मुझे आज तक ये समझ नहीं आयी कि ये औरतें
अपना नग्न शरीर अपने पति के अलावा किसको
और क्यूँ ओर
किस लिए दिखाती हैं।
हम अपने संस्कार और संस्कृती भूल गए हैं।
लड़कियो के अनावश्यक नग्नता वाली पोशाक में
घूमने पर तर्क है....
इन कपड़ो के पीछे
कुछ लड़कियां कहती है कि
हम क्या पहनेगे ये हम तय करेंगे....
पुरुष नहीं.....
फिर कुछ विवेकहीन लड़किया कहती है कि
हमें आज़ादी है अपनी ज़िन्दगी जीने की.....
जी बिल्कुल आज़ादी है,
ऐसी आज़ादी सबको मिले,
सत्य ये है की अश्लीलता को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता।
अगर ये नग्नता आधुनिकता का प्रतीक है तो
फिर पूरा नग्न होकर स्त्रीयां अत्याधुनिकता का
परिचय क्यों नहीं देती?
©dev soni
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