Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

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सुप्रभात अपका दिन मंगलमय हो जय हो । कठिन समय में आपका, श्रेष्ठ रहा सहयोग । संयम और सलाह से , मिला सुमंगल योग ।। ©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

#Janamashtmi2020  सुप्रभात अपका दिन मंगलमय हो जय हो ।

कठिन समय में आपका, श्रेष्ठ रहा सहयोग ।
संयम और सलाह से , मिला सुमंगल योग ।।

©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

हिम्मत रख मन में जोश जगा तन में घुट घुटके मरना क्या उलझ नहीं धन में हृदय से बात कर शत्रु को मात कर मन के जमात से भय को अजात कर पल पल जियो हरपल को जियो पहले सीख लो जीना फिर मरके जीयो । कहते हो बंधन है इसलिए क्रंदन है तोड़ो भ्रमपाश को फिर तो अभिनंदन है बालक से वृद्ध तक वृद्ध से नवजात पूरा हो वलय तब मिलेगी निजात संशय न करना सद्यः समर्पण कर आवरण आनावृत कर सृष्टि के अजात । ~ कन्हैया प्रसाद रसिक ~ ©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

#apjabdulkalam  हिम्मत रख मन में 
जोश जगा तन में 
घुट घुटके मरना क्या 
उलझ नहीं धन में 

हृदय से बात कर
शत्रु को मात कर 
मन के जमात से
भय को अजात कर 

पल पल जियो 
हरपल को जियो 
पहले सीख लो जीना 
फिर मरके जीयो । 

कहते हो बंधन है 
इसलिए क्रंदन है
तोड़ो भ्रमपाश को 
फिर तो अभिनंदन है 

बालक से वृद्ध तक वृद्ध से नवजात 
पूरा हो वलय तब मिलेगी निजात 
संशय न करना सद्यः समर्पण कर 
आवरण आनावृत कर सृष्टि के अजात ।
~  कन्हैया प्रसाद रसिक  ~

©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

हिम्मत रख मन में जोश जगा तन में घुट घुटके मरना क्या उलझ नहीं धन में हृदय से बात कर शत्रु को मात कर मन के जमात से भय को अजात कर पल पल जियो हरपल को जियो पहले सीख लो जीना फिर मरके जीयो । कहते हो बंधन है इसलिए क्रंदन है तोड़ो भ्रमपाश को फिर तो अभिनंदन है बालक से वृद्ध तक वृद्ध से नवजात पूरा हो वलय तब मिलेगी निजात संशय न करना सद्यः समर्पण कर आवरण आनावृत कर सृष्टि के अजात । ~ कन्हैया प्रसाद रसिक ~ ©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

#apjabdulkalam  हिम्मत रख मन में 
जोश जगा तन में 
घुट घुटके मरना क्या 
उलझ नहीं धन में 

हृदय से बात कर
शत्रु को मात कर 
मन के जमात से
भय को अजात कर 

पल पल जियो 
हरपल को जियो 
पहले सीख लो जीना 
फिर मरके जीयो । 

कहते हो बंधन है 
इसलिए क्रंदन है
तोड़ो भ्रमपाश को 
फिर तो अभिनंदन है 

बालक से वृद्ध तक वृद्ध से नवजात 
पूरा हो वलय तब मिलेगी निजात 
संशय न करना सद्यः समर्पण कर 
आवरण आनावृत कर सृष्टि के अजात ।
~  कन्हैया प्रसाद रसिक  ~

©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

केकर साथ रही के बिछुड़ी, आज करोना काल में । बच्चा बूढ़ युवक जनमतुआ, जाता यम के गाल में ।। हदस हिलावत बा सभके मन , घरी घरी परिवार के । अंदर के हिम्मत थाकल बा, जइसे जन भूचाल में ।। अदिमी अदिमी से बोलत बा , दो गज दूरी हट के । मास्क और सेनिटाइजर से , सजे बराती हॉल में ।। ना मिलला में खुशी बुझाता, ना बिछुड़े अवसाद हीं । ना सुख चैन पिता घर बाटे, ना रसगर ससुराल में ।। मोटर गाड़ी बंद,  बंद बा ,  दुपहिया फटफटिया भी । पैदल चलला पर चाभुक से , बाम परेला खाल में ।। सबसे बढ़िया बा ए भइया, अपने आपन सोचल जाय । ना तऽ मय सवांग फँस जाई,  चितकबरा के जाल में ।। ~ कन्हैया प्रसाद रसिक ~ ©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

