Akalpit kanha

Akalpit kanha Lives in Kanpur, Uttar Pradesh, India

जमीर बेचकर जो अपनी प्यास बुझाता मै.. इस से तो बहुत अच्छा था कि मर जाता मै.. अकल्पित कान्हा

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एक तुम्हारी मोहब्बत ने बचा लिया इस साल हमको.. वरना खुदा का क़हर ऐसा था कि अच्छे-अच्छे मर गए.. ©Akalpit kanha

#SuperBloodMoon #akalpitkanha #miss  एक तुम्हारी मोहब्बत ने बचा लिया इस साल हमको..
वरना खुदा का क़हर ऐसा था कि अच्छे-अच्छे मर गए..

©Akalpit kanha

एक तुम्हारी मोहब्बत ने बचा लिया इस साल हमको.. वरना खुदा का क़हर ऐसा था कि अच्छे-अच्छे मर गए.. --अकल्पित कान्हा #SuperBloodMoon #akalpitkanha #miss

11 Love

एक दीप तेरे नाम का इस दीवाली उनको भी खुशी मिले जहाँ खुशी नहीं पहुँच पाती। उनके घर भी दीया जले जहाँ पर रोशनी नहीं पहुँच पाती। ©Akalpit kanha

#शायरी #akalpitkanha #Diwali  एक दीप तेरे नाम का इस दीवाली उनको भी खुशी मिले जहाँ खुशी नहीं पहुँच पाती।
उनके घर भी दीया जले जहाँ पर रोशनी नहीं पहुँच पाती।

©Akalpit kanha

इस दीवाली उनको भी खुशी मिले जहाँ खुशी नहीं पहुँच पाती। उनके घर भी दीया जले जहाँ पर रोशनी नहीं पहुँच पाती। ----अकल्पित कान्हा #Diwali #akalpitkanha

13 Love

तुम्हारी तबियत भी ख़राब हो सकती है,इतनी बेसब्री से क्यों चाँद का इंतज़ार करते हो। ये जमाने के रीति रिवाजों से क्या होगा मुझे मालूम है, की कई जन्मों से मुझसे प्यार करते हो। ©Akalpit kanha

#शायरी #akalpitkanha #Texture  तुम्हारी तबियत भी ख़राब हो सकती है,इतनी बेसब्री से क्यों चाँद का इंतज़ार करते हो।

ये जमाने के रीति रिवाजों से क्या होगा मुझे मालूम है, की कई जन्मों से मुझसे प्यार करते हो।

©Akalpit kanha

तुम्हारी तबियत भी ख़राब हो सकती है,इतनी बेसब्री से क्यों चाँद का इंतज़ार करते हो। ये जमाने के रीति रिवाजों से क्या होगा मुझे मालूम है,की कई जन्मों से मुझसे प्यार करते हो। --अकल्पित कान्हा #Texture #akalpitkanha

12 Love

जब मेरी आँखों से आँसू बह रहे थे तब तुम कहाँ थे. इस दर्द को हम अकेले सह रहे थे तब तुम कहाँ थे. जब मेरे कमरे में एक सन्नाटा एक तन्हाई फैली थी, जब तुम्हारी बात खुद से कह रहे थे तब तुम कहाँ थे. याद होगा हम दोंनो ने सपनों का महल बनाया था, हमारे सपनों के महल ढह रहे थे तब तुम कहाँ थे. मै बोलता था और मुझे सुनने वाला था अकेला मै, जब तुम्हारे बिना हम रह रहे थे तब तुम कहाँ थे.. ©Akalpit kanha

#कविता #akalpitkanha #alonesoul #my  जब मेरी आँखों से आँसू बह रहे थे तब तुम कहाँ थे.
इस दर्द को हम अकेले सह रहे थे तब तुम कहाँ थे.

जब मेरे कमरे में एक सन्नाटा एक तन्हाई फैली थी,
जब तुम्हारी बात खुद से कह रहे थे तब तुम कहाँ थे.

याद होगा हम दोंनो ने सपनों का महल बनाया था,
हमारे सपनों के महल ढह रहे थे तब तुम कहाँ थे.

मै बोलता था और मुझे सुनने वाला था अकेला मै,
जब तुम्हारे बिना हम रह रहे थे तब तुम कहाँ थे..

©Akalpit kanha

जब मेरी आँखों से आँसू बह रहे थे तब तुम कहाँ थे. इस दर्द को हम अकेले सह रहे थे तब तुम कहाँ थे. जब मेरे कमरे में एक सन्नाटा एक तन्हाई फैली थी, जब तुम्हारी बात खुद से कह रहे थे तब तुम कहाँ थे. याद होगा हम दोंनो ने सपनों का महल बनाया था, हमारे सपनों के महल ढह रहे थे तब तुम कहाँ थे.

8 Love

धीरे-धीरे-धीरे कर के सब बदल गए.. पर तुम बदलोगे ये मैने कब सोचा था.. ©Akalpit kanha

#अनुभव #akalpitkanha #faraway #SAD #my  धीरे-धीरे-धीरे कर के सब बदल गए..
पर तुम बदलोगे ये मैने कब सोचा था..

©Akalpit kanha

धीरे-धीरे-धीरे कर के सब बदल गए.. पर तुम बदलोगे ये मैने कब सोचा था.. -अकल्पित कान्हा #akalpitkanha #SAD #my #faraway

16 Love

बलात्कारी को तुम उसके उसके जुर्म की सजा क्या दोगे । जहन्नुम है किसी लड़की को जीने की दुआ क्या दोगे। गजल,गीत,फोटो,नाम सब लिखकर बदनाम कर दिया , अब इससे ज्यादा तुम उसके ज़ख्मों को हवा क्या दोगे । मर्द को अपने मर्द होने पर सदा गुमान है इस जमाने में, तुम किसी लड़की को अग्नि परीक्षा के सिवा क्या दोगे। एक बलात्कार हो तो तख्ता पलट हो जाए शासन का, जिसे तुम चैन की नींद ना दे सके उसे और भला क्या दोगे। -अकल्पित कान्हा ©Akalpit kanha

#akalpitkanha #Stoprape #SAD #my  बलात्कारी को तुम उसके उसके जुर्म की सजा क्या दोगे ।
जहन्नुम है किसी लड़की को जीने की दुआ क्या दोगे।

 गजल,गीत,फोटो,नाम सब लिखकर बदनाम कर दिया ,
अब इससे ज्यादा तुम उसके ज़ख्मों को हवा क्या दोगे ।

मर्द को अपने मर्द होने पर सदा गुमान है इस जमाने में,
तुम किसी लड़की को अग्नि परीक्षा के सिवा क्या दोगे।

एक बलात्कार हो तो तख्ता पलट हो जाए शासन का,
जिसे तुम चैन की नींद ना दे सके उसे और भला क्या दोगे।
                      -अकल्पित कान्हा

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बलात्कारी को तुम उसके उसके जुर्म की सजा क्या दोगे । जहन्नुम है किसी लड़की को जीने की दुआ क्या दोगे। गजल,गीत,फोटो,नाम सब लिखकर बदनाम कर दिया , अब इससे ज्यादा तुम उसके ज़ख्मों को हवा क्या दोगे । मर्द को अपने मर्द होने पर सदा गुमान है इस जमाने में, तुम किसी लड़की को अग्नि परीक्षा के सिवा क्या दोगे।

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