Diwakar Tripathi

Diwakar Tripathi Lives in Mumbai, Maharashtra, India

कला से सारा ब्रम्हांड परिभाषित है |

  • Latest
  • Popular
  • Video

हर कोई खींचेगा चरित्र तुम्हारा अपनी नज़रों से, कोई कायर समझेगा तो कोई बलवान, कोई जानेगा तुम्हारी दु:खती रग, तो कोई जिजीविषा के लिए देगा तुम्हे सम्मान, कइयों की नज़रों में हारे हुए होगे तुम, कइयों की कहानियों में दरकिनार होगे तुम, होगे सिरफिरे तुम, कइयों के लिए, तो कोई संजीदा समझेगा, रंजीदा मत होना, लोग तो यूं ही दावा करते हैं, सबको जानने का ,पहचानने का, पर जब वो लोग खुद से मुखातिब होते हैं अकेले मे, तो डरते हैं, ख़ुद से खुद को जानने में। पर तुम्हे ये साहस करना होगा, ख़ुद का मूल तुम्हे जानना होगा, देखना होगा तटस्थ हो, ख़ुद को ख़ुद की नज़रों से, फिर जो मिले स्वीकारना होगा उसे, वैसा ही जैसा है, वो चरित्र तुम्हारा है। ©Diwakar Tripathi

#ज़िन्दगी #GoldenHour  हर कोई खींचेगा चरित्र तुम्हारा अपनी नज़रों से,
कोई कायर समझेगा तो कोई बलवान,
कोई जानेगा तुम्हारी दु:खती रग, 
तो कोई जिजीविषा के लिए 
देगा तुम्हे सम्मान,
कइयों की नज़रों में हारे हुए होगे तुम,
कइयों की कहानियों में दरकिनार होगे तुम,

होगे सिरफिरे तुम, कइयों के लिए, 
तो कोई संजीदा समझेगा,
रंजीदा मत होना,
लोग तो यूं ही दावा करते हैं,
सबको जानने का ,पहचानने का,
पर जब वो लोग खुद से मुखातिब होते हैं अकेले मे,
तो डरते हैं, ख़ुद से खुद को जानने में।

पर  तुम्हे ये साहस करना होगा,
ख़ुद का मूल तुम्हे जानना होगा,
देखना होगा तटस्थ हो,
ख़ुद को ख़ुद की नज़रों से,
फिर जो मिले स्वीकारना होगा उसे,
वैसा ही जैसा है,
 वो चरित्र तुम्हारा है।

©Diwakar Tripathi

#GoldenHour

11 Love

शब्द, रूठ गए हैं मुझसे, चाहते हैं आना, पर मानस पर दस्तक न देते हैं, उन्हें व्यस्तता बिल्कुल नहीं भाती, कहते हैं, सहज होना होगा मुझे, हटाना होगा ये पर्दा समझदारी का, अबोध होना होगा और निश्चल भी, जब मन की लहरें शांत होगी, और, ख़ुद को स्वयंभू ना मानोगे, तो सोचेंगे आने का । ©Diwakar Tripathi

 शब्द,
 रूठ गए हैं मुझसे,
चाहते हैं आना, पर मानस 
पर दस्तक न देते हैं,
उन्हें व्यस्तता बिल्कुल नहीं भाती,
कहते हैं,
 सहज होना होगा मुझे,
हटाना होगा ये पर्दा समझदारी का,
अबोध होना होगा और निश्चल भी, 
जब मन की लहरें शांत होगी,
और,
ख़ुद को स्वयंभू ना मानोगे,
तो सोचेंगे आने का ।

©Diwakar Tripathi

शब्द

8 Love

सुनो कुछ ना कुछ लगा रहेगा ......

97 View

जीना है तो रचना होगा, नित ख़ुद की राह भी गढ़ना होगा, चुनौतियां तो लाज़िम है, अपना मान उन्हें बढ़ना होगा। संशय भी तो ब्रह्म रचित है, कुहासा बन मन पर छायेगा। तुम एक बार बस दो ग़ज नापो, कितना भी हो छट जाएगा। सृजन से सृजित मन ना विचलित होगा, नए द्वार वो खुद खोलेगा, खुद को बस मान के संबल, तुम्हें अडिग हो टिकना होगा। जीना है तो रचना होगा...... कभी स्वांग भी करना होगा, कभी दंभ भी भरना होगा, मन रूपी बालक को समझाने, तुम्हें जतन भी करना होगा। देखो ये कहीं हार ना माने, जग प्रपंच को ना पहचाने, इसकी माया से बिरक्त हो, अपनी धुन मे रमना होगा। जीना है तो रचना होगा... 🙏🙏🙏 ©Diwakar Tripathi

#Quotes #alone  जीना है तो रचना होगा,
 नित ख़ुद की राह भी गढ़ना होगा,
 चुनौतियां तो लाज़िम है,  
अपना मान उन्हें बढ़ना होगा।

संशय भी तो ब्रह्म  रचित है, 
कुहासा बन मन पर छायेगा।
तुम एक बार बस दो ग़ज नापो, 
कितना भी हो छट जाएगा। 

सृजन से सृजित मन ना विचलित होगा, 
नए द्वार वो खुद खोलेगा, 
खुद को बस मान के संबल, 
तुम्हें अडिग हो टिकना होगा।

जीना है तो रचना होगा...... 

 कभी स्वांग भी करना होगा, 
कभी दंभ भी भरना होगा, 
मन रूपी बालक को समझाने, 
तुम्हें जतन भी करना होगा। 
देखो ये कहीं हार ना माने,
 जग प्रपंच को ना पहचाने, 
इसकी माया से बिरक्त हो, 
अपनी धुन मे रमना होगा। 

जीना है तो रचना होगा...
🙏🙏🙏

©Diwakar Tripathi

walk alone on path #alone

0 Love

चलो ठहर जाएँ ज़रा इक दरख्त के नीचे दो पल तो चैन आए धूप की इन्तहा है जैसे सूरज तकरार किए बैठा है । ©Diwakar Tripathi

#Quotes #Nature  चलो ठहर जाएँ ज़रा
इक दरख्त के नीचे
दो पल
तो चैन आए 
धूप की इन्तहा है
जैसे सूरज तकरार किए बैठा है ।

©Diwakar Tripathi

#Nature

0 Love

#inspirational #Motivational #Motivation
Trending Topic