Aman deep

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Instagram I'd - @kavitalaye मैं छुपाना जानता तो जग मुझे साधू समझता, शत्रु मेरा बन गया है छल रहित व्यवहार मेरा।

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#शायरी #romantic_poetry #Romantic #classic

इतने धार्मिक भी मत बन जाओ की, ईश्वर की रक्षा के लिए इंसानो पर आपका हाथ उठ जाए। इतने देशभक्त भी मत बन जाओ की, किसी घायल की मदद करने के लिए तुम्हारे हाथ से झंडा निचे न रखा जाए। ©Aman deep

#विचार #SundayThoughts  इतने धार्मिक भी मत बन जाओ की,
 ईश्वर की रक्षा के लिए इंसानो पर आपका हाथ उठ जाए।
इतने देशभक्त भी मत बन जाओ की,
 किसी घायल की मदद करने के लिए तुम्हारे हाथ से झंडा निचे न रखा जाए।

©Aman deep

ankhe sharab, gal gulab, hoth to hoth hai, uske upar til hai lajawaab, zufle bhigi si, ankhiya tikhi si, ©Aman deep

#लव  ankhe sharab,
gal gulab,
hoth to hoth hai,
uske upar til hai lajawaab,
zufle bhigi si,
ankhiya tikhi si,

©Aman deep

ankhe sharab, gal gulab, hoth to hoth hai, uske upar til hai lajawaab, zufle bhigi si, ankhiya tikhi si, ©Aman deep

12 Love

बारात में जाये तो कोल्ड ड्रिंक्स से करे कुल्ला,,, इनके घर जाके देखो तो रहते है गरखुल्ला। चौक पे बाबू ज्ञान बाटते मान ओर मर्यादा की,, घर मे इनके कनिया को फटा हुआ है झुल्ल्ला। बसिया रोटी गिल्ला भात बहु-बेटियां इनके खात,, भोज में जाके बाबू साहब मांगेंगे रसगुल्ला। ©Aman deep

#समाज #socialissue #bhojpuri #bihari  बारात में जाये तो कोल्ड ड्रिंक्स से करे कुल्ला,,,
 इनके घर जाके देखो तो रहते है गरखुल्ला।
चौक पे बाबू ज्ञान बाटते मान ओर मर्यादा की,,
घर मे इनके कनिया को फटा हुआ है झुल्ल्ला।
बसिया रोटी गिल्ला भात बहु-बेटियां इनके खात,,
भोज में जाके बाबू साहब मांगेंगे रसगुल्ला।

©Aman deep

first ink of new year tried something new. #bhojpuri #bihari #socialissue

10 Love

धीमी आंच पर पक रही है आशिक़ी मेरी, तुम्हें गुलाब देने के लिए,मैंने गमले में कलम लगाया है। ©Aman deep

#HAPPY_ROSE_DAY #लव #gulab #kalam  धीमी आंच पर पक रही है आशिक़ी मेरी,
तुम्हें गुलाब देने के लिए,मैंने गमले में कलम लगाया है।

©Aman deep

गुलामी,सहूलियत, मुफ्तखोरी आपको ऐसा मिसाइल बनाती हैं जिसका फ्यूज कंडक्टर ब्रिगेडियर साहब ने निकाली हुई हैं। किसी शेख के कलाई पर आकर बैठेने वाले गिद्ध से अच्छा है आजाद hummingbird होना। ©Aman deep

#aggressivequotes #self_respect #समाज #Freedom #welcome  गुलामी,सहूलियत, मुफ्तखोरी आपको ऐसा मिसाइल बनाती हैं जिसका फ्यूज कंडक्टर ब्रिगेडियर साहब ने निकाली हुई हैं।
किसी शेख के कलाई पर आकर बैठेने वाले गिद्ध से अच्छा है आजाद hummingbird होना।

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