वो हवा सी चंचल
उड़ती है बादलो के संग
पर अब सिख लिया है उसने
जमीन पर ठहराना भी
उसे चाँद तारे भाते हैं बहुत
पर अब उसे प्यारा है सूरज भी
उसकी आँखों में समाई है
सारी दुनिया की रौनक और
खिल आई है उसके चहरे पर
अलग सी चमक क्योंकि
अब वो खुद अपने लिए जगमगाती है
तोड़ सारे झूठे बन्धन वो अब खुद अपने लिये
मुस्कुराती है और खुद से प्रेम जताती है ।
~priyanka🌼
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