डॉ  Minakshi

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#Quotes #seekh  White Don't tell your unability to anybody.

©डॉ  Minakshi

#seekh quotes

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#कविता  आलू का है बना कचालू ,
बड़े चाव से खाए भालू।
कबूतर बोला गुटर- गूँ,
चिट्ठी मैं जल्द  पहुँचाऊँ। 
कोयल बोली कूँ- कूँ, 
कभी करो न मैं-मैं तू ।
कौआ बोला काँव- काँव,
भगवन सब पर करना छाँव।

©डॉ  Minakshi

हिंदी कविता

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#कविता  चाँद और हम 
चाँद और हमारी गुफ्तगू,
होतीहै रोशनी के रूबरू,
हम कहते हैं उसे मामा,
वो देता कहानी का खजाना,
है उसमें परियों का फसाना,

©डॉ  Minakshi

कविताएं

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#कविता  जोकर सबका मन बहलाता,
तरह तरह के खेल दिखाता,
जादूगर जादू दिखलाता,
बच्चों को भी खूब हँसाता

©डॉ  Minakshi

jokar हिंदी कविता

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#कविता  White मौसम की  बहारें, 
बारिश की फुहारें।
बूँदों की टप-टप,
मिट्टी की महक।
बचपन के मेले 
सावन के झूले,
सखियों के रेले,
कजरी की धुन,
सावन सुहाना,
याद आए वो, 
गुजरा ज़माना।

©डॉ  Minakshi

हिंदी कविता

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अम्मा जरा देख तो ऊपर चले आ रहे है बादल | गरज रहे है, बरस रहे है दीख रहा है जल ही जल हवा चल रही क्या पुरवाई भीग रही है डाली – डाली | ऊपर काली घटा घिरी है नीचे फैली हरियाली | भीग रहे है खेत, बाग, वन भीग रहे है घर, आगन | बाहर निकलू मै भी भीगू चाह रहा है मेरा मन. ©डॉ Minakshi

#कविता  अम्मा जरा देख तो ऊपर 

चले आ रहे है बादल | 

गरज रहे है, बरस रहे है 

दीख रहा है जल ही जल 

हवा चल रही क्या पुरवाई 

भीग रही है डाली – डाली | 

ऊपर काली घटा घिरी है 

नीचे फैली हरियाली | 

भीग रहे है खेत, बाग, वन 

भीग रहे है घर, आगन | 

बाहर निकलू मै भी भीगू 

चाह रहा है मेरा मन.

©डॉ  Minakshi

कविता

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