Shyam Pratap Singh

Shyam Pratap Singh Lives in Lucknow, Uttar Pradesh, India

insta id @hindustani_poet एक बार सुन लेना , पता चल जाएगा 🙏

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video
#nojotogottalent #nojototalent

@Pyare ji के स्नेहिल आमंत्रण पर... #Nojoto #nojotogottalent #nojototalent @Pyare ji

814 View

43,683 View

कामना हवस की हो यदि मन में तो प्यारे कन्याओं को पूज के हवन मत कीजिए मन में बसाके राग द्वेष जैसी भावना को निज संस्कारों का दमन मत कीजिए देखें यदि आप कहीं हो रहा गलत कुछ उसे बस देखके सहन मत कीजिए राम सा नहीं हो गुण यदि मन में तो प्यारे राम बन रावण दहन मत कीजिए ©Shyam Pratap Singh

#NojotoRamleela  कामना हवस की हो यदि मन में तो प्यारे
कन्याओं को पूज के हवन मत कीजिए

मन में बसाके राग द्वेष जैसी भावना को
निज संस्कारों का दमन मत कीजिए 

देखें यदि आप कहीं हो रहा गलत कुछ
उसे बस देखके सहन मत कीजिए 

राम सा नहीं हो गुण यदि मन में तो प्यारे 
राम बन रावण दहन मत कीजिए

©Shyam Pratap Singh

1.06 Lac View

यदि बेटा गौरव है घर का तो बेटी का भी मान करो जीवन की ये दीपशिखा है इन पर भी अभिमान करो बेटा - बेटी दोनों घर की दोनों आंखे होती हैं बेटी का ही क्यों करना जरा बेटे का भी दान करो ©Shyam Pratap Singh

 यदि बेटा गौरव है घर का तो बेटी का भी मान करो
जीवन की ये दीपशिखा है इन पर भी अभिमान करो
बेटा - बेटी  दोनों  घर की  दोनों आंखे  होती  हैं 
बेटी का ही  क्यों करना  जरा बेटे का भी दान करो

©Shyam Pratap Singh

यदि बेटा गौरव है घर का तो बेटी का भी मान करो जीवन की ये दीपशिखा है इन पर भी अभिमान करो बेटा - बेटी दोनों घर की दोनों आंखे होती हैं बेटी का ही क्यों करना जरा बेटे का भी दान करो ©Shyam Pratap Singh

18 Love

घर घर आग लगाते हम ही और बुझाते हमी यहां गद्दारी है भरी पड़ी , क्या आतंकी की कमी यहां कोई कुछ भी बोल रहा है जज्बातों से खेल रहा अपराधी कोई और यहां है दण्ड दूसरा झेल रहा फूट , रंजिशे भरी पड़ी , ये कैसा भाई चारा है बर्बरता से धोखे से , भाई को किसने मारा है जब अपनों के द्वारा अपने मान का मर्दन हो जाए वो कैसा भाईचारा जिसमें , भाई दुश्मन हो जाए कौन यहां पर है जिसने सीने में खंजर घोप दिया दंगों की अग्नि में हमको , सरेआम यूं झोंक दिया क्या भूल गए हम भारत मां के बेटों के बलिदानों को क्या भूल गए अब्दुल हमीद के सारे ही अरमानों को क्या मोल चुका सकते हो अपनी पुण्यमयी माटी का कौन रखेगा मान यहां पे , वीरों की परिपाटी का क्या देशभक्ति थी ढोंग तुम्हारी दिल में जो थी जागी जो दिया है मां ने तुमको क्या वो भारत माता मांगी ये धरती अपनी मां हैं प्यारे , बोझ तुम्हारा ढोती है महसूस तुम्हें न हो लेकिन पर कष्ट इसे भी होती है जब मां के दो बेटे आपस में खून खराबा करते हैं तो मानों या ना मानों लेकिन भारत मां भी रोती है ©Shyam Pratap Singh

 घर घर आग लगाते हम ही और बुझाते हमी यहां 
गद्दारी है भरी पड़ी , क्या आतंकी की कमी यहां
कोई कुछ भी बोल रहा है जज्बातों से खेल रहा 
अपराधी कोई और यहां है दण्ड दूसरा झेल रहा 
फूट , रंजिशे भरी पड़ी , ये कैसा भाई चारा है
बर्बरता से धोखे से , भाई को किसने मारा है

जब अपनों के द्वारा अपने मान का मर्दन हो जाए 
वो कैसा भाईचारा जिसमें , भाई दुश्मन हो जाए
कौन यहां पर है जिसने सीने में खंजर घोप दिया
दंगों की अग्नि में हमको , सरेआम यूं झोंक दिया
क्या भूल गए हम भारत मां के बेटों के बलिदानों को
क्या भूल गए अब्दुल हमीद के सारे ही अरमानों को

क्या मोल चुका सकते हो अपनी पुण्यमयी माटी का
कौन रखेगा मान यहां पे , वीरों की परिपाटी का 
क्या देशभक्ति थी ढोंग तुम्हारी दिल में जो थी जागी
जो दिया है मां ने तुमको क्या वो भारत माता मांगी

ये धरती अपनी मां हैं प्यारे , बोझ तुम्हारा ढोती है 
महसूस तुम्हें न हो लेकिन पर कष्ट इसे भी होती है
जब मां के दो बेटे आपस में खून खराबा करते हैं
तो मानों या ना मानों लेकिन भारत मां भी रोती है

©Shyam Pratap Singh

घर घर आग लगाते हम ही और बुझाते हमी यहां गद्दारी है भरी पड़ी , क्या आतंकी की कमी यहां कोई कुछ भी बोल रहा है जज्बातों से खेल रहा अपराधी कोई और यहां है दण्ड दूसरा झेल रहा फूट , रंजिशे भरी पड़ी , ये कैसा भाई चारा है बर्बरता से धोखे से , भाई को किसने मारा है जब अपनों के द्वारा अपने मान का मर्दन हो जाए वो कैसा भाईचारा जिसमें , भाई दुश्मन हो जाए कौन यहां पर है जिसने सीने में खंजर घोप दिया दंगों की अग्नि में हमको , सरेआम यूं झोंक दिया क्या भूल गए हम भारत मां के बेटों के बलिदानों को क्या भूल गए अब्दुल हमीद के सारे ही अरमानों को क्या मोल चुका सकते हो अपनी पुण्यमयी माटी का कौन रखेगा मान यहां पे , वीरों की परिपाटी का क्या देशभक्ति थी ढोंग तुम्हारी दिल में जो थी जागी जो दिया है मां ने तुमको क्या वो भारत माता मांगी ये धरती अपनी मां हैं प्यारे , बोझ तुम्हारा ढोती है महसूस तुम्हें न हो लेकिन पर कष्ट इसे भी होती है जब मां के दो बेटे आपस में खून खराबा करते हैं तो मानों या ना मानों लेकिन भारत मां भी रोती है ©Shyam Pratap Singh

27 Love

Trending Topic