Usmani's poetry (paapi)

Usmani's poetry (paapi) Lives in Delhi, Delhi, India

मैं खुद्को खो दूँ ,मुझसे ऐसी ना भूल हो इश्क़ ओ वफा में भी अपना उसूल हो मुझको दुआ में माँगने वाले तो हैं बहुत लेकिन मै चाहता हूँ दुआ तेरी क़ुबूल हो

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#viral♥️♥️♥️ #most_popular_shayari #best_Friend_forever #SelfWritten

ऐसे रिश्ते निभा रहा हूं मैं जैसे नेकी .....कमा रहा हूं मैं अब ज़बान बंद अपनी रखता हु सबको खुद से बचा रहा हूं मैं कौन अच्छा बुरा आजी छोड़ो गले सबको लगा रहा हूँ मैं सबको अच्छा मानकर उस्मानी खुद को बेहतर बना रहा हूं मैं ©Usmani's poetry (paapi)

 ऐसे रिश्ते निभा रहा हूं मैं
जैसे नेकी .....कमा रहा हूं मैं

अब ज़बान बंद अपनी रखता हु
सबको खुद से बचा रहा हूं मैं

कौन अच्छा बुरा आजी छोड़ो
गले सबको लगा रहा हूँ मैं

सबको अच्छा मानकर उस्मानी
खुद को बेहतर बना रहा हूं मैं

©Usmani's poetry (paapi)

पथरीले रिश्ते पापी Is Back

6 Love

naat e pak

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खुद्को इस तरह के क़िरदार में ढाला जाए

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#शायरी #writ

आस्तीन के साँप paapi_is_mad #writ

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#संगीत #paapiPAGALhai #sad_song #old_song  old song by papi
 😌

today no shayri.... #old_song.... #sad_song #paapiPAGALhai

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