निशांत

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I am poet and writer....

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#Wochaand  कितना काम हुवा है इन दस सालो मे... उलटे पुलटे तुघलकी  तानाशाही सीधे साधे या तेढेमेढे तुम तुम्हारा देखो... थकते नही रुकते नही फुटू खिचवाने.. और खुद को चमकाने मे, जुमलेऊमले छोडने मे....

©निशांत

#Wochaand

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#PhisaltaSamay  सारे सपने अरमान कहा खो गये... ना तुम रहे ना लडाई झगडे. .. रूठना मनाना वो प्यारा समा... सबकुछ खतम   बस 'तेरी यादे मुलाकते और ढेर सारी तन्हाई ..

©निशांत
#Motivational  पैसो से बढकर कुछ तो होगा? पैसो के बिना जिना अधुरा सच तो हैं... मगर रिश्ते नाते प्यार वफा.... इन्सानियत सब क्यूँ धुंवा.धुंवा ... क्या पता.. आज का निर्धन कल का  कुबेर आज  करोडपती कल फिर रोडपती... वक्त वक्त की बात हैं... यूही ना इतरांवो... कल का सुरज फिर उजाला लायेगा  अंधेरी राते भीं गुजर जायेगी...

©निशांत

पैसो से बढकर कुछ तो होगा? पैसो के बिना जिना अधुरा सच तो हैं... मगर रिश्ते नाते प्यार वफा.... इन्सानियत सब क्यूँ धुंवा.धुंवा ... क्या पता.. आज का निर्धन कल का कुबेर आज करोडपती कल फिर रोडपती... वक्त वक्त की बात हैं... यूही ना इतरांवो... कल का सुरज फिर उजाला लायेगा अंधेरी राते भीं गुजर जायेगी... ©निशांत

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#talaash  अपना नंदू बडा नाकाम कद्दू बोलता कुछ करता कुछ....झुटा निकम्मा सजना सवर् ना दरबदर  बेवजह भटाकणा  शोक बडा बडचलन दोस्त के साथ खडा अहंकार आकड से भरा अनपढ गवार  दोस्त उनके नालायक खुशवार  ढोंग रोना धोना नौटंकी हर बार... उपरवाले से  डर 
 यार  मत भूल सबका विश्वास और प्यार...

©निशांत

#talaash

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#Raat  अपणो ने साथ नही दिया  ना वादे  रिस्ते निभाये चल अकेलासाथ किसीका हो या ना हो मुशकील  राहो पर कुछ दोस्त मिले   दिल  खिले कुछ साथ तो हैं कुछ भगवान को प्यारे हो गये  जिये तो जिये कैसे कैसे ना कोई मंजिल हैं ना रस्ता  सोचता हु कहू अलविदा जिंदगी.... फिर मिलेगे बोल नही सकते  मिट्टी के भाव सपने बिकते यहा.... सत्य परेशान हैं.... झुट का बोलबाला   मेन फिर आऊंगा  लौटके अलविदा दोस्तो माफ करना मै अच्छा दोस्त बना पिता ना पती ना भाई ना ही बेटा जा राहा हू दोतो गम ना करना मै रूठ जाऊंगा फिर कभी लौटके नही आऊंगा वरना सपनो मे भी...अलविदा मत कहेना दोस्तो आपके दिलो दिमाग मी मुझे हैं रहना   अलविदा,..

©निशांत

#Raat

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#nightsky  आनंदी आनंद गडे   .... अनपढ बिनडोक राजा.. हक्काबाबत उदासीन प्रजा अंधभक्त माथेफिरू नवरतने  सोबतीला...खऱ्याच खोटं लबाडाच तोंड मोठं.. अनितीचा खुलेआम  निर्लजजपानाचा कळस  वरतून  सालस घरदाज पणा जसा मी नाही त्यातली कडी लाव आतली अशी वार
वारांगना.  लोकशाहीचा गळा  घोटून  शाही लोकांचा नंगा नाच  सुरु निवस्त्र काढतात धिंड दरबार षंढ  पुन्हा पुन्हा   महाभारत तेच रथी महारथी हताश  मुकी बिचारी कुणीही हाका बळी तर जाणारच रक्त मासाचा चिखल का कुणास माणूस इतिहासाकडून काहीच कसा धडा घेत नसेल? पुन्हा  रक्तरंजित क्रांती इतिहासाची पुनरावृत्ती....आनंदी आनंद गडे  जिकडे तिकडे चोहीकडे..

©निशांत

#nightsky

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