Md Tasleem Khan सरवर

Md Tasleem Khan सरवर Lives in Laharpur, Uttar Pradesh, India

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(जब कभी फुर्सत मिले) घर की ज़िम्मेदारी से। किचन की कारोबारी से । जो भी काम ज़रूरी हो । निपटा के बारी बारी से । जब कभी फुर्सत मिले। हर आरज़ू ख्वाहिशात से। जिस्मानी नफसियात से । हमराह की हर बात से । अजीज़ों की मुलाक़ात से। जब कभी फुर्सत मिले। तुमको उसके प्यार से । उस प्यार के इज़हार से । लिबासों के अंबार से ज़ेवर ओ सिंगार से जब कभी फुर्सत मिले। ज़िन्दगी के सफ़र में। रात में या सहर में। दिन के किसी पहर में। जब कभी फुर्सत मिले। रंज ओ ग़म के मलाल में। किसी ख्वाब में ख्याल में। जवाब हो या सवाल में । एक माह में एक साल में। जब कभी फुर्सत मिले । हाय ! ये अफसोस कि उनको अब फुर्सत मिले। ये सच नही ये झूट है उनको अब मुहब्बत नहीं। तसलीम सरवर ©Md Tasleem Khan सरवर

#Article #Hindi #Dark  (जब कभी फुर्सत मिले)

घर की ज़िम्मेदारी से।
किचन की कारोबारी से ।
जो भी काम ज़रूरी हो ।
निपटा के बारी बारी से ।

जब कभी फुर्सत मिले।

हर आरज़ू ख्वाहिशात से।
जिस्मानी नफसियात से ।
हमराह की हर बात से ।
अजीज़ों की मुलाक़ात से।
 
जब कभी फुर्सत मिले।

तुमको उसके प्यार से ।
उस प्यार के इज़हार से ।
लिबासों के अंबार से 
ज़ेवर ओ सिंगार से 

जब कभी फुर्सत मिले।

ज़िन्दगी के सफ़र में।
रात में या सहर में।
दिन के किसी पहर में।

जब कभी फुर्सत मिले।

रंज ओ ग़म के मलाल में।
किसी ख्वाब में ख्याल में।
जवाब हो या सवाल में ।
एक माह में एक साल में।

जब कभी फुर्सत मिले ।

हाय ! ये अफसोस कि उनको अब फुर्सत मिले।
ये सच नही ये झूट है उनको अब मुहब्बत नहीं।

तसलीम सरवर

©Md Tasleem Khan सरवर

#nojoto #Hindi #Article # #Dark

1 Love

नज़्म (दिल) चलो आज दिल की बात करते है। दिल ----- दिल तुम्हारे कमरे की अलमारी नहीं है। जिसमे जो चाहा रख निकाल सकते हो। दिल तुम्हारी उंगलियों की अँगूठी नही है। जिसे जब चाहा पहन कर निकाल सकते हो। दिल तुम्हारे बिस्तर की कोई चादर नहीं। जिसे तुम हर रोज़ बदल सकते हो। दिल तुम्हारे घर का सदर दरवाज़ा नहीं। जहां से जब चाहा आ करके निकल सकते हो। चलो आज दिल की बात करते है। मैं बताता हूँ दिल किसे कहते है। दिल तो क़अबा है जिस्म का । जहां धड़कने तवाफ़ करती है। फिर दिल की यहीं धड़कने लहू के कतरों को साफ करती है। मैं बताता हूँ दिल किसे कहते है। उस जगह को जहां आप रहते है। दिल तो मानिंद है बच्चों की तबस्सुम की तरह । सुर्ख फूलों पे बिखरी हुई शबनम की तरह। दिल तो हर एक जिस्म का पाकीज़ा मुक़ाम है। जिस्म के हर एक टुकड़ों का वाहिद इमाम है। मैं क्या बताऊँ दिल किसे कहते है। दिल है तो मुहब्बत है मुहब्बत को दिल कहते है। दिल तो हर एक बदन की चलती हुई घड़ी है एक बार रुकी तो वक़्त को वही रोक देती है। दिल की साँसों के रुकने से और कुछ नहीं होता है। बांध कर साँसों को मौत के हवाले कर देता है। क्या बताऊँ दिल किसे कहते है। उस जगह को जहां आप रहते है। @तसलीम खांन सरवर 7/08/2021 ©Md Tasleem Khan सरवर

