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Part time poet | Mera paigham muhabbat hai jahan tak pahuche. | Got E-certificate for the best entries on #Amavasya in Nojoto Choupal
#MessageOfTheDay Look what i want I want to swim But i don't want to get into the water This is the level of dedication i flatter And then i complain success is not my cup of tea Remember success doesn't come to thee Unless you want it as bad as you want to breathe. ©Md Asrarul Hoda
Md Asrarul Hoda
15 Love
मेरा कदम जब लड़खड़ाये मौला मेरी उंगली पकड़ कर संभाल देना नहीं कोई मेरा तेरे सिवा बस तू ही तो है मेरा एक आसरा तू ही गर मुझसे रूठ गया क्योंकर हो मेरी जिंदगी में सुबह नया तेरी सरकशी में है मेरी जिंदगी डूबी मुझे माफ कर दे के माफ करना है तेरी खूबी मैं तेरा बंदा हूं गुनहगार मेरे मौला सुन ले मेरी पुकार। ©Md Asrarul Hoda
20 Love
चंद रोटियां मिल गई तो खा लिया वरना फाक़ा ही मेरा हमसफ़र है दो पल के हैं मुसाफिर आज यहां तो कल कहीं और का सफर है। ©Md Asrarul Hoda
24 Love
डासना में बैठा एक पंडित जो दे रहा है पैगंबर मोहम्मद को गाली है नाम उसका यति नरसिंहानंद और अक्ल से है वो खाली अबू जहल और अबू लहब भी हुआ करता था एक जमाने में जो पैगंबर मोहम्मद को सताया करता था जाने अनजाने में इतिहास गवाह है इनका क्या हश्र हुआ जलील होकर खाक में ये नष्ट हुआ लाख यति नरसिंहानंद भी ला नहीं सकता पैगंबर मोहम्मद की शान में कमी लाख कोशिश कर लो पर अंत में होगी तेरी आंखों में नमी । ©Md Asrarul Hoda
32 Love
साहित्य हित का साथ होना ही साहित्य का अर्थ कहलाया कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, आत्मकथा इन सब को है साहित्य ने समाया है साहित्य कहलाता समाज का दर्पण इसके आगे सभी को करना होता है समर्पण है सत्ता और साहित्य का संबंध बहुत गहरा जब-जब सत्ता है लड़खड़ाया तो साहित्य बना उनका सहारा है साहित्य का पतन राष्ट्र का पतन साहित्य फूले फलेगी तो फूले फलेगा वतन ©Md Asrarul Hoda
30 Love
Uska Call एक छात्र रोशन भविष्य की तलाश में बदायूं से चलकर आया दिल्ली दाखिला मिला था जेएनयू में यह जानकर उनके चेहरे पर थी छाई खुशहाली नाम था उनका नजीब और था शांत उनका स्वभाव बेखौफ दिल और छवि ऐसी कि दूसरों पर डाले प्रभाव अभी था कामयाबी के सपने आंख में सजा हि रहा अचानक एबीवीपी के गुंडों ने कर दिया उन पर हमला उस रात फोन पर घटना की सारी जानकारी अपनी मां को दिया दूसरे दिन मां दौड़ी दौड़ी आई उनसे मिलने पर वह मिल नहीं पाया दिल्ली की पुलिस भी नजीब को नहीं ढूंढ पाई क्यों ना बोलूं इन पुलिस को नाकारा जो एक मां के आंखों की आंसू पोंछ नहीं पाई क्या दिल्ली की सरकार को ना करूं कटघरे में खड़ा जो एक मां की रूदाद को सुनकर हंस पड़ा नजीब की मां चीखती रही पर कौन सुने इनकी पुकार उसका कॉल नहीं आया फिर दोबारा जो था अपने मां के लिए संसार ©Md Asrarul Hoda
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