पहले बना गुल खिला दिल मेरा गुलजार हो गया
उसने मुझे देखा इश्क़ कदर हमें उससे प्यार हो गया
नज़रो से इकरार करते करते हुज़ूर इश्क़ बेसुमार हो गया
कहते है हमसे दिल लगाओगे बड़ा पछताओगे
लेकिन उसे नहीं पता दिल नज़र से हट कर जिगर के पार हो गया
चलो छोड़ो अब ना हमारी गलती ना तुम्हारी
मै तुम्हारे प्रेम रोग का शिकार हो गया
सुनो तुमको मुझसे मोहब्बत है या हमदर्दी
जरा खुलके बताओ
खामोशी मे रहकर दिल ना जलाओ
बड़ी उम्मीदें है तुमसे जरा पास तो आओ दूरियों का बहाना बनाकर नज़रे ना चुराओ
ऐसे तो खुद ब खुद मौत को गले नहीं लगाया होगा उस प्यार इंसान ने .
जरूर उसको भी एक बार अपने जिंदगी जीने का ख्याल आया होगा
फिर उस कारण ने उसको मजबूर कर दिया होगा खुद ख़ुशी करने पर
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