#शायरी #HeartBreak  नज़्म (दिल)

चलो आज दिल की बात करते है।
दिल -----

दिल तुम्हारे कमरे की अलमारी नहीं है।
जिसमे जो चाहा रख निकाल सकते हो।
दिल तुम्हारी उंगलियों की अँगूठी नही है।
जिसे  जब चाहा पहन कर निकाल सकते हो।
दिल तुम्हारे बिस्तर की कोई चादर नहीं।
जिसे तुम हर रोज़ बदल सकते हो।
दिल तुम्हारे घर का सदर दरवाज़ा नहीं।
जहां से जब चाहा आ करके निकल सकते हो।

चलो आज दिल की बात करते है।
मैं बताता हूँ दिल किसे कहते है।

दिल तो क़अबा है जिस्म का ।
जहां धड़कने तवाफ़ करती है।
 फिर दिल की यहीं धड़कने 
लहू के कतरों को साफ करती है।

मैं बताता हूँ दिल किसे कहते है।
उस जगह को जहां आप रहते है।

दिल तो मानिंद है बच्चों की तबस्सुम की तरह ।
सुर्ख फूलों पे बिखरी हुई शबनम की तरह।

दिल तो हर एक जिस्म का पाकीज़ा मुक़ाम है।
जिस्म के हर एक टुकड़ों का वाहिद इमाम है।

मैं क्या बताऊँ दिल किसे कहते है।
दिल है तो मुहब्बत है मुहब्बत को दिल कहते है।

दिल तो हर एक बदन की चलती हुई घड़ी है
 एक बार रुकी तो वक़्त को वही रोक देती है।
दिल की साँसों के रुकने से और कुछ नहीं होता है।
बांध कर साँसों को मौत के हवाले कर देता है।

क्या बताऊँ दिल किसे कहते है।
उस जगह को जहां आप रहते है।

@तसलीम खांन सरवर
7/08/2021

©Md Tasleem Khan सरवर

#HeartBreak #Nojoto

9 Love

#शायरी #JagjitSingh

#JagjitSingh

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तसलीम कि ज़ालिम की जफ़ा भी है कोई चीज़। मैं डरता नहीं यार दुआ भी है कोई चीज़ 💐कृष्ण बिहारी नूर ©Md Tasleem Khan सरवर

#कृष्णबिहारीनूर #शायरी #nojotohindi #nojotourdu #safar  तसलीम कि ज़ालिम की जफ़ा भी है कोई चीज़।
मैं डरता नहीं यार दुआ भी है कोई चीज़
💐कृष्ण बिहारी नूर

©Md Tasleem Khan सरवर

(क़तअ) सब जानते है तेरी दरिया दिली सियासत। फ़िक़्र ए रियाया ये नहीं मतलब से रब्त है।। जितनी अकड़ थी उनकी मुट्टी में आ गई। साहब को अब लगा है ख़तरे में तख़्त है। कृषि क़ानून वापसी। किसान जिंदाबाद। ©Md Tasleem Khan सरवर

#शायरी #किसान #nojotoenglish #nojotoshayari #nojotohindi  (क़तअ)

सब जानते है तेरी दरिया दिली सियासत।
फ़िक़्र ए रियाया ये नहीं मतलब से रब्त है।।

जितनी अकड़ थी उनकी मुट्टी में आ गई।
साहब को अब लगा है ख़तरे में तख़्त है।

कृषि क़ानून वापसी।
किसान जिंदाबाद।

©Md Tasleem Khan सरवर
#शायरी #baspankapyar #nojohindi #Trending
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