aastha gupta

aastha gupta Lives in Bengaluru, Karnataka, India

music lover, not much in poetry but love to listen if something is good, brand concious, vivacious.

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कलम के सिकांदरों ने, तलवारों से तेज़ दुनिया जीती है ।

#Kalamkitaaquat  कलम के सिकांदरों ने,

तलवारों से तेज़ दुनिया जीती है ।

छोटे दीयों की तरह चाँद-तारों को निस्तेज करते हुए सुनहरी हवा से उस काले कफ़न को उठा देता है सूर्य अँधेरों की छायाएँ दिन भर के लिए जी उठती हैं सब छायाएँ मिलकर फैला देती हैं पहाड़ों और समुद्रों तक फैली एक विशाल रात मेरी ही परछाई में दुबका हुआ है सृष्टि का सारा अँधेरा अपनी अनुपस्थिति का नाम उजाला सुनने के लिए न कोई कोशिश न कोई सफलता-असफलता बस उजाले की कमी इतना बड़ा अँधेरा बना लेती है ख़ुद को। - Anonymous

#andhera  छोटे दीयों की तरह चाँद-तारों को निस्तेज करते हुए
सुनहरी हवा से उस काले कफ़न को उठा देता है सूर्य
अँधेरों की छायाएँ दिन भर के लिए जी उठती हैं

सब छायाएँ मिलकर फैला देती हैं
पहाड़ों और समुद्रों तक फैली एक विशाल रात

मेरी ही परछाई में दुबका हुआ है सृष्टि का सारा अँधेरा
अपनी अनुपस्थिति का नाम उजाला सुनने के लिए

न कोई कोशिश न कोई सफलता-असफलता
बस उजाले की कमी इतना बड़ा अँधेरा बना लेती है ख़ुद को।

- Anonymous

#andhera अंधेरा !

83 Love

जो तुझपे दिल फ़िदा होगा , वो अंदाज़ ...जुदा होगा । तेरे दर को छोड़ कहीं , हमसे ना सज़दा होगा । भले लबों पर हो मुस्कान , चेहरा खौफज़दा होगा । पीर पराई क्या दीखे , स्वारथ का परदा होगा । तनहाई में सोच वतन का , कैसे फ़र्ज़ अदा होगा ।

 जो तुझपे दिल  फ़िदा होगा ,
वो अंदाज़ ...जुदा होगा ।

तेरे दर को छोड़ कहीं ,
हमसे ना सज़दा होगा ।

भले लबों पर हो मुस्कान ,
चेहरा खौफज़दा होगा ।

पीर पराई क्या दीखे ,
स्वारथ का परदा होगा ।

तनहाई में सोच वतन का ,
कैसे फ़र्ज़ अदा होगा ।

fida #Nojoto

103 Love

तुम्हें हज़ारों की मुहब्बत, हमें तन्हाई क्यों..?? हमारी हमसफ़र खामोशी, तुम्हारी शहनाई क्यों .??

#Talk  तुम्हें हज़ारों की मुहब्बत, 
हमें तन्हाई क्यों..??

हमारी हमसफ़र खामोशी,
तुम्हारी शहनाई क्यों .??

क्यूं #Nojoto

101 Love

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