Kirti Sharma

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गुमनाम शहर था रात कूछ अंजान थी ? पर रास्ता कूछ पहचाना था! मूक्कमल रास्ता सूनसानी साजीश का था! खूशियो की भरमार मे , खामोशियो के मार मे! नवाब रास्ते बन गए शब्द शिकार हो गए ; अल्फाजो की मार मे रास्ते गूमनाम हो गए,।। kss.....

 गुमनाम शहर था रात कूछ अंजान थी ?
पर रास्ता कूछ पहचाना था!

मूक्कमल रास्ता सूनसानी साजीश का था!
खूशियो की भरमार मे ,
खामोशियो के मार मे!

नवाब रास्ते बन गए  शब्द शिकार हो गए ;
अल्फाजो की मार मे रास्ते गूमनाम हो गए,।।

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गुमनाम शहर था रात कूछ अंजान थी ? पर रास्ता कूछ पहचाना था! मूक्कमल रास्ता सूनसानी साजीश का था! खूशियो की भरमार मे , खामोशियो के मार मे! नवाब रास्ते बन गए शब्द शिकार हो गए ; अल्फाजो की मार मे रास्ते गूमनाम हो गए,।। kss.....

17 Love

संग संग चलना अधूरा रह गया लोग तूम्हारे साथ थे तूम्हे नीचा गिराने मे ओर दोष किस्मत को दे दिया ? ठोकर खीलाना जमाऩे की रीत है! ओर इंजाम दिया मासूमियत को? जब आखिरी मंजिल खडी थी ! तब समझी इस खेल को - गालीब इस जमाने मे हर रिश्ता एक खेल है ! जिसने फरेब सिख लिया वही यहा शेर है।।,💜💜ks💜💜

 संग संग चलना अधूरा रह गया लोग तूम्हारे साथ थे तूम्हे नीचा गिराने मे  
ओर दोष किस्मत को दे दिया ?   

ठोकर खीलाना जमाऩे की रीत है!
ओर इंजाम दिया मासूमियत को? 

जब आखिरी मंजिल खडी थी !
तब समझी इस खेल को - गालीब इस जमाने मे हर रिश्ता एक खेल है !
जिसने फरेब सिख लिया वही यहा शेर है।।,💜💜ks💜💜

संग संग चलना अधूरा रह गया लोग तूम्हारे साथ थे तूम्हे नीचा गिराने मे ओर दोष किस्मत को दे दिया ? ठोकर खीलाना जमाऩे की रीत है! ओर इंजाम दिया मासूमियत को? जब आखिरी मंजिल खडी थी ! तब समझी इस खेल को - गालीब इस जमाने मे हर रिश्ता एक खेल है ! जिसने फरेब सिख लिया वही यहा शेर है।।,💜💜ks💜💜

6 Love

मेरे फ़ोन की रिंगटोन अब बदलकर "पहला नशा पहला खुमार" हो गयी थी ख्वाबो की गलियो मे आज दिदार यू मूड गया ? गलतिया बहूत छोटी थी मूक्म्मल नही कर पाए! फरेब ,झूठी ,खूमार, नकाबो मे बदल गए ! आस के मोती बेखोफ कर गए , समंदर की लहरे तूफान मे तबदील हो गइ बेखोफ मोहोब्बत से नफरत हो गइ! रिश्तो के दरमिया कूछ यू उलझे थे कि फरक नाचिशो ने पाल रखे थे।।।।।. ks,,,,

 मेरे फ़ोन की रिंगटोन अब बदलकर "पहला नशा पहला खुमार" हो गयी थी ख्वाबो की गलियो मे आज दिदार यू मूड
 गया ? गलतिया बहूत छोटी थी मूक्म्मल नही कर पाए! फरेब ,झूठी ,खूमार, नकाबो मे बदल गए !
आस के मोती बेखोफ कर गए ,
समंदर की लहरे तूफान मे तबदील हो गइ बेखोफ मोहोब्बत से नफरत हो गइ!
रिश्तो के दरमिया कूछ यू उलझे थे 

