Rimpy Ankur Leekha

Rimpy Ankur Leekha

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#शायरी #Reindeer  बदल सके पैसा महज, रहन, सहन, तस्वीर
खरबों में न बदल सके, ज्ञान, समझ, तकदीर

©Rimpy Ankur Leekha

#Reindeer

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#शायरी #Happiness  जीवन में होता नहीं, पूरा हर अरमान
एक साथ मिलते नहीं, अश्रु और मुस्कान
अश्रु और मुस्कान, साथ जब मिलकर आएं
जी लो जी भर भाव, लौट वो पल न जाएं
हाथ जोड़ फिर कहो, शुक्रिया तेरा भगवन 
हीरे से पल मिले, सुखद है मेरा जीवन
✍️ रिम्पी अंकुर लीखा

©Rimpy Ankur Leekha

#Happiness

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किसी वेदों पुराणों में, समा सकती नही है मां प्रणेता सृष्टि का है जो, उसे रचने वाली है मां शरद में धूप सी है वो, लगे गर्मी में शीतल छां अमीरी हो कि लाचारी, सदा शादाब सी है मां ©Rimpy Ankur Leekha

#शायरी #mother❤️  किसी वेदों पुराणों में, समा सकती नही है मां
 प्रणेता सृष्टि का है जो, उसे रचने वाली है मां

शरद में धूप सी है वो, लगे गर्मी में शीतल छां
अमीरी हो कि लाचारी, सदा शादाब सी है मां

©Rimpy Ankur Leekha

#mother❤️

14 Love

#सतरंगी #कविता  
काश! मैं पानी हो जाऊ

हर रंग में रंग जाऊं
हर सांचे में ढल जाऊं
खुदा मुझ पर ये रहमत बरपाए
काश मैं पानी हो जाउं
कभी बारिश बन 
खुशियों की बोछर लाऊं
कभी नहर बन 
दूर पहाड़ों में जाऊ
कभी बन जाऊं झरना
और प्रकृति की सुंदरता बढ़ाउं
सब कुछ मैं खुद में समाती चली जाऊं
काश मै पानी हो जाऊं
चाहूं में खुशियों भारी
आंखों में रहना
दुख का समुंदर बन
मुझको ना बहना
हरा, लाल , नीला सुनहरा हो
मेरा रंग कभी मैला न हो
बादलों से मिलकर सतरंगी हो जाऊं
काश मैं पानी हो जाऊं
🖋️ रिम्पी लीखा

©Rimpy Ankur Leekha
#बेटियां #कविता  भूलकर अपने सपने सुहाने सभी
खुद को तजकर खिले जैसे खिलती जमीं
खिलखिलाहट से इनकी जवां हम हैं
बेटों से बेटियां ये ....

बेटों से भी बड़ा इनका अभिमान है 
दो दो घर का इन्हीं से तो सम्मान है
मिलते इनको विरासत में संयम हैं
बेटों से बेटियां ये...

सेवा करती हैं ये, दुख को हरती हैं ये
काटों में भी कुसुम सा महकती हैं ये
गहरे हर जख्म का होती मरहम हैं
बेटों से बेटियां ये...

पूरी करती हैं घर की वो सारी कमी
लक्ष्मी (बेटियों) से ही फलती है घर की ज़मीं
इनके कदमों में खुशियों के संगम हैं
बेटों से बेटियां ये ...

©Rimpy Ankur Leekha
#शायरी #Betiyan  भूलकर अपने सपने सुहाने सभी
खुद को तजकर खिले जैसे खिलती जमीं
खिलखिलाहट से इनकी जवां हम हैं
बेटों से बेटियां ये ....

बेटों से भी बड़ा इनका अभिमान है 
दो दो घर का इन्हीं से तो सम्मान है
मिलते इनको विरासत में संयम हैं
बेटों से बेटियां ये...

सेवा करती हैं ये, दुख को हरती हैं ये
काटों में भी कुसुम सा महकती हैं ये
गहरे हर जख्म का होती मरहम हैं
बेटों से बेटियां ये...

पूरी करती हैं घर की वो सारी कमी
लक्ष्मी (बेटियों) से ही फलती है घर की ज़मीं
इनके कदमों में खुशियों के

©Rimpy Ankur Leekha

#Betiyan

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