अगर कभी शक हो तुम्हे मेरी मोहब्बत पर
कभी कम लगे तुम्हे, तुम्हारी अहमियत
मेरी ज़िन्दगी में
तो चले जाना किसी समन्दर किनारे
और ढूंढ़ना उसमें कहीं गुम एक मोती
अगर मिल जाए तो पूछना उससे
कितना अनमोल है
उसके लिए एक "सीप" का होना !
तेरे बारे में क्या लिखे हम नारी
तू ही तो है इस जग की पालनहारी
मत बांटो दरिंदगो को जाति धर्म में
आबरू लुटती है बेटी की ही
हो वह पंडित या हो कोई अंसारी
तेरे बारे में क्या लिखें हम नारी
तू ही कर अब कोई समझदारी
तुमसे ही चलेगी अब दुनियादारी
गर रख बेटों की चाहत घर पे तो
ले बेटी की इज्ज़त की भी जिम्मेदारी
तेरे बारे में क्या लिखें हम नारी
इस गुलाबी ठंड में, इस गुलाबी ठंड में चलो गुलाबी हो जाएं
पीकर नैनों का जाम चलो शराबी हो जाएं
क्यों रोना है किसी एक के छोड़ जाने पर
देख भला अपना चलो मतलबी हो जाएं
इस गुलाबी ठंड में चलो गुलाबी हो जाएं
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