कि फरक नाचिशो ने पाल रखे थे।।।।।. 
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मेरे फ़ोन की रिंगटोन अब बदलकर "पहला नशा पहला खुमार" हो गयी थी ख्वाबो की गलियो मे आज दिदार यू मूड गया ? गलतिया बहूत छोटी थी मूक्म्मल नही कर पाए! फरेब ,झूठी ,खूमार, नकाबो मे बदल गए ! आस के मोती बेखोफ कर गए , समंदर की लहरे तूफान मे तबदील हो गइ बेखोफ मोहोब्बत से नफरत हो गइ! रिश्तो के दरमिया कूछ यू उलझे थे कि फरक नाचिशो ने पाल रखे थे।।।।।. ks,,,,

5 Love

मेरे प्यारे अधूरे सपनें मसहकत खूदा से की थी टूटे हूए तारो को देखकर! क्या पता था कि आलिनो से टुटा हूआ तारा मूझे क्या दे पाएगा ? जो खूद टूट रहा हो वा क्या मशकते बनाएगा! ks,,,,,

 मेरे प्यारे अधूरे सपनें मसहकत खूदा से की थी टूटे हूए तारो को देखकर!

क्या पता था कि आलिनो से टुटा हूआ तारा 
मूझे क्या दे पाएगा ?

जो खूद टूट रहा हो वा क्या मशकते बनाएगा!

ks,,,,,

मेरे प्यारे अधूरे सपनें मसहकत खूदा से की थी टूटे हूए तारो को देखकर! क्या पता था कि आलिनो से टुटा हूआ तारा मूझे क्या दे पाएगा ? जो खूद टूट रहा हो वा क्या मशकते बनाएगा! ks,,,,,

10 Love

याद वक्त थम गया जबसे आखे ने सपने देखना छोड दिया , लफ्ज महंगे हो गए जबसे मूस्कूराहटो ने रास्ते बदल दिया । महफूज वो रिश्ते रखे थे जो टूटने की कगार पर थे ! क्या मागे किसी अोर से जब अपने हि गेरो के साथ हो गये । ks....

 याद वक्त थम  गया जबसे आखे ने सपने देखना छोड दिया ,
लफ्ज महंगे हो गए जबसे मूस्कूराहटो ने रास्ते बदल दिया ।
महफूज वो रिश्ते रखे थे जो टूटने की कगार पर थे !
क्या मागे किसी अोर से जब अपने हि गेरो के साथ हो गये ।

ks....

याद वक्त थम गया जबसे आखे ने सपने देखना छोड दिया , लफ्ज महंगे हो गए जबसे मूस्कूराहटो ने रास्ते बदल दिया । महफूज वो रिश्ते रखे थे जो टूटने की कगार पर थे ! क्या मागे किसी अोर से जब अपने हि गेरो के साथ हो गये । ks....

10 Love

अभी सूरज नहीं डूबा, जरा-सी शाम होने दो महफिल उस शाम की जरा सी आसान तो होने दो. क्यू खूशियां ढूढने मे लगे हो कूछ गमो का एहसास तो होने दो ! बस एक छोटी सी हार तो हूई हे जीत के सपने तो बूनने दो ! कूछ- करना करना साेचने मे वक्त गवा बैठे क्या? रास्तो मे चलकर बदनाम हि सहि बदनाम हूए तो क्या थोडा नाम तो होने दो।

 अभी सूरज नहीं डूबा, जरा-सी शाम होने दो 

महफिल उस शाम की जरा सी आसान तो होने 
दो. 
क्यू खूशियां ढूढने मे लगे हो कूछ गमो का
  एहसास तो होने दो !

बस एक छोटी सी हार तो हूई हे जीत के सपने 
तो बूनने दो !

कूछ- करना करना साेचने मे वक्त गवा बैठे क्या?
रास्तो मे चलकर बदनाम हि सहि 
बदनाम हूए तो क्या थोडा नाम तो होने दो।

अभी सूरज नहीं डूबा, जरा-सी शाम होने दो महफिल उस शाम की जरा सी आसान तो होने दो. क्यू खूशियां ढूढने मे लगे हो कूछ गमो का एहसास तो होने दो ! बस एक छोटी सी हार तो हूई हे जीत के सपने तो बूनने दो ! कूछ- करना करना साेचने मे वक्त गवा बैठे क्या? रास्तो मे चलकर बदनाम हि सहि बदनाम हूए तो क्या थोडा नाम तो होने दो।

9 Love

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