Rakesh Mudgil

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राकेश मुदगिल

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बदलता रहता है मौसम अपना लिबास बारह मास मिट्टी की खुद्दारी वही रही ©Rakesh Mudgil

#hibiscussabdariffa  बदलता रहता है मौसम अपना लिबास

बारह मास  मिट्टी की खुद्दारी वही रही

©Rakesh Mudgil

हर मोड़ पे तुझको याद किया वक्त अपना यूं ही बर्बाद किया तुझे तो शहराह छोड़ दिया खुद तेरी गली शमशाद किया ©Rakesh Mudgil

#cycle  हर मोड़ पे तुझको याद किया
वक्त अपना यूं ही बर्बाद किया

तुझे तो शहराह छोड़ दिया 
खुद तेरी गली शमशाद किया

©Rakesh Mudgil

#cycle

8 Love

बस एक छोटी सी बदगुमानी ने आशियाना जला दिया है, बस इक ज़रा सी हवा चली तो चराग़ ए दिल क्यूं बुझा दिया है। खड़े हैं हम कब से रहगुज़र में कभी पलट कर पुकार लेते बस एक मौका दिया जो होता तो हम नशेमन सवांर लेते ©Rakesh Mudgil

#Quotes #Tanhai  बस एक छोटी सी बदगुमानी
ने आशियाना जला दिया है,
बस इक ज़रा सी हवा चली तो
चराग़ ए दिल क्यूं बुझा दिया है।


खड़े हैं हम कब से रहगुज़र में
कभी पलट कर पुकार लेते
बस एक मौका दिया जो होता
तो हम नशेमन सवांर लेते

©Rakesh Mudgil

#Tanhai

14 Love

कब तक मैं खुद में ही तुझे ढुंढा करुं भला अब तू भी आइने के इधर चाहिए मुझे ©Rakesh Mudgil

 कब तक मैं खुद में ही तुझे ढुंढा करुं भला

अब तू भी आइने के इधर चाहिए मुझे

©Rakesh Mudgil

कब तक मैं खुद में ही तुझे ढुंढा करुं भला अब तू भी आइने के इधर चाहिए मुझे ©Rakesh Mudgil

11 Love

लब ओ रुखसार तो क्या चश्म ए स्याह भी उसकी अब तो मैं भूल गया सालगिरह भी उसकी उसने जो ज़ख़्म लगाए थे भरे जाने लगे और फिर भरने लगी खाली जगह भी उसकी ©Rakesh Mudgil

#darkness  लब ओ रुखसार तो क्या
चश्म ए स्याह भी उसकी
अब तो मैं भूल गया
सालगिरह भी उसकी

उसने जो ज़ख़्म लगाए थे
भरे जाने लगे
और फिर भरने लगी
खाली जगह भी उसकी

©Rakesh Mudgil

#darkness

12 Love

#Quotes  लब ओ रुखसार तो क्या
चश्म ए स्याह भी उसकी
अब तो मैं भूल गया
सालगिरह भी उसकी

उसने जो ज़ख़्म लगाए थे
भरे जाने लगे
और फिर भरने लगी
खाली जगह भी उसकी.

©Rakesh Mudgil

लब ओ रुखसार तो क्या चश्म ए स्याह भी उसकी अब तो मैं भूल गया सालगिरह भी उसकी उसने जो ज़ख़्म लगाए थे भरे जाने लगे और फिर भरने लगी खाली जगह भी उसकी. ©Rakesh Mudgil

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