Deepak Singh

Deepak Singh Lives in Moradabad, Uttar Pradesh, India

जिस दिन कुछ लाजवाब लिख पाया खुद में मुकम्मल हो जाऊँगा अभी एक अक्षर हूँ जुड़कर पूरा शब्द हो जाऊँगा कभी किसी की जिदंगी को रोशन कर पाया मैं दीपक से सच में "दीपक " हो जाऊँगा

https://youtu.be/Fqs5vsXumxg

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ये सच है एक दिन फिर से टूट जाएंगे, ये वादे जो वो फिर से किये जा रहे हैं। मैं जानता हूँ कि जहर है पर जरूरी है, इसलिए जाम-ए- ईश्क पिये जा रहे हैं।

#deepaksinghshayari #onesidedlove #Trust  ये सच है एक दिन फिर से टूट जाएंगे, 
ये वादे जो वो फिर से किये जा रहे हैं। 
मैं जानता हूँ कि जहर है पर जरूरी है, 
इसलिए जाम-ए- ईश्क पिये जा रहे हैं।

माना मुझे मैथ्स समझ नही आती पर, तुम्हारे इश्क को मैंने भरपूर पढ़ा है। तुम्हारे होंठो पर है इंकार, ये तुम्हारी कोशिश, मैंने तुम्हारी आँखो मे इजहार पढ़ा है।

#deepaksinghshayari #शायरी #whatsappstatus #undefined  माना मुझे  मैथ्स समझ नही आती पर, 
तुम्हारे इश्क को मैंने भरपूर पढ़ा है। 
तुम्हारे होंठो पर है इंकार, ये तुम्हारी कोशिश, 
मैंने तुम्हारी आँखो मे इजहार पढ़ा है।

नमस्ते छोड़कर हैलो कैसे बोले हम, हम जड़ है अपनी मिट्टी नही छोड़ेंगे। जाने वालो मे सबसे आगे थे वो लोग, जो कहते थे मर जाएंगे पर साथ नही छोड़ेंगे।

#deepaksinghshayari #शायरी #whatsappstauts  नमस्ते छोड़कर हैलो कैसे बोले हम, 
हम जड़ है अपनी मिट्टी नही छोड़ेंगे। 
जाने वालो मे सबसे आगे थे वो लोग, 
जो कहते थे मर जाएंगे पर साथ नही छोड़ेंगे।

कविता भूल क्या हुआ था कल, तन हो भले दुर्बल, मत सोच क्या होगा कल। इरादो को कर सबल। बस आज के साथ चल। अपनो का बन अंचल। रोशनी के साथ चल। रोशनी के साथ चल। माना है नही कुछ सरल, आँसू पी खुशियाँ लुटाता चल पर मेहनत है सबका हल। विपदाओ मे मुस्कराता चल। नित प्रयास करता चल। कीचड़ मे ही खिलते कमल। रोशनी के साथ चल... रोशनी के साथ चल। रोशनी के साथ चल। चार पंक्तिया मेरी अधूरी मोहब्बत ही तो एक मसला नही दर्द और भी बहुत है इस जमाने में बाह बेटे! क्या खूब पैसा कमाया तूने गरीबी आ गयी माँ की दवाई लाने में

#nojotocuttack #imagism  कविता 
भूल क्या हुआ था कल,             तन हो भले दुर्बल, 
मत सोच क्या होगा कल।           इरादो को कर सबल। 
बस आज के साथ चल।             अपनो का बन अंचल। 
रोशनी के साथ चल।                 रोशनी के साथ चल। 

माना है नही कुछ सरल,        आँसू पी खुशियाँ लुटाता चल
पर मेहनत है सबका हल।      विपदाओ मे मुस्कराता चल। 
नित प्रयास करता चल।         कीचड़ मे ही खिलते कमल। 
रोशनी के साथ चल...            रोशनी के साथ चल। 
रोशनी के साथ चल। 

चार पंक्तिया
मेरी अधूरी मोहब्बत ही तो एक मसला नही
दर्द और भी बहुत है इस जमाने में
बाह बेटे! क्या खूब पैसा कमाया तूने
गरीबी आ गयी माँ की दवाई लाने में

मेरे आंसुओं मे भागीदार बनो तो जानू, साथ हँसने वाले तो और भी बहुत है। ना जाने कौन सा दर्द छुपा है दिल मे उसके, वो सख्स बेवजह हँसता बहुत है। मुझे हराना बहुत मुश्किल होगा इस बार , मुझे पिछली बार का तजुर्बा बहुत है। अब तो मरने का भी न होगा मलाल कुछ, तुमने पूछ लिया मेरा हाल इतना बहुत है। एक दिन मेरे होंठो पर रखी थी उसने प्यास अपनी, मेरे होंठो मे आज भी मिठास बहुत है। तेरे जिस्म नही रूह तक पहुंचना है मुझे, वरना तो इश्क के बाज़ार बहुत है। हज़ार बुराइयाँ मेरा कुछ नही बिगाड़ सकती, मेरे साथ माँ की दुआऐं बहुत है। एक सख्स मोमबत्तियां बेचता है '"दीपक ", सुना है उसके घर अंधेरा बहुत है। ऐ खुदा कुछ नही चाहता तुझसे, बस मेरी ऐसी नीयत बना देना । जब कोई प्यासा हो मेरे सामने , तब मुझे पानी बना देना।

#nojotocuttack #imagism  मेरे आंसुओं मे भागीदार बनो तो जानू, 
साथ हँसने वाले तो और भी बहुत है। 
ना जाने कौन सा दर्द छुपा है दिल मे उसके, 
वो सख्स बेवजह हँसता बहुत है। 
मुझे हराना बहुत मुश्किल होगा इस बार , 
मुझे पिछली बार का तजुर्बा बहुत है। 
अब तो मरने का भी न होगा मलाल कुछ,
तुमने पूछ लिया मेरा हाल इतना बहुत है। 
एक दिन मेरे होंठो पर रखी थी उसने प्यास अपनी, 
मेरे होंठो मे आज भी मिठास बहुत है। 
तेरे जिस्म नही रूह तक पहुंचना है मुझे, 
वरना तो इश्क के बाज़ार बहुत है। 
हज़ार बुराइयाँ मेरा कुछ नही बिगाड़ सकती, 
मेरे साथ माँ की दुआऐं बहुत है। 
एक सख्स मोमबत्तियां बेचता है '"दीपक ", 
सुना है उसके घर अंधेरा बहुत है। 

ऐ खुदा कुछ नही चाहता तुझसे,
बस मेरी ऐसी नीयत बना देना ।
जब कोई प्यासा हो मेरे सामने ,
तब मुझे पानी बना देना।

#deepaksinghshayri #शायरी #DeepThought #matmta
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