 केकर साथ रही के बिछुड़ी, आज करोना काल में ।
बच्चा बूढ़ युवक जनमतुआ, जाता यम के गाल में ।।
हदस हिलावत बा सभके मन , घरी घरी परिवार के ।
अंदर के हिम्मत थाकल बा, जइसे जन भूचाल में ।।
अदिमी अदिमी से बोलत बा , दो गज दूरी हट के ।
मास्क और सेनिटाइजर से , सजे बराती हॉल में ।।
ना मिलला में खुशी बुझाता, ना बिछुड़े अवसाद हीं ।
ना सुख चैन पिता घर बाटे, ना रसगर ससुराल में ।।
मोटर गाड़ी बंद,  बंद बा ,  दुपहिया फटफटिया भी ।
पैदल चलला पर चाभुक से , बाम परेला खाल में ।।
सबसे बढ़िया बा ए भइया, अपने आपन सोचल जाय ।
ना तऽ मय सवांग फँस जाई,  चितकबरा के जाल में ।।
~  कन्हैया प्रसाद रसिक  ~

©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

केकर साथ रही के बिछुड़ी, आज करोना काल में । बच्चा बूढ़ युवक जनमतुआ, जाता यम के गाल में ।। हदस हिलावत बा सभके मन , घरी घरी परिवार के । अंदर के हिम्मत थाकल बा, जइसे जन भूचाल में ।। अदिमी अदिमी से बोलत बा , दो गज दूरी हट के । मास्क और सेनिटाइजर से , सजे बराती हॉल में ।। ना मिलला में खुशी बुझाता, ना बिछुड़े अवसाद हीं । ना सुख चैन पिता घर बाटे, ना रसगर ससुराल में ।। मोटर गाड़ी बंद,  बंद बा ,  दुपहिया फटफटिया भी । पैदल चलला पर चाभुक से , बाम परेला खाल में ।। सबसे बढ़िया बा ए भइया, अपने आपन सोचल जाय । ना तऽ मय सवांग फँस जाई,  चितकबरा के जाल में ।। ~ कन्हैया प्रसाद रसिक ~ ©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

6 Love

कठिन समय में प्रेम से , करना शुभ संवाद । प्रतिरोधक बल है सजग , तन होगा आबाद ।। तन होगा आबाद , हृदय में रक्त रहेगा । भय जायेगा हार , ज़हन में जोश भरेगा ।। छोड़ो सोच नकार,  न जीयो तुम संशय में । रसिक दिलाये याद, झुको ना कठिन समय में ।। ©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

 कठिन समय में प्रेम से , करना शुभ संवाद ।
प्रतिरोधक बल है सजग , तन होगा आबाद ।।
तन होगा आबाद , हृदय में रक्त रहेगा ।
भय जायेगा हार , ज़हन में जोश भरेगा ।।
छोड़ो सोच नकार,  न जीयो तुम संशय में ।
रसिक दिलाये याद, झुको ना कठिन समय में ।।

©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

कठिन समय में प्रेम से , करना शुभ संवाद । प्रतिरोधक बल है सजग , तन होगा आबाद ।। तन होगा आबाद , हृदय में रक्त रहेगा । भय जायेगा हार , ज़हन में जोश भरेगा ।। छोड़ो सोच नकार,  न जीयो तुम संशय में । रसिक दिलाये याद, झुको ना कठिन समय में ।। ©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

9 Love

आज जियतानी काल्ह के हाल ना बताइब आपन ओहदा से केहू के ना सताइब आज समय सुधारल चाहता सभ केहू के सुधर जाईं ना तऽ चपेटा में आ जाइब ©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

 आज जियतानी काल्ह के हाल ना बताइब 
आपन ओहदा से केहू के ना सताइब 
आज समय सुधारल चाहता सभ केहू के 
सुधर जाईं ना तऽ चपेटा में आ जाइब

©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

आज जियतानी काल्ह के हाल ना बताइब आपन ओहदा से केहू के ना सताइब आज समय सुधारल चाहता सभ केहू के सुधर जाईं ना तऽ चपेटा में आ जाइब ©Kanhaya Prasad Tiwari Rasik

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