Satyajeet Mishra

Satyajeet Mishra

बेबाक कलम। #medicalaspirant इस धरा पे मौत को पा लेने का दौड़ 28 अगस्त को शुरू हुआ। Iamsatya110 ( insta id ) मैं हर रोज लिखता हूं, कुछ अपनी तो कुछ तुम्हारी बातें करता हूं। अल्फ़ाज़ बस मेरे होते है, पर उसमे जिक्र बस तेरा ही करता हूँ।

https://youtu.be/9AZQN3OqOT0

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#BaarishWaliYaad #Gulzar  gulzar❤️
#शायरी  तू चाहिये

तू चाहिये

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#शायरी  एक तस्वीर बटुए में..

एक तसवीर बटुए में...

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हाथ पत्थर के हो गए इमारते बनाते-बनाते साहेब की अब इन बंजर हाथों पे कोई फसल उपजता ही नही रात-दिन तुम चमड़ी का रंग माटी कर दो साहेब मजदुर अब मजबूर हो चला है रात-दिन कमसे-कम 2 रोटी का काम दिला दो साहेब ये पेट हिसाब मांगता है रात-दिन ये कच्ची दीवारे संभाल लो साहेब दिहाड़ी के सहारे खड़ा है रात-दिन मुझको कोई ख़बर नही बीमारी का साहेब बस एक अख़बार भिजवा दो तुम चूल्हा जलाने को रात-दिन हर लम्हा वक़्त से मार खाया हु मैं साहेब मुझको छोड़ो,तुम बस झुगियों को रोटी खिला दो रात-दिन हर सबेरा आंखों पे अंधेरा छाया है साहेब तुम बस आंखों को जला दो रात-दिन कोई आँखें भूखा ना सोये साहेब तुम बस आंखों पे पहरा लगा दो रात-दिन की एक रोटी कमाने को कोई हुनर सीखा दो मुझको भी साहेब तुम रात-दिन

#coronavirus  हाथ पत्थर के हो गए इमारते बनाते-बनाते साहेब
की अब इन बंजर हाथों पे कोई फसल उपजता ही नही
रात-दिन

तुम चमड़ी का रंग माटी कर दो साहेब
मजदुर अब मजबूर हो चला है रात-दिन 

कमसे-कम 2 रोटी का काम दिला दो साहेब
ये पेट हिसाब मांगता है रात-दिन

ये कच्ची दीवारे संभाल लो साहेब
दिहाड़ी के सहारे खड़ा है रात-दिन

मुझको कोई ख़बर नही बीमारी का साहेब
बस एक अख़बार भिजवा दो तुम चूल्हा जलाने को रात-दिन

हर लम्हा वक़्त से मार खाया हु मैं साहेब
मुझको छोड़ो,तुम बस झुगियों को रोटी खिला दो रात-दिन

हर सबेरा आंखों पे अंधेरा छाया है साहेब
तुम बस आंखों को जला दो रात-दिन

कोई आँखें भूखा ना सोये साहेब
तुम बस आंखों पे पहरा लगा दो रात-दिन
की एक रोटी कमाने को कोई हुनर सीखा दो मुझको भी साहेब तुम 
रात-दिन

#coronavirus

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writer -mayank ye mere bhai ka likha hua h😍

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