सहारा देता है व्यवहार मेरा।
मैं टूट जाता हूं जब कोई दिल तोड़े मेरा,
फिर भी अंश बचता है मुझेमें एक और उम्मीद का।
मुझे तोड़ देती है मेरे जीवन की कठिनाई,
मैं जुड़ता हूं कठिनाइयों से लड़ कर।
मैं अकुलाता हूं जब नीड़ मेरा एक झोंके से टूटे,
मैं चिल्लाता हूं जब असहाय महसूस करता हूं में।
मेरी व्याकुलता बढ़ती है उस छड़,
जब छुपाए कोई बात मुझसे।
घबराता हूं जब देखूं विपत्ति में,
उम्मीद लगाता हूं किसी सहारे की।
अपमानित करें जब कोई मुझे ,
आक्रोश दिल में होता है।
जब कोई छल करे मेरे समक्ष,
रोस दिल में होता है।।

©vivek sonakiya

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6 Love

बरबाद कर दिया जमाने ने जमाने में हमारे लिए कुछ नहीं बचा तो अब हारने का कोई गम नहीं रहा अब तो फतेह करनी है इस जहां में ©vivek sonakiya

#मोटिवेशनल #ज़िन्दगी #motivate #Light  बरबाद कर दिया जमाने ने 
जमाने में हमारे लिए कुछ नहीं बचा 
तो अब हारने का कोई गम नहीं रहा
अब तो फतेह करनी है इस जहां में

©vivek sonakiya
#हिंदीनोजोटो #हिंदीकविता #ज़िन्दगी #हिंदी #रुखसत #hindi_poetry

जो हुआ था अच्छा बुरा वह स्वप्न था जो भविष्य दिख रहा है वह भी स्वप्न है जो वक्त हैं वर्तमान में जिसे जिंदगी कहते हैं वह भी स्वप्न है हकीकत से बेखबर जीने को ही जिंदगी कहते हैं ©vivek sonakiya

#विचारणीय #जानकारी #जिंदगी #विचार #togetherforever  जो हुआ था अच्छा बुरा वह स्वप्न था जो भविष्य दिख रहा है वह भी स्वप्न है जो वक्त हैं वर्तमान में जिसे जिंदगी कहते हैं वह भी स्वप्न है हकीकत से बेखबर जीने को ही जिंदगी कहते हैं

©vivek sonakiya

जो हुआ था अच्छा बुरा वह सपना था जो भविष्य दिख रहा है वह भी सपना है जो भक्त हैं वर्तमान में जिसे जिंदगी कहते हैं वह भी सपना है हकीकत से बेखबर जीने को ही जिंदगी कहते हैं #विचार #विचारणीय #जिंदगी #togetherforever

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