प्रभा देवी आभा 🖋️

प्रभा देवी आभा 🖋️ Lives in Bilaspur, Chhattisgarh, India

प्रकृति ही ईश्वर है..ईश्वर ही प्रकृति है.. प्रकृति के पँच तत्वों से, मिली मनुज आकृति है... प्रभा ✍️

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गरल से नहीं सुधा पीने से डर लगता है मरने से नहीं तन्हा जीने से डर लगता है लम्बी सूनी जिंदगी की क्या ये डगर करें ? चार दीन की जिंदगी सही ,साथ हमसफर रहे साथ होकर भी उसके न होने से डर लगता है सुख दुःख में साथ हो कोई तो ये दील चाहे ज़ख्म भी हो तो हमदम मरहम बन जाए खुद ही दिल का जख्म सीने से डर लगता है खीजा में भी साथ उसका बहार से बढ़कर हैं फूल भी उसके बीना तलवार के धार से बढ़कर हैं पाकर भी फिर उसको खोने से डर लगता है प्रभा आभा..✍️ 29-04-2023 ¹¹pm

#sad_emotional_shayries #Hamsafar #Pattiyan  गरल से नहीं सुधा 
पीने से डर लगता है

मरने से नहीं तन्हा
जीने से डर लगता है

लम्बी सूनी जिंदगी की
क्या ये डगर करें ?
चार दीन की जिंदगी 
सही ,साथ हमसफर रहे

साथ होकर भी उसके 
न होने से डर लगता है

सुख दुःख में साथ हो 
कोई तो ये दील चाहे 
ज़ख्म भी हो तो हमदम 
मरहम बन जाए

खुद ही दिल का जख्म 
सीने से डर लगता है

खीजा में भी साथ उसका 
बहार से बढ़कर हैं
फूल भी उसके बीना 
तलवार के धार से बढ़कर हैं

पाकर भी फिर उसको 
खोने से डर लगता है

प्रभा आभा..✍️
29-04-2023 ¹¹pm

तू जा तेरी यादों को मेरे करीब रहने दे जैसा भी है जो है मेरा नसीब रहने दे मुस्कान लाने की कोशिश ना कर इन लबों पे कर नजरें भरी- भरी हैँ जी भर के बहने दे नजर आने की इन नजर में, अब ना कोशिश कर आंशुओ को ही निगाहों के अजीज रहने दे गम हैँ गर जिंदगी मे तो अधूरा क्यूँ ये हो दर्द को भी संग इनके सरिक रहने दे गम ही अब ज़िन्दगी मे जो रम गया है तो अब इन्हे भी साँसो के मुरीद रहने दे प्रभा आभा ✍️

#Women  तू जा तेरी यादों को
 मेरे करीब रहने दे
जैसा भी है जो है 
 मेरा नसीब रहने दे

मुस्कान लाने की कोशिश
ना कर इन लबों पे कर
नजरें भरी- भरी हैँ
जी भर के बहने दे 

नजर आने की इन
नजर में,
अब ना कोशिश कर 
 आंशुओ को ही 
निगाहों के अजीज रहने दे 

गम हैँ गर जिंदगी मे
तो अधूरा क्यूँ ये हो
दर्द को भी संग इनके
सरिक रहने दे

गम ही अब ज़िन्दगी मे
जो रम गया है तो 
अब इन्हे भी साँसो के
मुरीद रहने दे 

प्रभा आभा ✍️

#Women

12 Love

ज़िन्दगी तबाह मेरी , इल्जाम किसको दूं हमें तन्हां जीना सिखाया, क्या इनाम उसको दूं बूंद बूंद को मैं तरसता , गैरों को समन्दर दीया उसने हमें ज़हर जो पीलाया , क्यूं? अमृत नाम उसको दूं वो पीठ पिछे उड़ाता है मेरे इज्जत की धज्जियां और वो कहता है इज्जत सरेआम उसको दूं -आभा

#Problems  ज़िन्दगी तबाह मेरी , 
इल्जाम किसको दूं
हमें तन्हां जीना सिखाया,
 क्या इनाम उसको दूं
बूंद बूंद को मैं तरसता , 
गैरों को समन्दर दीया उसने
हमें ज़हर जो पीलाया , 
क्यूं? अमृत नाम उसको दूं
 वो पीठ पिछे उड़ाता है
 मेरे इज्जत की धज्जियां
और वो कहता है 
इज्जत सरेआम उसको दूं
-आभा

# #Problems

14 Love

जब तक ये ज़िन्दगी है तुम चलते रहना बस चलते रहना क्योंकि.. एक रास्ते बंद होने से ज़िन्दगी नहीं रूकती दूसरे रास्ते अपने आप खुल जाते है तब तक साँसे हैं तुम आगे बढ़ते रहना जो रास्ते मिलेंगे तो मंजिल भी मिलेगी जब तक जूनून हैं ताकत है.. हर कठिनाई का सामना करना तुम लड़ते रहना..। प्रभा आभा..✍️ 30.4.2023

#prabha_ki_kavitayen #Happiness #Heart #quots #Dard  जब तक 
ये ज़िन्दगी है
तुम चलते रहना 
बस चलते रहना

क्योंकि..
एक रास्ते बंद होने से
ज़िन्दगी नहीं रूकती
दूसरे रास्ते
अपने आप 
खुल जाते है
तब तक साँसे हैं
तुम आगे बढ़ते रहना

जो रास्ते मिलेंगे
तो मंजिल भी मिलेगी
जब तक जूनून हैं 
ताकत है..
हर कठिनाई का
 सामना करना
तुम लड़ते रहना..।

प्रभा आभा..✍️
 30.4.2023

उसे परवाह ही नहीं इस दिल की फिर भी इस दिल में आने की कोशिश क्यूँ करता है। किसी और को उसने दिल में बसा रखा है फिर मेरे दिल में खुद को बसाने की कोशिश क्यूँ करता है मै भूली तो नहीं आज भी उसे, हा मगर.. उसे याद कर करके पहले की तरह तड़पती नहीं दिन रात आँशुओ में डूबकर बहती नहीं छोड़ क्यूँ नहीं देता तन्हा मुझे मेरे हाल पर.. वो फिर से तड़पाने की कोशिश क्यूँ करता है। रत्ती भर भी वफ़ा उसने की नहीं एकतरफा निभाते रहे हम ही रिश्ते तोड़कर फिर से वो मेरी मोहब्बत को आजमाने की कोशिश क्यूँ करता है..। प्रभा "आभा"..✍️ 21/03/2023 Tuestday 03:25

#prabha_ki_kavitayen #sadquotes  उसे परवाह ही नहीं
इस दिल की
फिर भी इस दिल में
आने की
कोशिश क्यूँ करता है।
किसी और को
उसने दिल में बसा रखा है
फिर मेरे दिल में
खुद को बसाने की
कोशिश क्यूँ करता है
मै भूली तो नहीं आज भी उसे,
हा मगर..
उसे याद कर करके
पहले की तरह तड़पती नहीं
दिन रात आँशुओ में
डूबकर बहती नहीं 
छोड़ क्यूँ नहीं देता तन्हा
मुझे मेरे हाल पर.. 
वो फिर से तड़पाने की
कोशिश क्यूँ करता है।
रत्ती भर भी
वफ़ा उसने की नहीं
एकतरफा निभाते रहे
 हम ही 
रिश्ते तोड़कर फिर से 
वो मेरी मोहब्बत को
आजमाने की
कोशिश क्यूँ करता है..।

प्रभा "आभा"..✍️
21/03/2023
Tuestday
03:25

तुम चले गए छोड़कर हमें तन्हा मगर यूँ यादें बनकर वापस आना नहीं था..

#Happy  तुम चले गए छोड़कर
हमें तन्हा मगर
यूँ यादें बनकर
 वापस आना नहीं था..

#Happy

18 Love

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